World Diabetes Day: डायबिटीज को देनी है मात तो इन 2 बातों का रखें खास ख्‍याल

वर्ल्‍ड डायबिटीज डे के मौके पर हम आपको डायबिटीज को कंट्रोल करने के 2 सबसे अच्‍छे टिप्‍स के बारे में बता रहे हैं। 

diabetes symptoms
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हर साल 14 नवम्‍बर को वर्ल्‍ड डायबिटीज डे मनाया जाता है ताकि इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक और शिक्षित कराया जा सकें। क्‍योंकि अगर इसे कंट्रोल न किया जाये तो यह अन्‍य कई तरह की बीमारियों जैसे किडनी में प्रॉब्‍लम्‍स, आंखों में परेशानी यहां तक की हार्ट की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। और जागरूक रहकर ही कोई भी व्‍यक्ति इस बीमारी को आसानी से कंट्रोल करके हेल्‍दी जीवन जी सकता है।

जी हां डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हाई ब्‍लड ग्‍लूकोज के लेवल से होती है। यह पैनक्रिया और इंसुलिन का उत्पादन एवं उपयोग करने की विफलता के परिणामस्वरूप होती है। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि जागरूकता और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल जैसे 2 उपायों को अपनाकर आप डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर सकते है।

डायबिटीज के टाइप

प्री-डायबिटीज, जो टाइप 2 डायबिटीज का पहली स्‍टेज है वहीं टाइप-1 डायबिटीज, जो बच्चों और युवा वयस्कों में अधिक प्रचलित है। टाइप-1 डायबिटीज में, शरीर इंसुलिन उत्पन्न नहीं करता है। जबकि टाइप-2 डायबिटीज को हाइपरग्लेसेमिया या इंसुलिन प्रतिरोध भी कहा जाता है और यह डायबिटीज का सबसे आम रूप है।

इसे जरूर पढे़ं: दवाओं से नहीं इन 3 आयुर्वेदिक टिप्‍स से करें अपनी डायबिटीज कंट्रोल

diabetes treatment

डायबिटीज के लक्षण

डायबिटीज के लक्षणों और नैदानिक परीक्षणों पर प्रकाश डालते हुए ऑनक्यूस्ट लेबोरेटरीज के मुख्य संचालन अधिकारी और लैब डायरेक्‍टर डॉक्‍टर रवि गौर ने कहा, "डायबिटीज से संबंधित कुछ सामान्य लक्षण भूख और प्यास, लगातार यूरीन आना, वजन कम होना, थकान, धुंधलापन और लगातार इंफेक्‍शन या घावों का देर से ठीक होना शामिल है।"

डायबिटीज का निदान

उन्होंने कहा, "डॉक्टरों के लिए, लक्षणों के आधार पर टाइप 1 डायबिटीज का निदान करना आसान है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज है या नहीं, वे ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (ए 1 सी), भोजन के बाद ब्‍लड शुगर टेस्‍ट, खाली पेट ब्‍लड शुगर टेस्‍ट, और ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट जैसे कुछ टेस्‍ट की सलाह देते हैं।

डायबिटीज से बचाव के उपाय

डॉक्‍टर गौर ने कहा, "हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल के माध्यम से टाइप-2 डायबिटीज को रोका या टाला जा सकता है, जिसमें फाइबर का अच्छा सेवन, शारीरिक गतिविधियों के लेवल में वृद्धि, वेट कंट्रोल, बेहतर नींद लेने के साथ बैलेंस डाइट शामिल है। सकारात्मक नैदानिक रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, रोगी को एक योग्य और अनुभवी एंडोक्राइनोलॉजिस्ट द्वारा दी गई दवाओं और सुझावों का सख्ती से पालन करना चाहिए।"

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एक्‍सपर्ट की राय

आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट अबरार मुल्‍तानी जी कहना है कि मधुमेह का शाब्दिक अर्थ जानने के लिए हमें इसे दो भागों में बांटना पड़ेगा मधु + मेह अर्थात वह रोग जिसमें मूत्र (मेह) में शहद (मधु) जैसी मिठास उत्पन्न होती है। आयुर्वेद में आचार्यों ने इसका एक लक्षण बताया है कि जिस मूत्र की तरफ चींटियां भागी चली आएं। पहले जब लैब टेस्ट या ग्लूकोमीटर नहीं हुआ करते थे उस समय डायबिटीज को निदान ऐसा किया जाता था, मूत्र में चींटियों का लगना अर्थात डायबिटीज रोग। अगर आपको अभी पता चला है कि आपकी शुगर बढ़ गई है तो आप ज़िन्दगी भर लेने वाली दवाई की जगह इसे आयुर्वेद, योग और डाइट से कुछ दिनों या महीनों में ठीक कर सकती हैं। जी हां अनियमित दिनचर्या को ठीक करके भी अधिकांश लोग अपनी डायबिटीज को कंट्रोल में कर लेते हैं। तनाव से लड़ना सीखना, बेवजह के डर को दूर करने से भी डायबिटीज नॉर्मल हो जाती है। यह विकल्प चुनकर हम शत-प्रतिशत डायबिटीज रोगियों को तो इस रोग से मुक्ति नहीं दिलवा सकते है, लेकिन हां, अधिकांश रोगियों को मुक्ति दिलवाई जा सकती है, केवल 20 से 30 प्रतिशत रोगियों को ही जीवन भर दवाओं पर निर्भर रहने की जरूरत पड़ती है।

डायबिटीज में परहेज

अबरार मुल्‍तानी जी का कहना है कि डायबिटीज में कुछ चीजों को परहेज करना चाहिए। जैसे ग्लूकोज़, चीनी, जैम, गुड़, मिठाईयां, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्रीज और चाकलेट, तला हुआ भोजन या प्रोसेस्‍ड फूड आदि खाना डायबिटीज में नुकसान पहुंचाता हैं। साथ ही अल्कोहल का सेवन या कोल्‍ड ड्रिंक भी डायबिटीज़ के मरीजों के लिए हानिकारक है। डायबिटीज रोगियों को धूम्रपान से दूर रहने के साथ ही सूखे मेवे, बादाम, मूंगफली, आलू और शकरकंद जैसी सब्ज़ियां बहुत कम या बिल्‍कुल नहीं खाना चाहिए। फलों में केला, शरीफा, चीकू, अंजीर और खजूर से परहेज करना चाहिए।

इसे जरूर पढे़ं: ये फूड खाएं टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को दूर भगाएं

diabetes diet

डायबिटीज में क्‍या खाएं

सलाद के साथ ही सब्जियों में मेथी, पालक, करेला, बथुआ, सरसों का साग, सोया का साग, सीताफल, ककड़ी, तोरई, टिंडा, शिमला मिर्च, भिंडी, सेम, शलजम, खीरा, ग्‍वारफली, चने का साग और गाजर आदि फायदा पहुंचाते हैं। इसके अलावा डायबिटीज के रोगियों को फाइबर व ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्‍त डाइट ज्‍यादा से ज्‍यादा लेनी चाहिए।

Source: IANS

हर साल 14 नवम्‍बर को वर्ल्‍ड डायबिटीज डे मनाया जाता है ताकि इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक और शिक्षित कराया जा सकें। क्‍योंकि अगर इसे कंट्रोल न किया जाये तो यह अन्‍य कई तरह की बीमारियों जैसे किडनी में प्रॉब्‍लम्‍स, आंखों में परेशानी यहां तक की हार्ट की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। और जागरूक रहकर ही कोई भी व्‍यक्ति इस बीमारी को आसानी से कंट्रोल करके हेल्‍दी जीवन जी सकता है।

जी हां डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हाई ब्‍लड ग्‍लूकोज के लेवल से होती है। यह पैनक्रिया और इंसुलिन का उत्पादन एवं उपयोग करने की विफलता के परिणामस्वरूप होती है। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि जागरूकता और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल जैसे 2 उपायों को अपनाकर आप डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर सकते है।

डायबिटीज के टाइप

प्री-डायबिटीज, जो टाइप 2 डायबिटीज का पहली स्‍टेज है वहीं टाइप-1 डायबिटीज, जो बच्चों और युवा वयस्कों में अधिक प्रचलित है। टाइप-1 डायबिटीज में, शरीर इंसुलिन उत्पन्न नहीं करता है। जबकि टाइप-2 डायबिटीज को हाइपरग्लेसेमिया या इंसुलिन प्रतिरोध भी कहा जाता है और यह डायबिटीज का सबसे आम रूप है।

इसे जरूर पढे़ं: दवाओं से नहीं इन 3 आयुर्वेदिक टिप्‍स से करें अपनी डायबिटीज कंट्रोल

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डायबिटीज के लक्षण

डायबिटीज के लक्षणों और नैदानिक परीक्षणों पर प्रकाश डालते हुए ऑनक्यूस्ट लेबोरेटरीज के मुख्य संचालन अधिकारी और लैब डायरेक्‍टर डॉक्‍टर रवि गौर ने कहा, "डायबिटीज से संबंधित कुछ सामान्य लक्षण भूख और प्यास, लगातार यूरीन आना, वजन कम होना, थकान, धुंधलापन और लगातार इंफेक्‍शन या घावों का देर से ठीक होना शामिल है।"

डायबिटीज का निदान

उन्होंने कहा, "डॉक्टरों के लिए, लक्षणों के आधार पर टाइप 1 डायबिटीज का निदान करना आसान है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज है या नहीं, वे ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (ए 1 सी), भोजन के बाद ब्‍लड शुगर टेस्‍ट, खाली पेट ब्‍लड शुगर टेस्‍ट, और ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट जैसे कुछ टेस्‍ट की सलाह देते हैं।

डायबिटीज से बचाव के उपाय

डॉक्‍टर गौर ने कहा, "हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल के माध्यम से टाइप-2 डायबिटीज को रोका या टाला जा सकता है, जिसमें फाइबर का अच्छा सेवन, शारीरिक गतिविधियों के लेवल में वृद्धि, वेट कंट्रोल, बेहतर नींद लेने के साथ बैलेंस डाइट शामिल है। सकारात्मक नैदानिक रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, रोगी को एक योग्य और अनुभवी एंडोक्राइनोलॉजिस्ट द्वारा दी गई दवाओं और सुझावों का सख्ती से पालन करना चाहिए।"

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एक्‍सपर्ट की राय

आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट अबरार मुल्‍तानी जी कहना है कि मधुमेह का शाब्दिक अर्थ जानने के लिए हमें इसे दो भागों में बांटना पड़ेगा मधु + मेह अर्थात वह रोग जिसमें मूत्र (मेह) में शहद (मधु) जैसी मिठास उत्पन्न होती है। आयुर्वेद में आचार्यों ने इसका एक लक्षण बताया है कि जिस मूत्र की तरफ चींटियां भागी चली आएं। पहले जब लैब टेस्ट या ग्लूकोमीटर नहीं हुआ करते थे उस समय डायबिटीज को निदान ऐसा किया जाता था, मूत्र में चींटियों का लगना अर्थात डायबिटीज रोग। अगर आपको अभी पता चला है कि आपकी शुगर बढ़ गई है तो आप ज़िन्दगी भर लेने वाली दवाई की जगह इसे आयुर्वेद, योग और डाइट से कुछ दिनों या महीनों में ठीक कर सकती हैं। जी हां अनियमित दिनचर्या को ठीक करके भी अधिकांश लोग अपनी डायबिटीज को कंट्रोल में कर लेते हैं। तनाव से लड़ना सीखना, बेवजह के डर को दूर करने से भी डायबिटीज नॉर्मल हो जाती है। यह विकल्प चुनकर हम शत-प्रतिशत डायबिटीज रोगियों को तो इस रोग से मुक्ति नहीं दिलवा सकते है, लेकिन हां, अधिकांश रोगियों को मुक्ति दिलवाई जा सकती है, केवल 20 से 30 प्रतिशत रोगियों को ही जीवन भर दवाओं पर निर्भर रहने की जरूरत पड़ती है।

डायबिटीज में परहेज

अबरार मुल्‍तानी जी का कहना है कि डायबिटीज में कुछ चीजों को परहेज करना चाहिए। जैसे ग्लूकोज़, चीनी, जैम, गुड़, मिठाईयां, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्रीज और चाकलेट, तला हुआ भोजन या प्रोसेस्‍ड फूड आदि खाना डायबिटीज में नुकसान पहुंचाता हैं। साथ ही अल्कोहल का सेवन या कोल्‍ड ड्रिंक भी डायबिटीज़ के मरीजों के लिए हानिकारक है। डायबिटीज रोगियों को धूम्रपान से दूर रहने के साथ ही सूखे मेवे, बादाम, मूंगफली, आलू और शकरकंद जैसी सब्ज़ियां बहुत कम या बिल्‍कुल नहीं खाना चाहिए। फलों में केला, शरीफा, चीकू, अंजीर और खजूर से परहेज करना चाहिए।

इसे जरूर पढे़ं: ये फूड खाएं टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को दूर भगाएं

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डायबिटीज में क्‍या खाएं

सलाद के साथ ही सब्जियों में मेथी, पालक, करेला, बथुआ, सरसों का साग, सोया का साग, सीताफल, ककड़ी, तोरई, टिंडा, शिमला मिर्च, भिंडी, सेम, शलजम, खीरा, ग्‍वारफली, चने का साग और गाजर आदि फायदा पहुंचाते हैं। इसके अलावा डायबिटीज के रोगियों को फाइबर व ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्‍त डाइट ज्‍यादा से ज्‍यादा लेनी चाहिए।

Source: IANS

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