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पीरियड्स में तेज दर्द और हैवी ब्लीडिंग की वजह हो सकता है यह हार्मोन, इन 7 तरीकों से करें मैनेज

पीरियड्स में कई महिलाओं को तेज दर्द होता है, वहीं कई बार इन दिनों में तेज ब्लीडिंग होती है, इसके पीछे एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता हो सकती है। इसे मैनेज करने के लिए इन तरीकों की मदद लें।  
Editorial
Updated:- 2025-07-22, 19:04 IST

पीरियड्स में हैवी फ्लो होने का क्या कारण है?
मेरे पीरियड में इतनी ब्लीडिंग और दर्द क्यों हो रहा है?
मुझे पीरियड्स में ब्लड क्लॉट्स क्यों आ रहे हैं?
पीरियड में बहुत ज्यादा दर्द क्यों होता है?
अगर आप भी हर महीने इन दिक्कतों से दो-चार होती हैं, तो यह नॉर्मल नहीं है। पीरियड्स का हर महीने समय पर आना नॉर्मल है। लेकिन, इसमें तेज दर्द होना, ब्लीडिंग हैवी होना और ब्लड क्लॉट्स आना सही नहीं है। यह इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ा हुआ है। जब शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल एस्ट्रोजन हार्मोन से कम हो जाता है, तो ऐसा होता है। ऐसे में एस्ट्रोजन को मैनेज करने के लिए आपको डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ खास बदलाव करना चाहिए। इस बारे में डाइटिशियन मनप्रीत जानकारी दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने पर पीरियड्स में हो सकता है तेज दर्द और ब्लीडिंग, ऐसे करें मैनेज

 

 

 

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  • एक्सपर्ट का कहना है कि हमारे खाने-पीने की जीवनशैली का सीधा असर हमारे हार्मोन्स पर होता है। सही खान-पान जहां हार्मोन्स को बैलेंस रखता है। वहीं, अगर आप अनहेल्दी डाइट लेती हैं, तो इससे हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव होने लगता है।
  • हार्मोनल इंबैलेंस के कारण,पीसीओएस और थायराइड समेत कई बीमारियां हो सकती हैं।
  • ब्रॉकली और पत्तागोभी जैसी क्रूसिफेरस सब्जियों को डाइट में शामिल करें। इससे लिवर डिटॉक्स होता है और शरीर से अतिरिक्त एस्ट्रोजन बाहर निकलता है।
  • फ्लैक्स सीड्स, लहसुन और हल्दी खाएं। ये एंटी-इंफ्लेमेटरी और हार्मोन-फ्रेंड्ली फूड्स हैं, जो एस्ट्रोजन को कम करने में मदद करते हैं।
  • प्लास्टिक के जार और बोतलों में खाना या पीने की चीजें न रखें। इससे भी शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होता है।

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curd for gut health

  • दही और फर्मेंटेड फूड्स जैसे प्रोबायोटिक्स को डाइट में शामिल करें। इससे गट हेल्थ में सुधार होता है और अतिरिक्त एस्ट्रोजन को बाहर निकलने में मदद मिलती है।
  • एल्कोहल से दूरी बनाएं। यह लिवर डिटॉक्स को धीमा करती है।
  • तनाव से दूर रहें। क्रॉनिक स्ट्रेस शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है और इससे एस्ट्रोजन के लेवल पर असर होता है। योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
  • कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें। इससे एस्ट्रोजन को स्टोर करने वाली फैट सेल्स कम होती हैं।

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पीरियड्स में तेज दर्द और हैवी ब्लीडिंग को मैनेज करने के लिए एस्ट्रोजन हार्मोन का सही होना जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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