लंबे समय तक जवां और खूबसूरत दिखना हर महिला की सपना होता है। हालांकि उम्र को रोका नहीं जा सकता है लेकिन इसे कुछ सालों के लिए टाला जा सकता है। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे योगासन लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप इस प्रोसेस को थोड़ा आगे बढ़ा सकती हैं।
इससे पहले कि आप बहुत उत्साहित हों, आपको पता होना चाहिए कि योग आपके शरीर को बूढ़ा होने से नहीं रोक सकता है और न ही झुर्रियों और फाइन लाइन्स से छुटकारा दिला सकता है। हालांकि, यह आपको अंदर से जवां और खूबसूरत महसूस कराता है। योग एक आंतरिक विज्ञान है और आप कैसी दिखती हैं, इससे कोई सरोकार नहीं है। इसके बजाय, यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि आप शारीरिक और मानसिक रूप से कैसा महसूस करती हैं, क्योंकि वह आंतरिक रूप से जुड़े हुआ है। आइए आपको अंदर से जवां बनाने वाले कुछ योगासन के बारे में जानें। लेकिन सबसे पहले यह जान लेते हैं कि योग एजिंग का मुकाबला करने में कैसे मदद करता है।
तनाव से राहत देता है- रिटायरमेंट जादुई रूप से आपके तनाव को दूर नहीं करता है और बढ़ती उम्र के साथ इसका सामना करना मुश्किल हो सकता है। योग आपके भीतर संतुलन की भावना लाने के लिए शारीरिक, भावनात्मक और एनर्जी लेवल पर काम करता है।
याददाश्त में सुधार- जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है आपके ब्रेन के सेल्स डेड होने लगते हैं। योग और ध्यान अल्जाइमर के शुरुआती लक्षणों से लड़ने के लिए याददाश्त बढ़ाने वाले एक्सरसाइज की तुलना में अधिक प्रभावी हैं।
रीढ़ की हड्डी को करता है मजबूत- जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी रीढ़ की हड्डी में लचीलापन कम होने लगता है, यही वजह है कि आपको झुकने या खेल खेलने में मुश्किल आती है। योग का अभ्यास धीरे-धीरे पीठ की मसल्स को मजबूत करता है और कंधों में स्ट्रेस फ्री करता है।
अंगों के लिए अच्छा- बुढ़ापा आपकी मसल्स और हड्डियों को नहीं बल्कि आपके अंगों को भी प्रभावित करता है। योग, विशेष रूप से उल्टी मुद्राओं से आपके आंतरिक अंगों की मालिश होती हैं और उन्हें डिटॉक्सीफाई करने में मदद मिलती हैं।
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अगर आप बढ़ती उम्र के साथ जवां लुक और एनर्जी को नहीं खोना चाहती हैं, तो इस आर्टिकल में बताए 4 योग को रोजाना करके आप उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को टाल सकती हैं।
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वृक्षासन को करने से आपकी मुद्रा पेड़ की आकार की हो जाती है इसलिए इसे ट्री पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह आपके संतुलन में सुधार करता है और पैरों, ग्लूट्स और एब्स को ताकत देता है।
इसे फॉरवर्ड बेंड पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह मुद्रा आपके जोड़ों और मसल्स को वार्म-अप करने के लिए बहुत अच्छी है। पश्चिमोत्तानासन को करते समय शरीर के पिछले हिस्से यानि रीढ़ में स्ट्रेच महसूस होता है इसलिए इस आसन को पश्चिमोत्तानासन कहा जाता है।
वीरभद्रासन से ग्लूट्स, पैरों, एब्स और बाजुओं को मजबूत आती है और उनमें स्ट्रेच भी आता है।
अधोमुखश्वानासन को डाउनवर्ड डॉग पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुमुखी मुद्रा रीढ़ को मजबूत करती है और लचीलेपन को बढ़ाते हुए मस्तिष्क में सर्कुलेशन में सुधार करती है।
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आप भी इन योगासन को करके अंदर से जवां और खूबसूरत महसूस कर सकती हैं। फिटनेस से जुड़े और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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