पेट में दर्द हो या दांत में, दादी मां हमेशा हमें किचन में मौजूद चीजों को लेने की सलाह देती हैं। हमारे घर के बुजुर्गों के पास हमारी हर समस्या का समाधान मिल जाता है। यह उपाय रामबाण की तरह काम करते हैं और समस्याओं को नेचुरली आसानी से दूर कर देते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने वाले दादी मां के बताए नुस्खे लेकर आए हैं। इन नुस्खों को आप अपनी किचन में मौजूद चीजों के इस्तेमाल से कर सकती हैं।
जी हां किचन में मौजूद मसाले खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ इम्यूनिटी और वेट लॉस को बढ़ावा देने, त्वचा के स्वास्थ्य और पाचन में सुधार करने और एंटी-ऑक्सीडेंट से भी समृद्ध है। मेरी दादी मां ने शरीर को ठीक करने के लिए विभिन्न मसालों का उपयोग करने के अद्भुत तरीके बताए हैं जो आज मैं आपके साथ शेयर कर रही हूं। मुझे उम्मीद है कि इनका इस्तेमाल करके आपको भी बहुत फर्क महसूस होगा।
कटने, ब्लीडिंग को रोकने या जलने का इलाज करने के लिए सबसे अच्छा उपायों में से एक है उस जगह पर हल्दी को छिड़कना। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घावों को नेचुरल तरीके से भरता है।
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काली मिर्च की चाय आपको कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देती है। यह सर्दी, खांसी और सूजन से राहत देने में मदद करती है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मदद करती है और नियमित रूप से काली मिर्च की चाय का सेवन आपके संपूर्ण हेल्थ के लिए अच्छा होता है।
दालचीनी का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। साथ ही यह वजन कम करने में भी मदद करता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि सांस की बदबू के इलाज के लिए दालचीनी सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचारों में से एक है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं।
अदरक सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इससे न केवल पेट दर्द और कोल्ड और कफ को दूर किया जा सकता है बल्कि आपको सिरदर्द की समस्या से भी निजात दिलाता है। ऐसा इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण होता है। साथ ही कई बार सिरदर्द ब्लड फ्लो ठीक ना होने के कारण होता है। ऐसे में अदरक का रस ब्ल्ड को बैलेंस करने का काम करता है।
विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर जीरा डाइजेशन को बेहतर बनाने और पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि इससे आप अपने वजन को तेजी से कम कर सकती हैं। यह मेटाबॉलिज्म को तेज और डाइजेशन में सुधार करके कैलोरी को जलाने में मदद करता है।
आपने देखा होगा कि जब भी हमारे दांत में दर्द होता है तो दादी मां हमें दांत में लौंग दबाने के लिए कहती हैं और ऐसा करने के कुछ देर बाद ही दांत का दर्द दूर भाग जाता है। ऐसा इसलिए लौंग में एक्टिव तत्व होता है जिसे यूजेनॉल के रूप में जाना जाता है, जो दांत दर्द को शांत करने के लिए एक प्राकृतिक संवेदनाहारी है।
भारतीय मसाले अजवाइन का उपयोग हर घर में सालों से होता आ रहा है। जिसकी तेज खुश्बू खाने के स्वाद को बढ़ा देती है। अजवाइन एसिडिटी, ब्लॉटिंग, अपच, पेट में दर्द या पेट फूलने जैसी डाइजेशन संबंधी समस्याओं में मदद करता है।
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दादी-मां के इन नुस्खों को अपनाकर आप भी अपनी छोटी-छोटी समस्याओं को दूर कर सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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