हमारे देश में पश्चिम और उत्तर में रहने वाले ज्यादातर लोग रोटी का सेवन करते हैं। चावल का सेवन कम से कम किया जाता है। अब ऐसे देश में जहां रोटी के लिए आदमी दिन भर मेहनत करता है, अगर वही उसे खराब मिले तो क्या कहेंगे? ठेले और ढाबों में जो पूड़ी या रोटी आप खाते हैं, अगर आपको पता लगे कि वह नकली आटे से बनाई गई है, को क्या कहेंगे? जो आटा आप घर ला रही हैं और बच्चों को रोटी बनाकर खिला रही है, अगर वह मिलावटी निकले तो?
इन दिनों ऐसी कितनी सारी चीजें हैं, जिनमें मिलावट की जा रही है। इसमें आटा भी सेफ नहीं है। लोग मसालों के साथ-साथ आटे में भी भारी मिलावट करते हैं। इससे रोटी का स्वाद ही नहीं खराब होता, बल्कि सेहत पर भी असर पड़ता है।
क्या आपको पता है दिखने में साफ और रंग में एकसार आटा भी कभी-कभी जाली हो सकता है? इसमें चॉक पाउडर, मैदा, स्टार्च या ब्लीचिंग एजेंट जैसे हानिकारक तत्व मिलाए जा सकते हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस लेख में हम आपके लिए लाए हैं आसान और प्रभावशाली घरेलू ट्रिक्स जिनसे आप खुद अपने किचन में ही यह जांच सकती हैं कि आपके घर में इस्तेमाल हो रहा आटा असली है या नकली।
1. पानी वाला साधारण टेस्ट करके देखें
आप बहुत ही आसानी से बस पानी की मदद से आटे की शुद्धता जांच सकती हैं। एक कटोरी पानी में एक चम्मच आटा डालिए और बिना हिलाए कुछ देर के लिए छोड़ दीजिए।
अगर आटा धीरे-धीरे तली में बैठ जाए, तो समझिए वो शुद्ध है। अगर ऊपर तैरता है या बारीक दानों की परत ऊपर जम जाती है, तो उसमें मिलावट की संभावना हो सकती है, खासकर मैदा या चॉक पाउडर की। ऐसे आटे को खाने से बचना चाहिए।
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2. आयोडीन वाला टेस्ट
बाजार में आयोडीन आसानी से मिल जाता है। आप इससे भी आटे की शुद्धता की पहचान कर सकती हैं। अगर आपको लग रहा है कि आपके आटे में स्टार्च मिलाया गया है, तो आप आयोडीन की कुछ बूंदों से उसका पता लगा सकती हैं।
इसके लिए एक चम्मच आटे में थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसमें 2-3 बूंद आयोडीन डालें। अगर रंग नीला या काला हो जाए, तो इसमें स्टार्च मिलाया गया है। आप ऐसे आटे का सेवन करना तुरंत बंद कर दें।
3. ब्लीचिंग टेस्ट करेगा आटे की पहचान
अगर आटा देखने में जरूरत से ज्यादा सफेद है, तो यह एक बड़ा संकेत हो सकता है। शुद्ध गेहूं का आटा हल्के भूरा या मटमैला रंग का होता है क्योंकि उसमें गेहूं की बाहरी परत यानी चोकर भी मौजूद होता है, जो फाइबर से भरपूर होता है। लेकिन कुछ मिलावटखोर कंपनियां आटे को ज्यादा आकर्षक और साफ-सुथरा दिखाने के लिए उसमें ब्लीचिंग एजेंट मिलाते हैं, जिससे उसका रंग बहुत सफेद हो जाता है।
इस तरह के आटे का लंबे समय तक सेवन पाचन को नुकसान पहुंचा सकता है और यह शरीर में केमिकल टॉक्सिन्स का जमाव भी कर सकता है। अगर आटा सफेद और दरदरा लग रहा है, तो उसमें ब्लीचिंग एजेंट हो सकता है।
4. सूंघ कर पहचानें
आप सूंघकर भी आटे की पहचान कर सकती हैं। असली गेहूं के आटे की महक हल्की मिट्टी जैसी होती है। लेकिन अगर आटा सूंघने पर तेज, तीखी, अप्राकृतिक या केमिकल जैसी गंध दे, तो यह मिलावट हो सकती है। खासकर अगर उसमें चॉक पाउडर, ब्लीचिंग एजेंट या सिंथेटिक सुगंध मिलाई गई हो, तो उसकी गंध काफी अजीब महसूस होती है।
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5. चोकर की जांच करें
अक्सर लोग सोचते हैं कि ब्राउन रंग का आटा यानी फाइबर से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन यह हमेशा सही नहीं होता। आटे का चोकर फाइबर का मुख्य स्रोत होता है और यही उसे थोड़ा मोटा व मटमैला बनाता है।
अगर आप आटे को छानकर देखें और उसमें चोकर की मात्रा बेहद कम निकले, तो समझिए कि उसे ज्यादा प्रोसेस किया गया है या मिलावट की गई है।
कुछ कंपनियां नकली 'ब्राउननेस' दिखाने के लिए भूरे रंग का पाउडर मिलाकर भ्रम पैदा करती हैं। इसलिए सिर्फ रंग नहीं, बल्कि बनावट और चोकर की मात्रा से भी शुद्धता को पहचानें।
आटा खरीदते वक्त आप भी इन बातों का ध्यान रखें और हो सके तो खुद ही चक्की से फ्रेश आटा पिसवाएं। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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