क्या आपके होंठ कोने से फटते हैं?
क्या यह समस्या बार-बार होती है?
तो आपको इस ओर ध्यान होने की जरूरत है क्योंकि यह किसी बीमारी की ओर संकेत हो सकता है। जी हां, आपको एंगुलर चेइलिटिस हो सकता है। एंगुलर चेइलिटिस मुंह के कोनों पर होने वाला त्वचा की सूजन है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान रहती हैं और एंगुलर चेइलिटिस के बारे में विस्तार से जानना चाहती हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। इसकी जानकारी पोषण कंपनी हेल्थ हैच की एक्सपर्ट निहारिका बुधवानी के अपने इंस्टाग्राम के माध्यम से शेयर की है।
वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'एंगुलर चेइलिटिस से ग्रस्त 25% तक आयरन या विटामिन-बी की कमी होती है। निम्नलिखित चीजें एंगलुर चेइलिटिस से जुड़ी हैं:
- विटामिन-बी की कमी (विशेषकर बी12, फोलेट, राइबोफ्लेविन)
- मिनरल्स की कमी (जिंक या आयरन) का पता लगाएं
- सामान्य प्रोटीन की कमी'
एंगुलर चेइलिटिस क्या है?
एंगुलर चेइलिटिस त्वचा की एक नॉर्मल कंडीशन है जो आपके मुंह के कोनों को प्रभावित करती है और बाद में दर्दनाक, फटे घावों की ओर ले जाती है। लोग अक्सर कोल्ड सोर के साथ एंगुलर चेइलिटिस से भ्रमित होते हैं। लेकिन कोल्ड सोर के विपरीत, एंगुलर चेइलिटिस संक्रामक नहीं है। यह कंडीशन आमतौर पर विशेष त्वचा मलहम, दवा या डाइट में बदलाव के साथ दूर हो जाती है।
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एंगुलर चेइलिटिस किसे हो सकता है?
एंगुलर चेइलिटिस की समस्या बढ़ती उम्र के लोगों और बहुत कम उम्र के बच्चों में बहुत आम है। बुजुर्ग लोगों में ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह डेन्चर पहन सकते हैं या उनके मुंह के कोनों पर ढीली त्वचा हो जाती है जो मुंह के कोनों में ड्राईनेस का कारण बनती है। अंगूठा चूसने और लार टपकने से शिशुओं के मुंह के कोने फट सकते हैं।
एंगुलर चेइलिटिस के लक्षण और कारण
लार मुंह के कोनों में जमा हो जाती है और ड्राईनेस का कारण बनती है। इस हिस्से में बहुत ज्यादा ड्राई त्वचा एंगुलर चेइलिटिस का कारण बन सकती है। कभी-कभी बैक्टीरिया या फंगस दरारों में आ जाते हैं, जिससे सूजन या संक्रमण हो सकता है।
ड्राई और फटे होंठ के कोनों के कारण जो एंगुलर चेइलिटिस को ट्रिगर कर सकते हैं उनमें शामिल हैं:
- एटॉपिक डर्मेटाइटिस या एक्जिमा
- डेन्चर जो फिट नहीं होते हैं
- नींद के दौरान लार आना
- मुंह में फंगल या खमीर संक्रमण, जैसे थ्रश
- त्वचा की एलर्जी
- अंगूठा चूसना
- फेस मास्क पहनना
एंगुलर चेइलिटिस के लिए जोखिम कारक क्या हैं?
हालांकि, यह समस्या किसी भी उम्र या लिंग के लोगों को प्रभावित कर सकती है। कुछ कारक जो आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं, उनमें शामिल हैं:
- डायबिटीज या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी) जैसी क्रोनिक समस्याएं
- डाउन सिंड्रोम, जो चेहरे पर ड्राईनेस या ढीली त्वचा का कारण बन सकता है
- इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर, जैसे एचआईवी
- विटामिन बी, आयरन या प्रोटीन का लो लेवल
- तेजी से वजन कम होना
- उम्र बढ़ने के कारण त्वचा पर झुर्रियां पड़ना
- स्मोकिंग
- तनाव
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इन मिनरल्स और विटामिन्स का सबसे अच्छा स्रोत क्या हैं?
- सायनोकोबालामिन / विटामिन बी 12 - विटामिन बी 12 के सप्लीमेंट, मांसाहारी स्रोत जैसे मीट, समुद्री भोजन, गढ़वाले अनाज और मिल्क प्रोडक्ट्स ।
- फोलेट - फलियां, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, नट और बीज, खट्टे फल, गेहूं के बीज, ब्रोकली, एवोकाडो, गढ़वाले अनाज।
- राइबोफ्लेविन - मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स, अंडे, मीट, सालमोन।
- आयरन - मांसाहारी स्रोत, गार्डन क्रेस सीड्स, टोफू, दाल, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट।
- जिंक - मीट, फलियां, बीज, नट, चेडर पनीर, डार्क चॉकलेट।
- प्रोटीन - मांसाहारी स्रोत, डेयरी प्रोडक्ट्स, टोफू, सोयाबीन, दालें और फलियां।
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