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    Lockdown Challenge: पुदीने, तुलसी से लेकर खूबसूरत गुलाब तक, घर में आसानी से उगाएं ये 21 तरह के पौधे

    अगर आपको भी गार्डनिंग का शौख है तो हम अपको बताते हैं 21 अलग-अलग तरह के खूबसूरत पौधे लगाने की विधि।
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    Updated at - 2020-05-13,13:40 IST
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    इस समय लॉकडाउन का वक्त चल रहा है और जैसे-जैसे दिन बढ़ रहे हैं कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। अगर ये लॉकडाउन खत्म भी हो जाता है तब भी लोगों से ये उम्मीद की जा रही है कि वो जितना हो सके घर में रहें और सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही बाहर जाएं। अगर हम इतना समय घर के अंदर बिता रहे हैं तो यकीनन कुछ प्रोडक्टिव करने से न सिर्फ हमारा मनोबल बढ़ेगा बल्कि क्रिएटिविटी भी बढ़ेगी। हर जिंदगी की एक खास मुहिम में हम आप तक ऐसी स्टोरी पहुंचा रहे हैं जो न सिर्फ प्रोडक्टिव हैं बल्कि इस लॉकडाउन के वक्त आपको अपने परिवार के साथ ज्यादा बेहतर तरीके से बॉन्डिंग करने में मदद कर सकती है। #LockdownChallenge के तहत इन्ही स्टोरीज में से एक आज हम आपको बताने जा रहे हैं। ये स्टोरी है पेड़-पौधों से जुड़ी।

    घर के अंदर ही हवा भी प्रदूषित होती है और प्रदूषण का खतरा जैसे-जैसे बढ़ता है वैसे-वैसे कई सारी बीमारियां घर कर जाती हैं, ऐसे में क्यों न इस लॉकडाउन में 3 हफ्तों का चैलेंज लिया जाए और घर में तरह-तरह के पेड़ लगाए जाएं। इनमें किचन से जुड़े पौधे, फूलों वाले पौधे और एयर प्यूरिफाई करने वाले पौधे शामिल हैं।

    घर में पौधे लगाने के फायदे-

    कई साइंटिफिक स्टडी इस बात को लेकर की गई है कि घर में पौधे लगाने के फायदे क्या हो सकते हैं। इनमें कई सारी बातें सामने आई हैं जैसे-

    - घर में पौधे लगाने के कारण मूड, प्रोडक्टिविटी, एकाग्रता और क्रिएटिविटी सभी कुछ बढ़ती है
    - ये स्ट्रेस खत्म करते हैं, थकान कम करते हैं और कई मामलों में तो कुछ पौधे लगातार बने हुए सर्दी-जुकाम में भी राहत दे सकते हैं
    - घर के अंदर लगाए गए पौधे टॉक्सिन खींचने का काम करते हैं, इसी के साथ ये ऑक्सीजन भी प्रोड्यूस करते हैं
    - कुछ हद तक ये नॉइस पॉल्यूशन कम करने का काम भी करते हैं
    - कई पौधे थेरेप्यूटिक होते हैं और यकीनन मन को स्थिर बनाने में मदद करते हैं

    तो चलिए जानते हैं कि कौन से पौधे हम आसानी से अपने घर पर लगा सकते हैं और साथ ही साथ उन्हें लगाने की स्टेप्स क्या हो सकती हैं।

    पहला हफ्ता- किचन के इस्तेमाल वाले पौधे

    पहले हफ्ते में हम किचन में इस्तेमाल होने वाले पौधे लगाएंगे। इसमें से कुछ पेड़ और रूट प्लांट्स जैसे अदरक आदि भी हैं। भले ही इनके बारे में सोचकर आपको थोड़ा अजीब लगता हो, लेकिन ये सब बहुत ही आसानी से घर के अंदर लगाए जा सकते हैं।

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    पहला दिन - पुदीने का पौधा-

    पुदीने का इस्तेमाल तो हम कई तरह से कर सकते हैं और गर्मियों में इसका इस्तेमाल ज्यादा भी होता है। सबसे पहले ये ध्यान रखने की जरूरत है कि पुदीने की कई तरह की वैराइटी होती है और इसलिए हमें ध्यान से चुनना है। आप अगर पुदीना खरीद रहे हैं और उसमें जड़ें हैं तो उसकी कटिंग भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कंटेनर में उगाना सबसे आसान रहता है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसे लगाते समय मिट्टी हल्की नम होनी चाहिए। इसी के साथ मिट्टी में थोड़ी सी रेत भी मिक्स होनी चाहिए
    - पुदीना लगाते समय आपको ध्यान में रखना है कि इसे बहुत कड़ी धूप में न रखें ऐसी जगह रखें जहां कुछ हद तक कड़ी धूप आती है और कुछ हद तक छांव रहती है
    - पुदीने के एक या दो पौधे ही एक कंटेनर में लगाएं क्योंकि ये बहुत ज्यादा फैलते हैं
    - पुदीने को उगाने के लिए बीज, कटिंग या सीधे पौधों को कंटेनर में लगाया जा सकता है
    - कटी हुई सब्जियों का कॉम्पोस्ट और थोड़ा सा गोबर पुदीने के लिए बेहतर खाद बनाने में मदद करेगा, आप इसे मिट्टी के साथ मिला सकते हैं या पौधा निकलने के बाद ऊपर से मिट्टी में डाल सकते हैं
    - इसे किसी अन्य पौधे के साथ लगाने की गलती न करें

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    दूसरा दिन- तुलसी

    अक्सर भारतीय घरों में तुलसी का पौधा होता है, लेकिन दिक्कत ये होती है कि कई जगहों पर ये खराब हो जाता है और उस तरह से उग नहीं पता जिस तरह से उगना चाहिए। इसलिए आपको तुलसी लगाते समय ये ध्यान रखना होगा कि आप किस तरह का पौधा लगा रहे हैं। साथ ही साथ, अगर आपके घर के आस-पास नमी ज्यादा है तो आपको कीड़ों की दवा का उपयोग भी करना होगा नहीं तो तुलसी के पौधे में फंगस और कीड़े बहुत जल्दी लग जाते हैं।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसके लिए 70 प्रतिशत मिट्टी और 30 प्रतिशत रेत वाला सॉइल मिक्सचर तैयार करें
    - इसे लगाते समय सीधे गाय का गोबर न इस्तेमाल करें। बल्कि उसे सुखाकर पाउडर फॉर्म में मिट्टी में मिलाएं। ये अलग तरह की खाद का काम करेगा। सब्जियों के कॉम्पोस्ट की जरूरत नहीं होगी।
    - इसे लगाने के लिए जिस कंटेनर का इस्तेमाल करें वो गहरा और चौड़ा होना चाहिए। साथ ही ये पौधा निकलने लगे तो महीने में एक बार  gypsum salt का इस्तेमाल कीजिए। इससे पौधा हरा भरा रहेगा।
    - तुलसी के पौधे की छंटाई जरूरी है। इसके लिए आप सबसे ऊपर की टहनी को थोड़ा काट दीजिए। इससे पौधा ज्यादा बढ़ेगा।
    - कीड़ों से बचाने के लिए आप नीम ऑयल स्प्रे भी कर सकती हैं
    - अगर मंजरी यानी तुलसी के बीज आ गए हैं तो उसे किसी और कंटेनर में लगाकर आप नया पौधा उगा सकती हैं

    तीसरा दिन- धनिया

    धनिया को आप पानी में और मिट्टी में दोनों तरह से उगा सकती हैं। अगर आप पानी में उगा रही हैं तो ये थोड़ा ज्यादा समय लेगी। पर यकीनन ये बहुत ही आसानी से किचन की खिड़की पर बिना मिट्टी के उगाई जा सकती है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - अगर आप मिट्टी में उगा रही हैं तो पुदीने वाले सभी स्टेप्स का पालन करें, साथ ही साथ बेहतर रिजल्ट के लिए धनिया के बीजों का ही इस्तेमाल करें।
    - अगर पानी में उगा रही हैं तो इसका तरीका थोड़ा अलग है। धनिया के बीज के साथ, वॉटर सॉल्यूबल फर्टिलाइजर भी लगेगा, लेकिन ये आसानी से उपलब्ध हो जाता है, इसी के साथ एक जालीदार डलिया, एक एल्यूमीनियम या स्टील का भगोना भी इस्तेमाल में आएगा।
    - पानी में फर्टिलाइजर मिलाकर भगोने को भर दीजिए और डलिया में थोड़े से धनिया के बीज डाल दीजिए। इन्हें थोड़ा सा तोड़ना है (ध्यान रहे पीसना नहीं है)
    - इसे सिर्फ इतना ही रखना है कि बीज भीगे रहें, इसके अलावा, एक टिशू पेपर को इनके ऊपर रख दें और उसपर स्प्रे बॉटल से छिड़काव करते रहें। इसके बाद आप देखेंगी कि एक हफ्ते में धनिया के बीज से अंकुर फूटने लगे हैं। एक साथ सारे बीज न डालें हर हफ्ते थोड़े-थोड़े कर डालते रहें ताकि अलग-अलग हार्वेस्ट हो।

    चौथा दिन- करी पत्ते का पौधा

    करी पत्ते रोजमर्रा में काम आते हैं और इसका पौधा आसानी से मिल भी जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे उगाना काफी आसान है।

    उगाने के लिए रखें ध्यान-

    - करी पत्ते दो तरह से उगाए जा सकते हैं, या तो बीज के जरिए या फिर कटिंग कर। अगर आपके आस-पास कोई करी पत्ते का पौधा है तो दोनों तरीके अपना सकती हैं।
    - अगर आपतो बीज मिल गए हैं तो उन्हें साफ कर पानी में डाल दें। अगर बीज डूब जाते हैं तो वो उगाने लायक हैं। इन्हें दो तीन घंटे पानी में डूबे रहने दें।
    - अब इन्हें सीधे ही गमले में लगाएं, एक साथ तीन चार बीज लगा सकती हैं, इसके लिए आपको गहरा और चौड़ा कंटेनर लेना है।
    - इसे मिट्टी-रेत और सूखे गोबर के बेस में लगाएं जैसे तुलसी के पौधे में लगाया था।
    - 7-8 दिन बाद कॉम्पोस्ट भी ऊपर से डाल सकती हैं, 15 दिन बाद इसे कंटेनर से निकालकर मिट्टी में शिफ्ट कर दीजिए। ये पौधा धीरे-धीरे बहुत अच्छा बढ़ जाएगा।

    पांचवा दिन- अदरक

    भले ही ये मुश्किल लगे, लेकिन अदरक उगाना काफी आसान है और एक बार ये लग गई तो आपको कई दिनों तक इसे खरीदने की जरूरत नहीं होगी। इसमें सिर्फ पानी और बहुत सारे इंतज़ार की जरूरत होती है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - अदरक उगाने के लिए आपको सबसे पहले मिट्टी की क्वालिटी का ध्यान देना होगा। 50% मिट्टी और बाकी कॉम्पोस्ट से काम हो जाएगा।
    - अदरक का 1 इंच का टुकड़ा लगभग 8 इंच की स्पेस लेता है इसलिए इसका ध्यान रखें।
    - इसे या तो बहुत गहरे कंटेनर में उगाएं या फिर सीधे मिट्टी में, अप्रैल का महीना इसे उगाने का सबसे अच्छा महीना माना जा सकता है।
    - इसके लिए दिन की 3-4 घंटे की धूप ही पर्याप्त है। उससे ज्यादा नहीं।
    - अदरक के टुकड़े 2-4 इंच के कीजिए और इसे ऐसे मिट्टी में डालिए कि उसके बड्स ऊपर की ओर रहें।
    - ये उगने में कम से कम 4-5 हफ्ते ले लेती है और उसके बाद ही अंकुर फूटते हैं। इसलिए आपको संयम ये काम लेना होगा।

    छठवां दिन- नींबू

    नींबू के बीज से नींबू उगाना काफी आसान है। ये तब और भी ज्यादा आसानी से हो सकता है जब आपके पास पूरा गर्डन हो जिसमें ये आराम से बढ़ सके। वैसे सिर्फ खुशबू और फूलों के लिए इसे कंटेनर में भी लगाया जा सकता है, लेकिन कंटेनर में इसके फ्रूट ज्यादा बड़े नहीं होंगे। कंटेनर भी काफी गहरा और चौड़ा होना चाहिए।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसे उगाना बहुत आसान है। आपको बस एक नींबू और उसमें मौजूद बीजों की जरूरत होगी। अगर ऑर्गेनिक नींबू है तो उसके जर्मिनेट होने की गुंजाइश ज्यादा है।
    - मिट्टी का बेस तैयार करने में 60 प्रतिशत मिट्टी, 20 प्रतिशत रेत और 20 प्रतिशत कॉम्पोस्ट रखें। इससे बहुत अच्छी तरह से नींबू का पेड़ उगेगा
    - नींबू काटकर उसका बीज निकाल लीजिए। इसे थोड़ा सा साफ कीजिए, लेकिन ये गीला ही रहना चाहिए तभी इसे मिट्टी में लगा दीजिए। अगर कंटेनर में लगा रही हैं तो ऊपर से प्लास्टिक कवर कर दो-तीन छेद प्लास्टिक कवर में कीजिए और उसके बाद दो हफ्तों में जैसे ही अंकुर फूटने लगे इससे प्लास्टिक कवर को निकाल दीजिए। मिट्टी को सूखने न दीजिए। बस कुछ ही दिनों में नन्हा सा पौधा आ जाएगा।

    सातवां दिन-  रोजमेरी

    आजकल रोजमेरी प्लांट भी भारत में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। इस प्लांट के लिए ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत नहीं हो रही है और ये चाय में, इटैलियन सीजनिंग की तरह नूडल्स और पास्ता में और कई चीज़ों में इस्तेमाल की जा सकती है। इसे घर के अंदर लगाने पर ये रूम फ्रेशनर का काम भी कर सकती है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसके लिए आपको बीज बाहर से ही लाने होंगे।
    - इसके लिए मिट्टी, रेत और कॉम्पोस्ट वाला मिक्सचर ही तैयार करें
    - इसे उगने के लिए धूप की जरूरत होती है, तो ध्यान रखें कि ये शेड में न हो, अगर गमले में घर के अंदर उगा रही हैं तो इसे सबसे ज्यादा धूप वाली खिड़की के पास उगाएं।

    पहले हफ्ते के अंत तक आपके पास कई सारे किचन की जरूरत वाले पौधे हो गए हैं। इन्हें अलग-अलग तरीके से पानी और खाद की जरूरत होगी। अदरक और नींबू उगने में कुछ ज्यादा समय लगेगा, लेकिन उसके अलावा बाकी पौधे कुछ हफ्तों में ही आपको जरूरत के हिसाब से सामान दे देंगे।

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    दूसरा हफ्ता- प्रदूषण कंट्रोल करने वाले पौधे

    नासा ने Clean Air Study की थी जिसमें कई ऐसे इनडोर प्लांट्स का जिक्र किया गया था जो हमारे घर और ऑफिस के अंदर का वातावरण शुद्ध रख सकते हैं। इस स्टडी में जिन पौधों को लिस्ट किया गया है वो आप बहुत ही आसानी से घर में लगा सकते हैं और आधे से ज्यादा को तो धूप की जरूरत भी नहीं होती हैं। अब जब लॉकडाउन में दुकानें खुलने लगी हैं तो इन पौधों को लेकर आना भी बहुत मुश्किल नहीं है।

    आठवां दिन- अरेका पाम (Areca Palm)

    इन्हें पाम ग्रास भी कहा जाता है। घरों के अंदर ये काफी आसानी से उग जाते हैं। इन्हें उगाने के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होगी। जितने गहरे पॉट में इसे लगाएंगी उतना ही लंबा ये पौधा जाएगा। इसका फायदा ये है कि इसे सीधी सनलाइट की जरूरत नहीं हो सकती है इसलिए ये शो प्लांट होने के साथ-साथ एयर प्यूरिफायर भी है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसे बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, सिर्फ मिट्टी गीली रखने से काम चल जाएगा।
    - अगर इन्हें थोड़ी देर के लिए धूप दिखाई जाए तो ये बहुत हरे-भरे रहते हैं इसलिए इन्हें खिड़की के पास रखें।
    - आप इसे उगाने के  लिए बाजार से बीज भी ला सकते हैं या फिर इसके पौधे लाकर किसी अलग कंटेनर में उगा सकते हैं।

    नौवां दिन- एलोवेरा

    एलोवेरा का पौधा वैसे भी काफी जल्दी उग जाता है और ये अक्सर किसी भी माहौल में अच्छे से रहता है। ये काफी अच्छा प्यूरिफायर है। साथ ही साथ स्किन और बालों के लिए तो अच्छा है ही। आप इसे किसी भी साइज के गमले में लगा सकती हैं।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसे सीधी सनलाइट में न रखें क्योंकि ऐसा करने पर उस पौधे की पत्तियां पीली हो जाएंगी और ये जल्दी मर जाएगा।
    - एलोवेरा प्लांट सीधे स्टेम से अगर मिट्टी (प्रोटीन रिच मिट्टी, रेत, कंकड़ और गोबर का मिश्रण) में लगाया जाए तो कुछ ही दिनों में ये उगने लगता है।
    - इसके लिए गहरा और चौड़ा कंटेनर ही चुनें।
    -ड्रेनेज का ध्यान रखें बहुत ज्यादा पानी इसे खराब कर सकता है।

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    दसवां दिन- स्पाइडर प्लांट

    इसे आप किसी हैंगिंग बास्केट, मिट्टी, किसी छोटे गमले आदि किसी भी चीज़ में लगा सकते हैं। ये प्लांट बहुत ही अच्छा एयर प्यूरिफायर होता है। इस पौधे को बहुत ज्यादा केयर की जरूरत नहीं होती इसलिए अगर आपको लगता है कि आपको ऐसा पौधा चाहिए जो एक बार लगाने के बाद बहुत मेहनत न मांगे तो ये पौधा बेस्ट हो सकता है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसे उगाने का सबसे अच्छा तरीका है इसे नर्सरी से लेकर आएं और किसी नए कंटेनर में शिफ्ट कर दें।
    - इसके लिए मिट्टी का मिक्सचर वैसा ही लगेगा जैसा एलोवेरा के लिए इस्तेमाल किया गया था।
    - इसे आप अपने हिसाब से कहीं भी लगाएं बस डायरेक्ट सनलाइट में बहुत ज्यादा देर न रखें। ये शो प्लांट होने के साथ-साथ बहुत अच्छा एयर प्यूरिफायर भी है।
    - इसे बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, लेकिन मिट्टी को पूरी तरह से सूखने न दें।

    ग्यारवां दिन- स्नेक प्लांट

    नासा की स्टडी में जिस पौधे ने सबसे ज्यादा अपना असर दिखाया था वो था स्नेक प्लांट। स्टडी के रिसर्च के हिसाब से 24 घंटे में ये 53% तक टॉक्सिक गैस कम करने में मदद करता है। ये प्लांट काफी अच्छा है और इसे आप आसानी से अपने घर के अंदर लगा सकती हैं। इसे बहुत ज्यादा पसंद किया जा सकता है ऐसे घरों में जहां रौशनी कम आती है या जहां पौधों की बहुत ज्यादा मेनटेनेंस नहीं हो सकती है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसे बिलकुल वैसे ही उगाएं जैसे स्पाइडर प्लांट के लिए किया गया है।
    - इसे ज्यादा पानी न दें वर्ना ये खराब हो जाएगा।
    - इसकी पत्तियों को सीधे मिट्टी के मिश्रण में रखेंगे तो भी ये अच्छी तरह से उगेगा।

    बारवां दिन- बांस का पौधा

    बोनसाई बांस का पौधा तो अक्सर घरों में मिलता है, लेकिन आप चाहें तो थोड़ा बड़ा पौधा भी लगा सकती हैं। अगर आपके पास सही तरह का कंटेनर है तो ये बहुत ही आसानी से लग जाएगा।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - आप इसे भी धनिया की तरह पानी या मिट्टी में उगा सकते हैं।
    - अगर पानी में इसे उगा रही हैं तो इसके लिए कुछ कंकड़-पत्थर भी कंटेनर में रखें ताकि इसे सीधा खड़ा किया जा सके। इसके लिए थोड़ी रेत भी कंटेनर में डालें। इसी के साथ बहुत थोड़ी सी मिट्टी ताकि न्यूट्रिएंट्स सही से मिल सकें।
    - अगर आप मिट्टी में उगा रही हैं तो ध्यान रखें कि इसे कभी सूखने न दें। अगर मिट्टी सूखी तो बैम्बू प्लांट भी सूख जाएगा।

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    तेरवां दिन- पीस लिली (Peace Lily)

    अपने सफेद रंग के खूबसूरत फूल के कारण इसका नाम पीस लिली पड़ा है। ये काफी अच्छा पौधा है उन लोगों के लिए जो पौधों में पानी देना भूल जाते हैं। ये पौधा थोड़ा सा नीचे झुक जाएगा जब इसे पानी देने का समय आएगा। एक तरह से ये बताता है कि आपको इसे पानी देना है। इसे सीधे धूप की जरूरत नहीं होती है इसलिए इसे घर के अंदर भी रखा जा सकता है। अगर आपके पास जिप्सम सॉल्ट है तो पानी में मिलाकर महीने में एक बार इसकी पत्तियों पर छिड़का जा सकता है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसे उगाना आसान है और इसे घर के किसी भी कोने में रखा जा सकता है, ये हवा भी साफ करता है, लेकिन सबसे जरूरी बात जो ध्यान रखने वाली है वो ये कि इसे कुत्ते-बिल्लियों की पहुंच से दूर रखें। ये उनके लिए परेशानी भरा हो सकता है। अगर आपके घर में पेट्स हैं तो आप किसी अन्य तरीके का लिली प्लांट चुन सकती हैं। इसे रहने दें। बाकी इसे उगाना स्पाइडर प्लांट की तरह ही है।

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    चौद्हवां दिन- फर्न (Fern)

    फर्न प्लांट कई तरह के होते हैं। आप चाहें तो बेल नुमा प्लांट भी ले सकती हैं। आप किसी भी तरह का फर्न प्लांट लें उसे उगाने का तरीका एक जैसा ही होगा। आपको बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होगी।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - ये स्नेक प्लांट और स्पाइडर प्लांट की तरह ही उगता है। आपके कंटेनर पर निर्भर करेगा कि इस पौधे का साइज क्या होगा। इसके लिए मिट्टी के गमले से बेहतर होगा कि आप प्लास्टिक का पॉट रखें क्योंकि ये मॉइश्चर आसानी से बचाकर रखते हैं। इसे बहुत तेज़ सूरज की रोशनी से दूर रखें।

    दूसरे हफ्ते के अंत तक आप देखेंगे कि आपके घर में पॉल्यूशन कंट्रोल करने वाले कई सारे पौधे उपलब्ध हैं। ये पौधे आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।

     

    तीसरा हफ्ता- फूलों वाले पौधे

    जहां तक पौधों की बात है तो हमारा गार्डन तब तक पूरा नहीं होता जब तक इनमें अच्छे फूलों वाले पौधे न हों, तो चलिए कुछ फूलों वाले अच्छे पौधों के बारे में जान लेते हैं।

    पंद्रहवां दिन- गेंदे का पौधा

    सबसे आसानी से लगने वाले पौधों में से एक है गेंदे का पौधा। गर्मियों में भी ये पौधे काफी अच्छी तरह से उगते हैं इसलिए इन्हें आप किसी भी तरह के कंटेनर, गार्डन आदि में लगा सकती हैं। अगर गार्डनिंग में आपको ज्यादा एक्सपीरियंस नहीं है तो ये पौधे बहुत अच्छे साबित हो सकते हैं।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - गेंदे के फूलों को उगाने के लिए मिट्टी में ज्यादा रेत न मिलाएं। इसके लिए थोड़ी नम मिट्टी चाहिए होती है।
    - मिट्टी में बहुत ज्यादा पत्थर आदि भी नहीं होने चाहिएं। बस कॉम्पोस्ट या गोबर की खाद और मिट्टी काफी होगी, बहुत थोड़ी सी रेत।
    - मिट्टी तैयार करने के बाद बस इसके बीज बो दें। बीज बोने के लिए थोड़ा ज्यादा गहरा गड्ढा रखें।
    - मिट्टी को बहुत ज्यादा दबा-दबा कर न भरें अन्यथा नन्हे पौधे नहीं उगेंगे।
    - मिट्टी को समय-समय पर पानी देते रहें।

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    सोलहवां दिन- बोगनवेलिया

    सबसे आसानी से अगर कोई फूलों वाला पौधा उग सकता है तो वो है बोगनवेलिया। ये बेल 30 फिट तक उग सकती है और जैसी वैराइटी आपने लगाई है उसके हिसाब से जल्दी फूल भी देने लगती है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - बोगनवेलिया की वही वैराइटी लेकर आएं जिसे कंटेनर में आसानी से लगाया जा सके। अगर आपको पास बहुत सारी जगह है तो ही इसकी बड़ी वैराइटी लाएं।
    - इसे पानी की जरूरत रहती है। मिट्टी को पूरी तरह से ड्राई कभी न होने दें।
    - इसी के साथ पानी में मिलाकर कोई फर्टिलाइजर इस्तेमाल करें। इससे बोगनवेलिया के पौधे बहुत ही जल्दी और आसानी से उगेंगे।

    सत्रह्वां दिन- बेल वाले गुलाब

    गुलाब तो वैसे भी बहुत ही सुंदर होते हैं, ऐसे में अगर क्लाइंबिंग रोज यानी बेल वाले गुलाब हों तो बात ही कुछ और है। अगर आपके घर के आस-पास इसकी बेल हो तो आप उसकी कटिंग से भी इसे लगा सकते हैं। नहीं तो इसके बीज आसानी से उपलब्ध होते हैं। ये निर्भर करता है आपकी पसंद पर कि आपको कैसा पौधा चाहिए। आपको ये ध्यान रखना है कि ये ऐसी जगह लगना चाहिए जहां इसे सपोर्ट मिल सके ताकि बेल ऊपर बढ़ सके।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - कंटेनर में भी उगाए जा सकते हैं, लेकिन तब इनकी हाइट ज्यादा नहीं बढ़ेगी। इसके लिए आपको नॉर्मल मिट्टी की जरूरत होगी, 80 प्रतिशत मिट्टी 10 प्रतिशत रेत और 10 प्रतिशत कॉम्पोस्ट।
    - इस पौधे को उगाने के लिए ये अच्छा सीजन है। इसे बहुत ज्यादा ठंडक या नमी नहीं चाहिए होती है।
    - इसकी कटिंग करने की जरूरत होती रहेगी आपको। इसकी कटिंग करना ज्यादा आसान है। साथ ही साथ आपको सूखी हुई पत्तियों को भी हटाना होगा।
    - अगर आप बीज से उगा रही हैं तो इसकी मिट्टी में 20 प्रतिशत रेत का इस्तेमाल करें। साथ ही साथ उसे थोड़ा समय दें उगने के लिए। बीज कंटेनर में बोएं और जब पौधे निकल आएं तो उन्हें गार्डन की मिट्टी में डालें।

    अठारवां दिन- गुड़हल का पौधा

    गुड़हल का पौधा एक और पौधा है जिसे अक्सर घरों में पाया जाता है। इसे लगाना भी आसान है। इसके बीज या फिर छोटा पौधा आसानी से उपलब्ध होता है। इसे लगाने के बाद आपको कम से कम 12 हफ्तों तक इंतज़ार करना होगा।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसके बीज का अगर आप इस्तेमाल कर रही हैं तो उन्हें मिट्टी में डालने से पहले कम से कम 1 घंटा गुनगुने पानी में भिगोकर रखें।
    - ध्यान रहे इसे ऐसी जगह पर नहीं लगाना है जहां बहुत ज्यादा हवा चलती हो
    - अगर आप बीज बो रही हैं तो कम से कम 2-3 फिट की दूरी पर इन्हें रखें

    उन्नीसवां दिन- मिली पौधा

    छोटे-छोटे लाल फूल और कांटों वाला पौधा मिली कहलाता है। अक्सर लोग इसे कैक्टर की एक प्रजाती समझ लेते हैं। ये किसी भी मौसम की मार को झेल जाता है और साथ ही साथ ये किसी भी तरह के माहौल में पनप जाता है। आप इसे कंटेनर में या फिर सीधे गार्डन में कहीं भी लगा सकती हैं।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - इसे बस आप एक बार लगा दीजिए। आप चाहें तो बीज लेकर इसे लगा सकते हैं या फिर इसे नॉर्मल मिट्टी में लगा सकती हैं, लेकिन सबसे अच्छा तरीका होगा कैक्टस के पौधे जैसी मिट्टी का इस्तेमाल करने का। जैसी रेतीली मिट्टी में कैक्टस को लगाया जाता है वैसी ही मिट्टी में आप इसे भी लगाएं।

    बीसवां दिन- चमेली का पौधा

    चमेली का पौधा कई लोगों को काफी पसंद होता है। एक तो ये बहुत सुंदर होता है और दूसरे इस पौधे को भारतीय मौसम के हिसाब से आसानी से लगाया जा सकता है। इसे कंटेनर या गार्डन कैसे भी लगाया जा सकता है। इसके लिए बहुत ज्यादा मॉइश्चर की जरूरत नहीं होती है।

    उगाते समय रखें ध्यान-

    - बहुत ज्यादा गर्मी हो ऐसी जगह पर इसे न लगाएं। थोड़ी धूप-थोड़ी छांव इसके लिए बेहतर होगी।
    - ये साल भर में 12-24 इंच तक बढ़ सकता है, लेकिन फूल बहुत जल्दी आने लगते हैं।
    - इसकी मिट्टी बहुत ज्यादा गीली नहीं होनी चाहिए। इसलिए मिट्टी में कॉम्पोस्ट के साथ-साथ आप रेत भी मिलाएं ताकि पानी ड्रेन हो सके।

    इक्कीसवां दिन- गार्डन को सजाएं

    आप अभी तक अपने गार्डन में कई तरह के पौधे लगा चुके होंगे। अगर आपने इनमें से 4-5 भी लगाए हैं तो भी गार्डन काफी सुंदर दिख रहा होगा। अब इसे थोड़ा सजाएं। आप चाहें तो गुलाब की कोई और वेराइटी भी लगा सकते हैं। लगाने का तरीका बिलकुल वैसा ही जैसा क्रीपिंग रोज़ (बेल वाले गुलाब) का था।

    अपने गार्डन को सजाएं और ये स्टोरी अगर अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

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