भाद्रपद पूर्णिमा को लोग भद्र पूर्णिमा या भद्राद्रि पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। हर महीने की पूर्णिमा की तरह यह भी खास होता है। भाद्रपद पूर्णिमा का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन किए गए दान और पुण्य का फल सामान्य दिनों की तुलना में खास भी होता है। इस पर्व को खास बनाने के लिए कुछ जगहों पर मेले भी लगते हैं और लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर त्यौहार का आनंद लेते हैं। ध्यान रखें कि पूर्णिमा के दिन कोई भी काम करने से पहले उसका शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी है। धार्मिक अनुष्ठान साधारण दिनों के मुकाबले आपको खास तरीके से ध्यान रखकर करने पड़ते हैं। ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि इस दिन की गई पूजा, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठान करना अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होता है। आइए, ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानिए इस साल 2025 सितंबर माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि कब है। साथ ही आने वाले माह की पूर्णिमा तिथियों व उनके शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से।
भाद्रपद पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से धार्मिक महत्व रखता है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पूर्णिमा न केवल विशेष पूजा-अर्चना का अवसर है, बल्कि यह समय आत्मिक शांति और सकारात्मकता प्राप्त करने के लिए भी आदर्श होता है। 2025 में भाद्रपद पूर्णिमा रविवार, 7 सितंबर को पड़ेगी।
श्रावण पूर्णिमा का दिन हिंदू कैलेंडर में बहुत महत्व रखता है। यह दिन रक्षाबंधन के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन को राखी बांधकर उसे सुरक्षा का वचन देते हैं। इसके अलावा, श्रावण पूर्णिमा पर विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है, जो इस दिन अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। साल 2025 में श्रावण पूर्णिमा शनिवार, 9 अगस्त को पड़ेगी।
आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, जो गुरु-शिष्य परंपरा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इस दिन गुरुओं की पूजा करना और उनका आशीर्वाद लेना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में यह तिथि अध्यात्म, ज्ञान और भक्ति के लिए समर्पित है। साल 2025 में आषाढ़ पूर्णिमा गुरुवार, 10 जुलाई को पड़ेगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन उपवास, दान और पूजा-पाठ करने से जीवन में सकारात्मकता और शुभ फल की प्राप्ति होती है। जनवरी 2025 में पौष पूर्णिमा का व्रत सोमवार, 13 जनवरी, को रखा जाएगा। यह पवित्र दिन आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।
माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र मानी जाती है। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है। माघ माह की पूर्णिमा को स्नान, दान और भगवान विष्णु की आराधना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। 2025 में माघ पूर्णिमा का व्रत बुधवार, 12 फरवरी को रखा जाएगा। इस दिन धार्मिक कार्यों और साधना का फल कई गुना बढ़कर मिलता है।
फाल्गुन पूर्णिमा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे होली के उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन भक्त प्रह्लाद की भक्ति और होलिका दहन की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन पूजा, व्रत और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। 2025 में फाल्गुन पूर्णिमा शुक्रवार, 14 मार्च को पड़ेगी।
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चैत्र पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पहला पूर्णिमा व्रत होता है और इसे विशेष रूप से पवित्र और शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जिससे इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। चैत्र पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के साथ व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। 2025 में चैत्र पूर्णिमा का व्रत शनिवार, 12 अप्रैल को रखा जाएगा।
ज्येष्ठ पूर्णिमा हिंदू धर्म में विशेष पवित्र तिथि मानी जाती है। इस दिन गंगा दशहरा का पर्व भी मनाया जाता है, जो गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत और स्नान करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। 2025 में ज्येष्ठ पूर्णिमा बुधवार, 11 जून को पड़ेगी।
शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे खासतौर पर भगवान कृष्ण और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह पूर्णिमा खासतौर पर अपनी शीतल चंद्रमा की रोशनी और रात्रि को मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा का पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग चंद्रमा की पूजा करके उसकी चांदी जैसी रोशनी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 2025 में शरद पूर्णिमा मंगलवार, 7 अक्टूबर को पड़ेगी।
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि होती है, जो विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन विशेष रूप से दीपदान, स्नान और पूजा का महत्व रखता है। कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष रूप से भगवान शिव, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही, इस दिन गंगा स्नान और दान का महत्व भी अत्यधिक होता है। 2025 में कार्तिक पूर्णिमा बुधवार, 5 नवंबर को पड़ेगी।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि होती है, जो विशेष रूप से उपवास, पूजा और दान का दिन माना जाता है। इस दिन को विशेष रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से तत्त्वों का संतुलन और ग्रहों का प्रभाव शुभ माना जाता है, जिससे यह दिन व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लेकर आता है। 2025 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा गुरुवार, 4 दिसंबर को पड़ेगी।
इस साल पड़ने वाली सभी पूर्णिमा तिथियों का अलग महत्व है। यहां दी गई जानकारी से आप भी अपने व्रत की योजना बना सकते हैं।
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