सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान सोमवार के दिन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। इस पावन महीने में भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और सात्विक जीवनशैली अपनाते हैं। लेकिन व्रत के दौरान भोजन को लेकर अक्सर लोग उलझन में रहते हैं कि क्या खाएं और क्या नहीं।
व्रत का उद्देश्य केवल भूखा रहना नहीं, बल्कि शरीर को शुद्ध करना और मानसिक रूप से संयम रखना है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि हम जो भी खाएं, वह नियमों के अनुसार सात्विक, पचने में हल्का और ऊर्जा देने वाला हो। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सावन के सोमवार व्रत में कौन-कौन से फल, सब्जियां, अनाज और नमक का सेवन करना चाहिए ताकि उपवास भी बना रहे और शरीर भी स्वस्थ रहे।
व्रत में खाए जाने वाले फल-
व्रत के दौरान फल सबसे जरूरी ऊर्जा स्रोत होते हैं। इनका सेवन शरीर को डिहाइड्रेट होने से बचाता है और पेट को भी हल्का रखता है। सावन के सोमवार व्रत में ये फल खाए जा सकते हैं:
- केला: उबले शकरकंद और मूंगफली के साथ मिलाकर व्रत की हेल्दी चाट बनाएं।
- सेब: कटे हुए सेब पर शहद और दालचीनी डालकर मीठा व्रत सलाद तैयार करें।
- अनार: अनार दानों को केला और पपीता के साथ मिलाकर मिक्स फ्रूट चाट बनाएं।
- पपीता: पपीते के टुकड़ों पर सेंधा नमक और नींबू डालकर पाचन के लिए हल्का स्नैक बनाएं।
- अंगूर: ठंडे अंगूर, सेब और अनार के साथ मिलाकर व्रत का फ्रूट बाउल तैयार करें।
- खरबूजा/तरबूज: खरबूजे के स्कूप्स में पुदीना और नींबू डालकर ठंडक देने वाला फ्रूट सलाद बनाएं। इन फलों को आप सुबह खाली पेट या दोपहर में खा सकते हैं। फलों का मिक्स सलाद भी तैयार कर सकते हैं।
व्रत में खाई जाने वाली सब्जियां-
व्रत के दौरान प्याज और लहसुन जैसी चीजों का सेवन करने की मनाही होती है। कुछ सब्जियां ही व्रत में मान्य होती हैं। ये सब्जियां सात्विक मानी जाती हैं और बिना प्याज-लहसुन के तैयार की जाती हैं।
- कच्चा आलू: उबालकर सेंधा नमक, काली मिर्च और नींबू डालकर आलू चाट या व्रत की सूखी सब्जी बनाई जा सकती है।
- शकरकंद: इसे उबालकर खाया जा सकता है या इसे मैश करके आलू के साथ मिलाकर व्रत की टिक्की या चाट बनाई जा सकती है।
- कद्दू: देसी घी में सेंधा नमक और हल्के मसालों के साथ कद्दू की सब्जी बनाई जाती है, जो पूरी के साथ खाई जाती है।
- लौकी (घीया): लौकी की सूखी सब्जी, व्रत की लौकी का हलवा या लौकी का रायता भी बनाया जा सकता है।
- ककड़ी और खीरा: इन्हें काटकर सेंधा नमक और नींबू डालकर सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
- टमाटर: टमाटर की व्रत वाली सब्जी, टमाटर का शोरबा या व्रत का टमाटर-सिंघाड़े का सूप बनाया जा सकता है।
- आलू-शकरकंद की टिक्की: मैश करके हरी मिर्च, सेंधा नमक और मूंगफली के साथ टिक्की या कबाब बनाए जा सकते हैं।
व्रत में कौन-सा अनाज खाना चाहिए-
इस दौरान आटा और चावल नहीं खाया जाता है। व्रत में अनाज से परहेज किया जाता है, लेकिन ऐसी कुछ चीजें हैं,जो व्रत में मान्य होती हैं।
- साबूदाना: साबूदाना की खिचड़ी, वडा, टिक्की, साबूदाना थालीपीठ या मीठा साबूदाना खीर बनाया जा सकता है।
- राजगिरा (रामदाना): राजगिरा आटे की रोटी, राजगिरा का हलवा, लड्डू या राजगिरा पकोड़ी बनाई जा सकती है।
- कुट्टू का आटा: कुट्टू की पूरी, पराठा, पकौड़ी या कुट्टू का चीला तैयार किया जा सकता है।
- सिंघाड़े का आटा: इससे सिंघाड़े की रोटी, सिंघाड़े का हलवा, पराठा या व्रत की कचौड़ी बनाई जा सकती है।
- सामा चावल (भगर): इससे व्रत की खिचड़ी, पुलाव, उपमा या खीर बनाई जा सकती है। ये अनाज हैवी नहीं होते हैं। ग्लूटेन-फ्री होने के कारण पचने में आसान होते हैं।
कौन-सा नमक करें सेवन:
व्रत में सेंधा नमक का ही प्रयोग करना चाहिए। आम नमक में आयोडीन और केमिकल्स होते हैं जो व्रत में निषिद्ध माने जाते हैं।
सेंधा नमक पाचन को बेहतर करता है। इससे ब्लड प्रेशर संतुलित होता है और शरीर डिटॉक्स भी होता है। इसे सब्जी, खिचड़ी, रायता, सलाद आदि में डालकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
उपावस के दौरान इन चीजों को नहीं खाना चाहिए-
- व्रत के दौरान साधारण अनाज जैसे गेहूं, चावल, अरहर/मसूर/चने की दालें आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- प्याज और लहसुन को तामसिक और राजसिक भोजन में गिना जाता है, जो व्रत की सात्विकता को बिगाड़ते हैं। व्रत में पूरी तरह परहेज करें। व्रत में तली-भुनी चीजों से बचें, खासकर बाजार से लाई चीजों से।
- शरीर और मन को शुद्ध रखने के लिए नशा से जुड़ी किसी भी चीज (शराब, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू) का सेवन बिल्कुल न करें।
- कुछ लोग व्रत में चाय पीते हैं, लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही लें। ज्यादा कैफीन शरीर को डिहाइड्रेट कर सकती है और पेट को खाली करने में रुकावट बनती है।
- व्रत में भोजन से पहले स्नान आवश्यक माना जाता है। बिना स्नान किए खाने से व्रत की पवित्रता भंग हो सकती है।
व्रत का उद्देश्य सिर्फ भूखे रहना नहीं, बल्कि शरीर और आत्मा की शुद्धि है। इसलिए यह जरूरी है कि हम केवल सात्विक, पवित्र और पचने में आसान चीजों का सेवन करें।
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Image Credit: Freepik
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