महिलाएं जब 30 के आसपास पहुंचती हैं तो उनकी फर्टिलिटी बहुत हद तक कम हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद उनके अचानक प्रेग्नेंट होने का जोखिम काफी बाद तक भी बना रहता है। उम्र ज्यादा हो जाने पर जब महिलाएं प्रेग्नेंट होती हैं, तो उनके साथ कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ जाती हैं जैसे कि hemorrhage, venous thromboembolism, डिलीवरी के दौरान मौत या fetal complications जैसे कि बार-बार गर्भपात, मृत शिशु पैदा होना और जन्म के साथ बच्चों में होने वाली विसंगतियां। इसीलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि गर्भनिरोध के तरीकों का इस्तेमाल कब बंद किया जाए ताकि अनप्लान्ड प्रेग्नेंसी से बचाव किया जा सके। इस बारे में हमने बात की Dr. Ritu Joshi (MS Gyn & OBSTET) से और उन्होंने हमें इस विषय पर अहम जानकारी दी-
महिलाएं कुदरती तौर पर किस उम्र में प्रेग्नेंट नहीं हो पातीं, इस बारे में अभी तक कुछ भी ज्ञात नहीं है। सभी महिलाओं में इसमें भिन्नता देखने को मिलती है, जब तक कि मेनोपॉज की स्थिति ना आ जाए। मेनोपॉज की उम्र भी महिलाओं में अलग-अलग होती है और यह औसत लगभग 51 साल में होता है, हालांकि यह 40-60 साल के बीच कभी भी हो सकता है।
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क्या है मेनोपॉज
मेनोपॉज का अर्थ है महिलाओं की मेंस्ट्रुएशन साइकिल और पीरियड्स का नेचुरल तरीके से रुक जाना। यह महिलाओं की फर्टिलिटी के अंत का सूचक है। Amenorrhoea यानी कि मेंस्ट्रुएशन के खत्म होने के एक साल बाद मेनोपॉज की जांच की जाती है।
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मेनोपॉज के बाद serum estradiol के स्तर में आती है कमी
हालांकि ज्यादातर महिलाओं में जांच के लिए सीरम हार्मोन स्तर नापने की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन मेनोपॉज के बाद serum estradiol के स्तर में कमी आ जाती है और FSH यानी follicle-stimulating hormone और LH (luteinizing hormone) का स्तर बढ़ जाता है। जब FSH का स्तर 30 IU/L से कम होता है तो यह ovarian insufficiency की तरफ संकेत करता है, हालांकि इसका अर्थ sterility(मां ना बन पाने की स्थिति) नहीं होता। मेनोपॉज के दौरान हो जाती है ब्लैडर से जुड़ी परेशानियां, जानें लक्षण और निजात पाने के तरीके
मेनोपॉज से पहले का फेज 'पेरीमेनोपॉज' के नाम से जाना जाता है। इस समय में हार्मोन में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। पेरीमेनोपॉज की अवधि आमतौर पर 4 साल होती है, हालांकि इसमें भी काफी भिन्नता देखने को मिल सकती है। पेरीमेनोपॉज के दौरान ओवेरियन फंक्शन में अनियमितता के कारण मेंस्ट्रुअल पैटर्न अनियमित हो जाता है।
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कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल बंद कब करना सुरक्षित है?
- जिन महिलाओं की उम्र 50 से ज्यादा है और जो कॉन्ट्रासेप्टिव के नॉन-हार्मोनल तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं, उन्हें amenorrhoea के 12 महीने बाद गर्भनिरोध का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दे दी जाती है, वहीं जिन महिलाओं की उम्र 50 से कम है, उन्हें 24 महीने इंतजार करने की सलाह दी जाती है।
- जो महिलाएं एस्ट्रोजन वाले मेथड या DMPA (Depot medroxyprogesterone acetate) का इस्तेमाल कर रही हैं, उन्हें 50 साल पूरे हो जाने पर इसका इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी जाती है या फिर नॉन हार्मोनल या सिर्फ प्रोजेस्टेरोन वाले तरीके अपनाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बोन डेंसिटी और लिपिड्स पर इसका दुष्प्रभाव होने की आशंका होती है।
- गर्भनिरोध के तरीके जैसे कि POP (progestogen-only pill), इंप्लांट, LNG-IUD का इस्तेमाल जारी रखा जा सकता है, जब तक कि महिलाएं मेनोपॉज में ना पहुंच जाएं।
- जो महिलाएं सिर्फ प्रोजेस्टोजेन वाले तरीके अपनाती हैं, उनमें amenorrhoea मेनोपॉज का विश्वसनीय सूचक नहीं माना जाता है। महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन के स्तर की जांच दो बार कराएं और दोनों के बीच कम से कम 6 हफ्ते का अंतर रखें। अगर FSH level का स्तर 30 IU/L से कम है तो कॉन्ट्रासेप्शन अगले 12 महीने के लिए जारी रखने की जरूरत होगी।
- इस बात का ध्यान रखें कि 40 की उम्र में सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में जबकि गर्भनिरोध की जरूरत होती है, सेक्शुअल हेल्थ एडवाइस और कंडोम के इस्तेमाल के लिए बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- जब महिलाओं को हाइपरटेंशन, हाइपरथायरॉइडिज्म, डायबिटीज या कोई और मेडिकल कंडिशन हो तो कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल बंद कर देना ही सही है।
निष्कर्ष
कॉन्ट्रासेप्शन कब बंद कर देना चाहिए, इसकी कोई निश्चित उम्र नहीं है, लेकिन मेनोपॉज तक पहुंचने तक किसी ना किसी तरह का कॉन्ट्रासेप्शन लेना सही रहता है ताकि अनचाही प्रेग्नेंसी या हेल्थ कॉम्प्लीकेशन से बचा जा सके। यह किसी महिला के फैसले पर भी निर्भर करता है कि वह फर्टिलिटी कम होने पर कॉन्ट्रासेप्शन कब बंद करती हैं, क्योंकि यह उनका निजी फैसला होता है। हालांकि 55 साल की उम्र में ज्यादातर महिलाएं मेनोपॉज में पहुंच जाती हैं, लेकिन उन महिलाओं को सावधानी बरतने की जरूरत है, जिनकी फैमिली हिस्ट्री में लेट मेनोपॉज की स्थिति रही है या फिर जिनमें मेनोपॉज के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। जो महिलाएं एडवांस रिप्रोडक्टिव एज में हैं, उन्हें सही कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और ये भी पूछना चाहिए कि कॉन्ट्रासेप्शन कब बंद करना है और इसके बाद ही उन्हें इस बारे में फैसला लेना चाहिए।
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