
जब किसी भी महिला का शरीर मेनेपॉज में पहुंचता है, तो कई हार्मोनल बदलाव होते हैं और इनका असर शरीर पर साफ नजर आता है। करीब 45 से 55 साल की उम्र में महिलाों को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं और इसे ही मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज से पहले पेरिमेनोपॉज का समय आता है। यह वो वक्त होता है जब शरीर धीरे-धीरे मेनोपॉज में कदम रखने लगता है। यह आमतौर पर 40 से 45 साल की उम्र के बीच शुरू हो सकता है। इस समय पर महिलाओं के शरीर में मेनोपॉज के कुछ लक्षणों की शुरुआत भी हो जाती है। अमूमन महिलाओं को लगता है कि मेनोपॉज का संबंध सिर्फ हमारे हार्मोन्स या पीरियड्स से होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसका असर शरीर के कई अंगों पर होता है। इसकी वजह से हमारी आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं। क्या आपको पता है मेनोपॉज का संबंध आपकी आई हेल्थ से भी होता है? चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत कालरा दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की फाउंडर और डायरेक्टर हैं।
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मेनोपॉज के समय महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस समय पर शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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