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40 के बाद आंखों में हो रही है जलन और खुजली? कहीं मेनोपॉज तो नहीं है इसकी वजह

मेनोपॉज में महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। पेरिमेनोपॉज से ही इन बदलावों का सिलसिला शुरू हो जाता है। क्या आपको पता है मेनोपॉज का संबंध आपकी आई हेल्थ से भी होता है?
Editorial
Updated:- 2025-11-27, 16:52 IST

जब किसी भी महिला का शरीर मेनेपॉज में पहुंचता है, तो कई हार्मोनल बदलाव होते हैं और इनका असर शरीर पर साफ नजर आता है। करीब 45 से 55 साल की उम्र में महिलाों को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं और इसे ही मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज से पहले पेरिमेनोपॉज का समय आता है। यह वो वक्त होता है जब शरीर धीरे-धीरे मेनोपॉज में कदम रखने लगता है। यह आमतौर पर 40 से 45 साल की उम्र के बीच शुरू हो सकता है। इस समय पर महिलाओं के शरीर में मेनोपॉज के कुछ लक्षणों की शुरुआत भी हो जाती है। अमूमन महिलाओं को लगता है कि मेनोपॉज का संबंध सिर्फ हमारे हार्मोन्स या पीरियड्स से होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसका असर शरीर के कई अंगों पर होता है। इसकी वजह से हमारी आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं। क्या आपको पता है मेनोपॉज का संबंध आपकी आई हेल्थ से भी होता है? चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत कालरा दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की फाउंडर और डायरेक्‍टर हैं।

मेनोपॉज की वजह से हो सकती है आंखों में जलन और खुजली

  • मेनोपॉज की शुरुआत में कई महिलाओं को आंखों में रूखेपन की दिक्कत होती है। इस समय पर एस्ट्रोजन और एंड्रोजन में होने वाली कमी के कारण टियर ग्लैंड धीमे काम करने लगती हैं और इसकी वजह से आंखे अपना नेचुलर मॉइश्चर खोने लगती हैं।
  • इसकी वजह से आंखों में खुजली और लालिमा हो सकती है। कई महिलाओं को आंखों में इस समय पर तेज जलन महसूस हो सकती है।

 

 

 

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  • मेनोपॉज के समय या इसके बाद कई महिलाओं को ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, लेकिन वो इसके पीछे की वजह नहीं समझ पाती हैं।
  • असल में एस्ट्रोजन और एंड्रोजन टियर और ऑयल प्रोडक्श के लिए जरूरी होते हैं। इनकी कमी से इनका सीक्रेशन कम होने लगता है और आंखों में रूखापन आ जाता है।
  • हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से आंखों के आस-पास इंफ्लेमेशन बढ़ जाता है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इस समय पर महिलाओं को अक्सर आंखों में जलन, लालिमा, धुंधला दिखाई देना, आंखों से पानी आना, स्क्रीन देखने में मुश्किल होना या लाइट के लिए सेंसिटिव होना जैसे लक्षण नजर आएं, तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
  • ये आंखों के थके होने का संकेत नहीं हैं, बल्कि ये इस तरफ इशारा करते हैं कि हार्मोनल इंबैलेंस का कितना असर आपकी आंखों पर हो रहा है।

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eye symptoms in menopause

  • मेनोपॉज के समय आई हेल्थ को बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं। ओमेगा-3 से भरपूर चीजें जैसे फ्लैक्स सीड्स, चिया सीड्स और अखरोट को डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे इंफ्लेमेशन कम होता है और टियर क्वालिटी में सुधार होता है।
  • फाइटोएस्ट्रोजन से भरपूर चीजें जैसे तिल के बीज और फ्लैक्स सीड्स खाएं। इनसे शरीर में हार्मोनल बैलेंस बना रहता है।
  • आंखों में धूल और तेज हवा से बचाने की कोशिश करें। अगर आपको ये लक्षण ज्यादा परेशान करें, तो आई स्पेशलिस्ट से जरूर मिलें।

 

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मेनोपॉज के समय महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस समय पर शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit: Shutterstock, Freepik

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