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क्‍या आपके भी बजते हैं कान? हो सकती है ये बीमारी, ऐसे करें बचाव

अगर आपके कान बज रहे हैं तो आपको टिनिटस हो सकता है। आइए एक्‍सपर्ट से जानें इस समस्‍या का इलाज कैसे किया जा सकता है।
Editorial
Updated:- 2019-12-23, 15:25 IST

अगर आपको लगातर ऐसा महसूस होता है कि आपके कानों में सीटी जैसी आवाज आ रही है यानि कान बज रहा है और ऐसा लगातार हो रहा है तो आपके यह अपने कानों पर ध्यान देने का संकेत है। आपके कान या टिनिटस में कान का बजना, हिसिंग, सीटी बजना या अन्य ध्वनियां सुनने की अनुभूति है। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह एक अंतर्निहित स्थिति का लक्षण है जैसे कि कान का इंफेक्‍शन या सुनने की हानि जो तेज संगीत या शोर के लगातार संपर्क में आने के कारण होता है। टिनिटस वाले लगभग 90 प्रतिशत लोगों में शोर सुनाई ने देनेे जैसी समस्‍याएं हो सकती है।

डॉक्‍टर सोनिया गुप्ता, सह-संस्थापक- ड्रेस्पेक्ट्रा (ऑडियोलॉजिस्ट एंड स्पीच थेरेपिस्ट) का कहना है कि टिनिटस आपके कानों में विभिन्न तरीकों से मौजूद हो सकता है, भारत में लगभग 56 मिलियन लोग और विश्व की 7 प्रतिशत आबादी टिनिटस से प्रभावित है। टिनिटस को आगामी वर्षों में प्रमुख बीमारियों में से एक माना जाएगा और तत्काल उपचार की मांग की जाती है।

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टिनिटस के कारण क्या हैं?

  • कई प्रकार की स्थितियां और बीमारी हैं जो टिनिटस का कारण बन सकती हैं:
  • इयरफ़ोन से जोर से म्‍यूजिक सुनना या सुनाई नहीं देना।
  • बार-बार एयर ट्रेवल। 
  • कानों में फैक्‍स का होना या नर्वस का एक सौम्य ट्यूमर इसका कारण हो सकता है।
  • टिनिटस कई एंटीबायोटिक्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीडिप्रेसेंट, सेडेटिव आदि के साइड इफेक्ट के कारण हो सकता है।
  • मेडिकल कंडीशन जैसे साइनसाइटिस, अनियमित ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज आदि।

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इसे कैसे दूर किया जाए?

टिनिटस का इलाज उपलब्‍ध हैं, कई तरह के राहत उपकरण उपलब्‍ध है जिनका उपयोग आपके जीवन की गुणवत्ता को पुनः प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। एक टिनिटस रोगी को कई उपचारों से गुजरना पड़ता है, क्योंकि एक उपचार काम नहीं कर सकता है, यह इसके कारण क्या हो सकता है को उजागर करने से शुरू होता है। प्रभावी उपचार में थेरेपी और ध्वनि पैदा करने वाले उपकरणों का उपयोग शामिल है।

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न्यूरोमोड्यूलेशन थेरेपी के लिए साइन अप करें

न्यूरोप्रोड्यूलेशन चिकित्सीय उपकरण जैसे नवीनतम तकनीक के उपयोग से रोगियों को टिनिटस से तुरंत राहत मिलती है, क्योंकि ये नई चिकित्सा में दिन में दो से तीन बार 20 मिनट लगते हैं। न्यूरोमॉड्यूलेशन थेरेपी की सफलता दर 90 से 95 प्रतिशत है। उपचार के कुछ दिनों के अंदर ही रोगी को सिरदर्द, चक्कर आना, हाइपरकेसिस, भारीपन आदि में सुधार देखने को मिलता हैं, रोगी के सुनने की शक्ति में भी सुधार होने लगता है।

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी

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टिनिटस रोगियों के उपचार के अनुभव वाले चिकित्सक आपको शारीरिक और मानसिक लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी के कॉम्बिनेशन का उपयोग करने का सलाह देता है।

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मास्किंग

मास्किंग थेरेपी टिनिटस के लिए एक प्रभावी ट्रीटमेंट है। प्रोफेशनल्स टिनिटस अनुभव को कम करने और अवशिष्ट निषेध का उत्पादन करने के लिए मास्किंग डिवाइस प्रदान करते हैं।

इन सभी मेडिकेटेड थेरेपी और डिवाइस रोगियों को उनकी उम्र और टिनिटस के टाइप के अनुसार दिया जाता है। हालांकि टिनिटस के लक्षण समय के साथ अपने आप चले जाते है, अगर अपनी डाइट, तनाव के लेवल और शोर के जोखिम का ध्यान में रखा जाता हैं। शोर भरी दुनिया में अपनी कानों की रक्षा करना शुरू करें। शोर टिनिटस का मूल कारण है और यह इसे बदतर भी बनाता है।

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