भारतीय भोजन में दाल, चावल और रोटी का जितना महत्व है उतना ही महत्व हरी चटनी का भी है। भोजन की थाली में अगर हरी चटनी भी हो तो मुंह का जायका ही बदल जाता है। भले ही खाना बेस्वाद हो, मगर हरी चटनी की उपस्थिति में खाने का स्वाद बढ़ जाता है। इसलिए कई लोगों के घरों में तो रोज ही हरी चटनी बनाई जाती है।
हरी चटनी को बनाना आसान भी है और इसे आप कुछ दिनों के लिए स्टोर भी कर सकती हैं। बेस्ट बात तो यह है कि अगर आप अपनी डेली डाइट में हरी चटनी को शामिल करती हैं तो इससे आपको कई फायदे होते हैं।
हरी चटनी में धनिया, पुदीना और नींबू के साथ ही काला नमक, जीरा, हरी मिर्च, हींग, अदरक और लहसुन भी अगर आप डालती हैं तो यह चटनी केवल आपके मुंह के स्वाद को ही नहीं बढ़ाएगी बल्कि आपके हाजमे को भी दुरुस्त रखेगी। खासतौर पर अगर आप तली हुई चीजों, जैसे- पकौड़े और ब्रेड रोल के साथ हरी चटनी खाते हैं तो ऑयली फूड को हजम करने में बहुत मदद मिलती है।
धनिया को डायबिटीज की बीमारी में बहुत ही फायदेमंद माना गया है। धनिया के सेवन से शरीर में इंसुलिन का स्तर सही बना रहता है। इससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती हैं। इसके साथ ही हरी चटनी एंटी इंफ्लेमेटरी होती है, इसके सेवन से शरीर के अंदर किसी भी तरह की सूजन या घाव ज्ल्दी ठीक हो जाता है। धनिया की पत्ती और पुदीने में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। अगर आपको मुंह में छाले हो जाएं तो उसमें भी हरी चटनी बहुत फायदा पहुंचाती है।
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अगर आपको भूख कम लगती है तो जाहिर है, आप खाते भी कम होंगे और अपनी डाइट से कम खाने पर आपको कमजोरी और थकान महसूस होती होगी। ऐसे में आप खाने के साथ हरी चटनी खाना शुरू करें। कुछ नहीं तो आप सलाद के साथ ही हरी चटनी खा सकते हैं। इससे आपकी भूख भी बढ़ेगी और खाना स्वादिष्ट भी लगेगा।
शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया की बीमारी हो जाती है। ऐसे में हरी धनिया और पोदीना दोनों ही आपको फायदा पहुंचा सकते हैं, क्योंकि दोनों में ही आयरन की भरपूर मात्रा होती है। अगर आप चटनी का सेवन रोज करते हैं तो आपको एनीमिया जैसी बीमारी होने का खतरा भी कम हो जाएगा।
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अगर आप रोज हरी चटनी खाते हैं तो आपकी त्वचा भी चमकदार हो जाती है। दरअसल, हरी धनिया एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक होती है। इससे त्वचा में संक्रमण होने की संभावना कम हो जाती है। मुंहासे भी कम निकलते हैं, क्योंकि यह शरीर को अंदर से डिटॉक्सीफाई करती है।
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