हिंदुओं में कान छेदन की पुरानी परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार हिंदुओं में महिलाओं और पुरुषों दोनों का ही कान छेदन होता है। परंपरा के अनुसार इसे विरासत से जोड़ कर देखा जाता है। आधुनिक समय में यह एक फैशन भी बन गया है। मगर, विज्ञान के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह बेहद फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं की कुछ शारीरिक समस्याएं केवल कान छिदवाने की वजह से ठीक हो सकती हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि फैशन और धार्मिक महत्व के अलावा कान छिदवाना आपकी सेहत पर कैसे अच्छे प्रभाव डाल सकता है।
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टाइम से होते हैं पीरियड्स
पीरियड्स महिलाओं की शारीरिक संरचना का अहम हिस्सा है। हर महीने 4 दिन के लिए महिलाओं को पीरियड्स होते हैं और उन्हें रक्तस्त्राव होता है। मगर, कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिनकों हर महीने प्रॉपर पीरियड्स नहीं होते हैं। पीरियड्स समय पर न होने के कई कारण होते हैं। सबसे बड़ा कारण आजकल की आधूनिक लाइफस्टाइल और जंक फूड है। इस वजह से पीरियड्स सही वक्त पर और सही मात्रा में नहीं होते। इससे महिलाओं को प्रजन्न में भी समस्या आती है। मगर, आयुर्वेद में कान छिदवाने को फायदेमंद बताया गया है। कान के बहारी भाग के केंद्र में छिदवाने से महिलाओं की पीरियड्स संबंधी दिक्कते दूर हो जाती हैं। वहीं इससे प्रेग्नेंसी में भी फायदेमंद होता है।
ब्रेन के लिए होता है अच्छा
वैसे तो कान किसी भी उम्र में छिदवाए जा सकते हैं। मगर, छोटी उम्र में अगर कान छिदवाए जाएं तो इससे काफ फायदे हो सकते हैं। सबसे पहला फायदा यह है कि यह ज्यादा पेनफुल नहीं होता है। वहीं दूसरा सबसे बड़ा फायदा होता है ब्रेन के विकास। ब्रेन के विकास कई तरह से किया जा सकता है। कान के बाहरी हिस्से में मध्याह्न पॉइंट होता है जो ब्रेन के लेफ्ट हेमिस्फियर को राइट हेमिस्फियर से जोड़ने का काम करता है। अगर इस हिस्से पर आप कान छिदवाती हैं तो आपका ब्रेन हमेशा सक्रीय रहता है। आप यह समझ सकती हैं कि यह एक तरह की ऐक्युप्रेशर थेरेपी होती है। इससे ब्रेन हेल्दी रहता है।
आंखों की रोशनी तेज होती हैं
कान छिदवाने से आपकी आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती है। अगर आप कान के अंदर सेंटर पर छिदवाती हैं तो आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती है। वैसे कशमीरी शादीशुदा महिलाएं और पंजाबियों में यह एक महत्वपूर्ण रस्म है।
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सुनने की क्ष्मता बढ़ती है
अगर, आपको आयुर्वेद में विश्वास है तो आपको कान जरूर छिदवाने चाहिए। कान छिदवाने से कई जरूरी ऐक्युप्रेशर पॉइंट्स पर प्रेशर पड़ता है। इससे आंखों की रौशनी के साथ-साथ कानों की सुनने की क्षमता भी बढ़ाता है।
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