भारतीय संस्कृति में शमी के पौधे को समृद्धि, सौभाग्य और देवी लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक माना जाता है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि यह पवित्र पौधा प्रकृति का दिया हुआ अद्भुत हेल्थ रक्षक भी है? प्राचीन आयुर्वेद और वास्तु शास्त्र दोनों में शमी को अत्यंत शुभ और ऊर्जावान पौधा माना गया है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने, मन को शांत रखने और वातावरण को पवित्र बनाने में मदद करता है।
आयुर्वेद के अनुसार, शमी की पत्तियों, फूलों और छाल में ऐसे औषधीय तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और तनाव को कम करने में मदद करते हैं। यही कारण है कि पुराने समय में इसे 'संतुलन और सुरक्षा का पौधा' कहा जाता था।
अगर आप अपने घर में सकारात्मकता, शुद्ध हवा और अच्छा स्वास्थ्य लाना चाहती हैं, तो शमी का पौधा जरूर लगाएं। अब हम शमी पौधे के हेल्थ से जुड़े 10 अद्भुत फायदों के बारे में जानते हैं, जो इसे इतना खास बनाते हैं। इस बारे में हमें NumroVani के फाउंडर और फार्मासिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार बता रहे हैं। उन्हें आयुषकॉन एक्सीलेंस अवार्ड सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
इसकी असली खूबसूरती सिर्फ धार्मिक महत्व में नहीं, बल्कि इसके शानदार स्वास्थ्य लाभों में छिपी है। शमी का पौधा आपके घर की हवा को शुद्ध करता है। जी हां, यह नेचुरल एयर प्यूरीफायर की तरह काम करता है। इसकी घनी पत्तियां धूल, धुआं और हानिकारक केमिकल्स को सोख लेती हैं, जिससे आपके घर के आस-पास के हवा की क्वालिटी अच्छी होती है। साथ ही, यह लगातार ताजा ऑक्सीजन छोड़ता है और हवा से टॉक्सिन्स को फिल्टर करता है। इससे घर का वातावरण प्रदूषण-फ्री, स्फूर्तिदायक और एनर्जी से भरपूर हो जाता है।
शमी के पत्ते और फलियों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्वों की भरमार होती है। इसे रेगुलर लेने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे शरीर को इंफेक्शन और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
इस पौधे में माइल्ड लैक्सेटिव तत्व पाए जाते हैं, जिससे डाइजेशन अच्छा होता है। यह कब्ज से राहत देता है और आंतों की हेल्थ को ठीक रखता है।
शमी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है और दिल के रोगों को खतरा कम होता है।
शमी का अर्क ब्लड शुगर लेवल को कंटोल करने में मदद करता है। अगर डायबिटीज से परेशान महिलाएं इसका सेवन सीमित मात्रा में करती हैं, तो काफी फायदा होता है।
इसे जरूर पढ़ें: दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण से आप भी हैं परेशान, तो हवा को शुद्ध करने के लिए घर में रखें ये पौधे
शमी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह शरीर में सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं, जो अर्थराइटिस जैसी कंडीशन में विशेष रूप से उपयोगी है।
माना जाता है कि शमी का अर्क लिवर को डिटॉक्सीफाई करता है और इसके काम को बेहतर बनाता है। यह शरीर में टॉक्सिन्स के कारण लिवर पर पड़ने वाले तनाव को कम कर सकता है।
आयुर्वेद में इसका उपयोग पारंपरिक रूप से खांसी, जुकाम और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। शमी के पत्तों या फलियों से बने काढ़े का इस्तेमाल गले और फेफड़ों को शांत करने के लिए किया जा सकता है।
आयुर्वेद में शमी को कायाकल्प करने वाला माना जाता है। इसका नियमित उपयोग एनर्जी के लेवल में सुधार कर सकता है।
इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मुंहासों और स्किन इंफेक्शन को रोकने में मदद करते हैं।
शमी के पत्ते, फलियां, छाल या चूर्ण का उपयोग काढ़ा या चाय के रूप में किया जा सकता है।
इसे जरूर पढ़ें: सीढ़ियां चढ़ने या खड़े होने में भी होने लगा है घुटनों में तेज दर्द, तो नानी मां के इस तेल से करें मालिश...जोड़ों में आएगी ताकत
किसी भी जड़ी-बूटी को औषधीय रूप में लेने से पहले, विशेष रूप से यदि आपको कोई पुरानी बीमारी है या आप दवाएं ले रही हैं, तो किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।