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पेशाब को ज्यादा देर तक रोकने से महिलाओं के शरीर में क्या होता है? डॉक्‍टर से जानें

क्या आप भी अक्सर पेशाब रोक लेती हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए। लंबे समय तक पेशाब रोकना ब्‍लैडर और किडनी पर प्रेशर डालता है, जिससे यूरिनरी इंफेक्शन, ब्‍लैडर की मसल्स के कमजोर होने और कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। आइए एक्‍सपर्ट से जानते हैं कि पेशाब रोकने से महिलाओं को क्‍या नुकसान हो सकते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-10-05, 09:55 IST

क्या आपने कभी सोचा है कि बार-बार पेशाब रोकना सिर्फ असुविधाजनक नहीं, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है? काम में व्यस्तता, लंबी यात्रा, ट्रैफिक जाम या बाथरूम की सुविधा दूर होने की वजह से हममें से कई महिलाएं ऐसा अनजाने में करती हैं। हालांकि, कभी-कभी थोड़ी देर पेशाब रोकना नॉर्मल है, लेकिन इसे आदत बना लेना यूरिन सिस्‍टम पर तनाव डाल सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

डॉक्‍टर आरिफ अख्तर, सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट, मेरेंगो एशिया हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम, बताते हैं कि लंबे समय तक पेशाब रोकने से ब्‍लैडर पर ज्‍यादा प्रेशर पड़ता है और बार-बार ऐसा करने से ब्‍लैडर की मसल्‍स कमजोर हो सकती हैं, जिससे अंडरएक्टिव ब्लैडर (UAB) जैसी समस्या भी हो सकती है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि पेशाब रोकने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है।

पेशाब रोकने के नुकसान

पेशाब को लगातार और लंबे समय तक रोकने से शरीर और विशेष रूप से यूरिनरी सिस्‍टम पर बुरा असर पड़ता है। इसे हल्के में न लें, क्योंकि बार-बार पेशाब रोकने से कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं।

ब्‍लैडर की संवेदनशीलता कम होना

लगातार पेशाब रोकने से ब्‍लैडर की क्षमता बढ़ जाती है, लेकिन इसकी संवेदनशीलता कम हो जाती है। इसका मतलब यह है कि ब्‍लैडर अब समय पर संकेत नहीं देता और पेशाब करने की जरूरत महसूस नहीं होती। लंबे समय में इससे पेशाब करने में परेशानी और यूरिनरी सिस्‍टम में समस्‍याएं हो सकती हैं।

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यूटीआई का खतरा

जो महिलाएं दिन में दो बार से कम पेशाब करती है, उनमें यूटीआई (UTI) यानी यूरिनरी ट्रैक्‍ट इंफेक्‍शन होने का खतरा तीन गुना ज्‍यादा हो जाता है। बार-बार पेशाब रोकने से बैक्‍टीरिया आसानी से पनपने लगते हैं और यूरिन के रास्‍ते में इंफेक्‍शन हो सकता है।

किडनी पर प्रेशर और नुकसान

पेशाब रोकने से ब्लैडर पर प्रेशर बढ़ता है। कभी-कभी पेशाब वापस किडनी की ओर भी जा सकता है, जिसे Vesicoureteral Reflux कहते हैं। अगर लंबे समय तक परेशानी बनी रहती है, तो किडनी डैमेज भी हो सकती है।

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पेल्विक फ्लोर की कमजोरी

महिलाओं में लगातार पेशाब रोकने की आदत से पेल्विक फ्लोर मसल्‍स कमजोर हो सकती है। यह मसल्‍स यूरिन कंट्रोल करने में मदद करते हैं। कमजोर पेल्विक फ्लोर से बार-बार पेशाब का रुकना, लीक होना या यूरिन संबंधी अन्‍य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

पेशाब का हेल्‍दी रूटीन 

  • हर 3-4 घंटे में पेशाब करें।
  • पर्याप्त पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
  • रेगुलर एक्‍सरसाइज और पेल्विक फ्लोर एक्‍सरसाइज करें।
  • शरीर के संकेतों को समझें और समय पर पेशाब करें।

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कितनी बार बाथरूम जाना चाहिए?

  • हर किसी के लिए संख्या अलग होती है।
  • जो महिलाएं ज्यादा पानी पीती हैं, उन्‍हें ज्‍यादा बार पेशाब आता है।
  • सबसे सही तरीका- जब पेशाब करने की इच्छा हो, तभी जाएं।

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पेशाब रोकने की आदत से बचें, अपने शरीर के संकेतों को समझें और समय पर पेशाब करें। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock

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