क्या आपकी गर्दन पर काली लाइन और मस्से हैं? हो सकते हैं कई गंभीर बीमारियों के संकेत, ऐसे करें बचाव

गर्दन के पीछे काली धारियां या स्किन टैग दिखना सिर्फ त्वचा की समस्या नहीं है। ये इंसुलिन रेसिस्टेंस का संकेत हो सकता है। यह डायबिटीज, थायराइड, लिवर की खराबी या पीसीओएस जैसी बीमारियों का शुरुआती लक्षण हो सकता है। जानिए इसके कारण और बचाव के उपाय।
 skin tags and insulin resistance

क्या आपने कभी अपनी गर्दन के पीछे काली धारियां या छोटे-छोटे स्किन टैग देखे हैं? अगर हां, तो यह सिर्फ त्वचा से जुड़ी समस्या नहीं है, बल्कि एक गंभीर चेतावनी है। ये आम लक्षण बताते हैं कि आपका शरीर इंसुलिन के प्रति रेसिस्टेंट होता जा रहा है।

इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अभी डायबिटीज है, लेकिन यह आपके शरीर में एक ऐसी समस्‍या है, जहां सेल्‍स इंसुलिन हार्मोन पर ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाते हैं। यह ऐसा अलार्म है, जो आपको बताता है कि अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो भविष्य में आपको इनमें से कोई भी बीमारी हो सकती है-

  • डायबिटीज
  • थायराइड
  • लिवर की कार्यक्षमता का खराब होना
  • पीसीओएस (PCOS)

यह समस्‍या आपके स्वास्थ्य को अंदर से कमजोर कर सकती है, इसलिए तुरंत पहचान करके सही कदम उठाना बेहद जरूरी है।

इंसुलिन रेजिस्टेंस के अन्य लक्षण

  • अंडरआर्म्स का काला होना- गर्दन की तरह ही अंडरआर्म्‍स की त्वचा भी काली पड़ने लगती है।
  • मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ना- आपको बार-बार मीठा खाने की तीव्र इच्छा होती है।
  • बेहद भूख लगना- आपको अक्सर बहुत ज्‍यादा भूख महसूस होती है, खासकर खाने के बाद भी।
  • लगातार थकान महसूस होना- आप हमेशा थका हुआ महसूस करती हैं, भले ही आपने पर्याप्त आराम किया हो।
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कैसे पता चलेगा कि आपको इंसुलिन की कमी है?

ऊपर बताए गए लक्षणों से अपने शरीर में होने वाले बदलावों को ध्यान से देखें।

HOMA-IR इंडेक्स टेस्ट

यह एक ब्लड टेस्ट है, जिसे होमियोस्टैटिक मॉडल असेसमेंट फॉर इंसुलिन रेजिस्टेंस कहा जाता है। इस टेस्ट के लिए 8-10 घंटे का फास्टिंग जरूरी है।

इसे जरूर पढ़ें: इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम कर सकती हैं ये चार चीजें

HOMA-IR रेंज

  • 0.5-1.4- नॉर्मल
  • 1.9- शुरुआती इंसुलिन रेजिस्टेंस
  • 2.9 से ज्‍यादा- गंभीर इंसुलिन रेजिस्टेंस

इंसुलिन रेजिस्टेंस को कैसे कंट्रोल करें?

fenugreek seeds for skin tags around neck

  • मेथी दाना पानी से करें दिन की शुरुआत करें। सुबह खाली पेट भीगे हुए मेथी दाना का पानी पिएं। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस से निपटने में काफी फायदेमंद है।
  • अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं। यह डाइजेस्टिव सिस्‍टम को धीमा करता है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है।
  • अपनी डाइट में साबुत अनाज, बाजरा, फलियां और क्विनोआ जैसे कॉम्प्लेक्स कार्ब्स को शामिल करें। ये धीरे-धीरे पचते हैं।
  • अपनी डाइट में नट्स, बीज और वर्जिन कोकोनट ऑयल जैसे हेल्दी फैट्स शामिल करें। ये इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाते हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं।
  • खाने के 30 मिनट बाद दालचीनी की चाय पिएं। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है।
  • रिफाइंड कार्ब्स और शुगर को पूरी तरह से 'ना' कहें। मैदा और शुगर जैसी चीजों से पूरी तरह से परहेज करें।
  • रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करें। दिन में कम से कम 30-45 मिनट टहलें। एक्‍सरसाइज शरीर को इंसुलिन के प्रति ज्‍यादा सेंसिटिव बनाता है।
  • अपने शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए रोज़ाना 8 घंटे की अच्छी नींद जरूर लें।
  • तनाव इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा सकता है। योग, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करने से तनाव कंट्रोल करें।

आप भी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके इंसुलिन रेजिस्टेंस को कंट्रोल कर सकती हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock & Freepik

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