पानी शरीर के लिए अमृत के समान काम करता है। आमतौर पर एक वयस्क के शरीर के कुल वजन का 50 से 60 प्रतिशत पानी होता है। लेकिन अगर शरीर में अतिरिक्त पानी होता है, तो इसे वाटर वेट कहा जाता है। यह देखने में आता है कि जब व्यक्ति वजन कम करना शुरू करता है, तो सबसे पहले उसकी बॉडी का वाटर वेट ही कम होता है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन पानी के कारण एक व्यक्ति के वजन में एक दिन में 2 से 4 पाउंड तक उतार-चढ़ाव हो सकता है।
यूं तो पानी शरीर के लिए आवश्यक है। लेकिन अतिरिक्त पानी कई तरह की समस्याओं की वजह बनता है। खासतौर पर, जब पानी शरीर में जमा हो जाता है, तो यह सूजन और पफीनेस पैदा कर सकता है, खासकर इससे पेट, पैरों और बाहों में सूजन नजर आती है। हालांकि, अधिकतर लोगों को वाटर वेट को लेकर बहुत अधिक जानकारी नहीं होती है और इसलिए वह इसे लेकर भ्रमित होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी आपको बॉडी वाटर वेट से जुड़ी कुछ जरूरी बातों की जानकारी दे रही हैं-
शरीर में पानी का एक बड़ा हिस्सा मौजूद होता है। हमारी हड्डियों के अलावा यह हमारे शरीर में सबसे भारी चीज है। खासतौर पर, जब आप अपना वजन कम करनाशुरू करते हैं तो यह सबसे पहले जाता है। लेकिन बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि उम्र के अनुसार शरीर में पानी का प्रतिशत बदलता रहता है। मसलन, जीवन के पहले कुछ महीनों में आपके शरीर के वजन का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा पानी से बना होता है। लेकिन एक साल पूरा करते-करते यह प्रतिशत घटने लगता है। एक व्यस्क के शरीर में पानी का भार उसके शरीर के भार से लगभग 50-60 प्रतिशत होता है।
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एक व्यक्ति के शरीर में फैट का प्रतिशत और पानी का प्रतिशत आपस में कनेक्टेड होता है। जिन लोगों के शरीर में फैट का प्रतिशत अधिक होता है, उनके शरीर में पानी का प्रतिशत कम होता है। वहीं, बॉडी फैट कम होने पर पानी का प्रतिशत अधिक होता है। उदाहरण के लिए, 15 प्रतिशत बॉडी फैट वाले किसी व्यक्ति के शरीर में 30 प्रतिशत फैट वाले व्यक्ति की तुलना में शरीर में पानी का प्रतिशत अधिक होगा।
शरीर में पानी केवल किसी एक हिस्से में स्टोर नहीं होता है, बल्कि यह कई आर्गन, टिश्यू व अन्य कई पार्ट्स में अवेलेबल होता है। बता दें कि ब्रेन व हार्ट में करीबन 73 प्रतिशत पानी होता है। जबकि लंग्स में इसका 83 प्रतिशत मौजूद होता है। ठीक इसी तरह, स्किन में 64 प्रतिशत, मसल्स और किडनी में 79 प्रतिशत व हड्डियों में पानी का 31 प्रतिशत अवेलेबल होता है। इसके अलावा, प्लाज्मा में लगभग 90 प्रतिशत पानी होता है। प्लाज्मा पूरे शरीर में रक्त कोशिकाओं, पोषक तत्वों और हार्मोन को ले जाने में मदद करता है।
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शरीर में मौजूद आवश्यकता से अधिक पानी को वाटर वेट कहा जाता है और इसे शरीर के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इससे आपको कई तरह के नुकसानों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे- जब शरीर में पानी की अधिकता हो जाती है तो यह कोशिकाओं के बीच और वसा के आसपास के स्थानों में जाता है, जिससे एक तीसरा स्थान बन जाता है, और यह समस्या की वजह होता है। दरअसल, जब पानी तीसरे स्थान में जाता है, तो इससे पोषक तत्वों व पानी को सेल्स तक पहुंचने में परेशानी होती है और इनके बीच एक असंतुलन बन जाता है। वाटर वेट के साथ सिर्फ ब्लोटिंग या पफीनेस ही नहीं होती है, बल्कि इससे हार्ट व किडनी पर भी असर नजर आ सकता है।
तो अब आपको भी अपनी बॉडी के वाटर वेट के बारे में काफी कुछ पता चल गया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- Freepik, Pixabay
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