
आज के समय में ज्यादातर लोग रात में सोते समय डिम लाइट जला लेते हैं। किसी को अंधेरे से डर लगता है, तो कोई ये सोचता है कि उसे हल्की रोशनी में ही नींद आती है। लोग इस आदत को बहुत बड़ी बात नहीं मानते हैं, लेकिन नई रिसर्च ये बता रही है कि रात में जलती हुई लाइट हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। दरअसल, रात में बत्ती जलाकर साेने से हमारे दिल और दिमाग पर काफी गहरा असर पड़ता है।
आपको बता दें कि जब तक आप कमरे में अंधेरा नहीं करती हैं, तब तक दिमाग को ये सिग्नल नहीं मिल पाता है कि अब आराम करने का समय है। इससे नींद तो खराब होती ही है, साथ ही स्ट्रेस भी बढ़ जाता है। धीरे-धीरे इसका असर शरीर के बाकी हिस्सों पर भी पड़ने लगता है।

Harvard की स्टडी के मुताबिक अगर आप रात में डिम लाइट भी जलाकर सोती हैं तो ये दिल और दिमाग पर बुरा असर डालती है। रिसर्च में पाया गया कि रात की रोशनी से तनाव बढ़ता है, नसों में सूजन बढ़ जाती है, और तो और हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है। ये स्टडी ब्रेन इमेजिंग और सैटेलाइट डाटा से की गई है, ताकि समझा जा सके कि रात में लाइट हमारे दिल पर कितना असर डालती है।
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रिसर्च को लीड कर रहे डॉ. शैडी अबोहैशेम का कहना है कि उन्होंने और उनकी टीम ने 466 हेल्दी लोगों पर सर्वे किया। उन्होंने 10 साल तक उन्हें फॉलो किया। इन सभी की उम्र लगभग 55 साल थी। सभी की PET/CT स्कैनिंग हुई। इस दौरान ये भी देखा गया कि हर किसी के घर में रात के समय कितनी रोशनी होती है। 2005 से 2018 तक इन लोगों को फॉलो किया गया और देखा कि किसे हार्ट से जुड़ी समस्या हुई।
10 साल की फॉलो-अप में 17% लोगों को बड़ी हार्ट प्रॉब्लम हुई। रिपोर्ट में साफ दिखा कि जिनके कमरे में ज्यादा रोशनी रहती थी, उनके दिमाग में लगातार तनाव और नसों में ज्यादा सूजन पाई गई। स्टडी के हिसाब से लाइट एक्सपोजर बढ़ने पर पांच साल में हार्ट डिजीज का खतरा 35% बढ़ जाता है और 10 साल में 22% तक बढ़ जाता है।
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जब दिमाग रात में लाइट को महसूस करता है, तो उसे लगता है कि अभी दिन है। इससे दिमाग एक्टिव रहता है। जब दिमाग को आराम नहीं मिल पाता है तो तनाव बढ़ जाता है। नसों में सूजन बढ़ने की समस्या हो जाती है। लंबे समय में यही सूजन हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे बड़े खतरे बढ़ाती है। ये खतरा उन लोगों में ज्यादा पाया गया जो भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रहते हैं।
लो-इनकम या हाई-ट्रैफिक एरिया में रहते हैं, जहां स्ट्रीट लाइट और बाहर की रोशनी बहुत ज्यादा होती है। रात की लाइट सिर्फ दिल ही नहीं, दिमाग को भी नुकसान पहुंचाती है। रिपोर्ट में बताया गया कि रात की तेज लाइट बॉडी क्लॉक को खराब कर देती है। इससे नींद खराब होती है, अनिद्रा की समस्या हो सकती है। ऐसे में दिमाग पर असर पड़ता है।
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डॉक्टरों का कहना है कि लाइट पॉल्यूशन सिर्फ परेशानी नहीं है, ये दिल की बीमारी का एक असली कारण बन चुका है। इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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