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सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक, ऐसे काम करता है आपके शरीर का 'मास्टर क्‍लॉक'; स्‍टडी में हुआ खुलासा

हम में से ज्‍यादातर लोगों को सुबह उठने के ल‍िए अलार्म लगाना पड़ता है। हालांक‍ि, कई बार ब‍िना अलार्म बजे ही आपकी नींद खुल जाती है। इसके पीछे हमारे शरीर के अंदर काम करने वाली एक खास बॉडी क्लॉक या मास्टर क्लॉक का कमाल होता है। हम आपको इसके बारे में व‍िस्‍तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
Editorial
Updated:- 2025-11-07, 11:39 IST

आज के समय में ज्‍यादातर लोग देर से सोते हैं और देर से उठते हैं। हालांक‍ि, ऑफ‍िस और कॉलेज जाने वालों को अलार्म लगाना पड़ता है, लेक‍िन क्‍या आपने कभी नोट‍िस क‍िया है क‍ि कई बार ब‍िना अलार्म बजे ही हमारी नींद खुल जाती है? लगता है जैसे शरीर को पहले से पता होता है कि उठने का समय हो गया है। दरअसल ये कोई जादू नहीं, बल्कि हमारे शरीर के अंदर काम करने वाली एक खास बॉडी क्लॉक या मास्टर क्लॉक का कमाल होता है।

हमारे द‍िमाग में एक छोटा सा ह‍िस्‍सा होता है, ज‍िसे सुप्राकायजमेटिक न्यूक्लियस (Suprachiasmatic Nucleus- SCN) कहा जाता है। इसे ही हमारे द‍िमाग का टाइमकीपर कहा जाता है।

स्‍टडी में हुआ ज‍िक्र

Frontiers in Neuroscience नाम के एक जर्नल में छपी एक स्टडी में बताया गया है कि ये SCN हमारे शरीर की घड़ी को कंट्रोल करता है। ये हमारे आस-पास की रोशनी, टेंपरेचर और दिन-रात के बदलाव को समझकर शरीर को बताता है कि कब जागना है और कब सोना है।

master clock of your body (1)

कैसे काम करती है ये बॉडी क्लॉक?

स्टडी के मुताब‍िक, सुबह जब रोशनी हमारी आंखों पर पड़ती है, तो आंखों की खास सेल्‍स (light-sensitive cells) सीधे SCN को सिग्नल भेजती हैं। इससे शरीर में मेलाटोनिन (Melatonin) नाम का नींद वाला हार्मोन दब जाता है और कॉर्टिसोल (Cortisol) नाम का एनर्जी देने वाला हार्मोन बढ़ जाता है। यही कारण है क‍ि हमें सुबह ताजगी महसूस होती है और दिन शुरू करने का मन करता है।

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रात के समय इसका असर उल्टा होता है। जैसे-जैसे अंधेरा बढ़ता है, मेलाटोनिन का लेवल बढ़ने लगता है और शरीर खुद को आराम के लिए तैयार करने लगता है। यही वजह है कि अंधेरा होने पर नींद आने लगती है। स्टडी में इस बात का भी ज‍िक्र क‍िया गया है क‍ि आपका सर्कैडियन रिदम (Circadian Rhythm) एक 24 घंटे का अंदरूनी साइक‍िल है जो आपकी नींद, एनर्जी और हार्मोन को कंट्रोल करता है।

लाइट से क्यों गड़बड़ हो जाती है नींद?

लाइट, खासकर मोबाइल या लैपटॉप की ब्लू लाइट, हमारी बॉडी क्लॉक को गड़बड़ कर देती है। रात में जब हम स्क्रीन देखते हैं तो दिमाग को लगता है कि अभी दिन है, जिससे मेलाटोनिन बनना रुक जाता है और नींद देर से आती है।

हार्मोन कैसे बताते हैं कि अब उठने का समय हाे गया है?

सुबह होते ही हमारी बॉडी क्लॉक एड्रिनल ग्लैंड को सिग्नल देती है कि अब कॉर्टिसोल रिलीज करो, जिससे ब्लड प्रेशर और एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। शरीर का टेंपरेचर और हार्टरेट भी थोड़ा बढ़ जाता है। यही कारण है कि कई बार हम अलार्म से पहले ही खुद जाग जाते हैं। हालांक‍ि, इसमें रूटीन का भी बड़ा असर होता है।

master clock of your body (2)

रूटीन को पहचान लेता है शरीर

अगर आप हर दिन एक ही समय पर सोते और उठते हैं, तो आपका शरीर उस रूटीन को पहचान लेता है। सुबह की धूप में थोड़ा समय बिताना, दोपहर के बाद ज्यादा कैफीन न लेना और रात में तेज लाइट से बचना, ये सब चीजें आपकी बॉडी क्लॉक को मजबूत करती हैं। जब आपकी ये अंदरूनी घड़ी सही से काम करती है, तो आप दिन में ज्यादा फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस करते हैं और रात को आसानी से नींद आती है।

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तो अगली बार जब आप अलार्म से पहले उठें, तो समझ लीजिए क‍ि ये कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि आपके शरीर की मास्टर क्लॉक है जो आपको सही समय पर जगाने में लगी हुई है। अगर आपको ये स्‍टोरी अच्‍छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- Freepik

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