herzindagi
image

कम नींद न बना दे आपको डायबिटीज पेशेंट! जानें कैसे देर रात तक जागना और ज्यादा फोन चलाना बढ़ा सकता है शुगर लेवल

नींद की कमी और स्क्रीन टाइम का अधिक होना भी आपको डायबिटीज पेशेंट बना सकता है। अगर आपको लगता है कि सिर्फ मीठा खाने से शुगर हो सकती है, तो आप गलत हैं। इसके पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-11-19, 21:29 IST

ज्यादातर लोगों को लगता है कि डायबिटीज सिर्फ ज्यादा मीठा खाने से होती है और ऐसे में जो लोग मीठा कम खाते हैं या मीठा नहीं खाते हैं, उन्हें डायबिटीज होने की संभावन न के बराबर होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। बेशक ज्यादा मीठा खाना, डायबिटीज का एक कारण हो सकता है लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसी बातें हैं, जिनके चलते आप डायबिटीज का शिकार हो सकती हैं। अगर आप पूरी नींद नहीं लेती हैं या आपका स्क्रीन टाइम बहुत अधिक है, तो भी आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। नींद कम लेना या ज्यादा फोन चलाना कैसे आपको डायबिटीज पेशेंट बना सकता है, चलिए इस बारे में एक्सपर्ट से समझते हैं। इस बारे में Dr. Vijay Negalur, HOD-Diabetology, KIMS Hospitals, Thane जानकारी दे रहे हैं।

नींद कम लेने या ज्यादा फोन चलाने से कैसे बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा

  • एक्सपर्ट का कहना है कि टेक्नोलॉजी जहां हमें एक-दूसरे से जुड़े रहने में मदद करती है, वहीं लंबे वक्त तक फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल हमारी मेटाबॉलिक हेल्थ पर असर डाल सकता है।
  • नींद की कमी और अधिक स्क्रीन टाइम, टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। आज के वक्त में ज्यादातर लोग दिनभर डेस्क पर काम करते हैं, लैपटॉप और सोशल मीडिया पर एक्टिव करते हैं और इसकी वजह से फिजिकल एक्टिविटी कम हो गई है। इसकी वजह से कैलोरी बर्निंग धीमी हो जाती है और इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है।

What are the side effects of lack of sleep

  • जब लंबे समय तक हमारी मसल्स काम नहीं करती हैं, तो उनमें ग्लूकोज सही से अब्जॉर्ब नहीं होता है और इसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल स्पाइक हो सकता है। जब ऐसा बहुत अधिक वक्त तक होता है, तो शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस पैदा होने लगता है और टाइप-1 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
  • लैपटॉप और फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट, बॉडी की नेचुलर स्लीप साइकिल को प्रभावित कर सकती है। इससे मेलाटोनिन हार्मोन का रिलीज कम हो जाता है। यह हार्मोन शरीर को आराम करने का संकेत देता है।
  • जब यह हार्मोन कम होने लगता है, आप अच्छे से सो नहीं पाती हैं, तो हमारी शरीर की रिदम पर असर होता है और इसकी वजह से हार्मोनल बैलेंस और मेटाबलिज्म पर असर होता है।

यह भी पढ़ें- महिलाओं में Fatty Liver और PCOS की वजह से बढ़ सकता है Diabetes का खतरा, जानें कैसे करें बचाव

difficulty in sleeping

  • नींद की कमी इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम कर तेती है और इसकी वजह से नॉर्मल खान-पान से भी शुगर लेवल बढ़ने लगता है।
  • जब शरीर को आराम नहीं मिल पाता है, तो स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का सीक्रेशन बढ़ जाता है और इसकी वजह से इंसुलिन हार्मोन के काम पर असर होता है। वहीं नींद की कमी की वजह से भूख अधिक लगने लगती है। इसके कारण लेप्टिन हार्मोन कम होने लगता है। यह हार्मोन पेट भरने का एहसास दिलवाता है, लेकिन घ्रेलिन हार्मोन बढ़े लगता है और और भूख ज्यादा लगती है।
  • लेट नाइट क्रेविंग्स के कारण ग्लूकोज लेवल स्पाइक होने लगता है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

 

यह भी पढ़ें- World Diabetes day: क्या आपको पता है कि Type 1 और Type 2 diabetes में से कौन-सी ज्यादा खतरनाक है और क्यों? 


सेहतमंद रहने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। अगर आप कम नींद लेती हैं या आपका स्क्रीन टाइम ज्यादा है, तो डायबिटीज समेत कई दिक्कतों का खतरा बढ़ सकता है। हर जिंदगी के वेलनेस सेक्शन में हम इसी तरह अपने आर्टिकल्स के जरिए स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में आप तक सही जानकारी पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit:Freepik

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।