
महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा समय तक जीवित रहती हैं, जिससे उम्र बढ़ने के साथ स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। स्ट्रोक महिलाओं में मौत के आम कारणों में से एक है। इसके पीछे कई वजहें जिम्मेदार हैं। इसी बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day) मनाया जाता है।
डॉ. मनोज खनाल (डायरेक्टर न्यूरोसाइंसेज, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग) ने महिलाओं में स्ट्रोक का ज्यादा खतरा होने के बारे में जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने इससे बचाव के तरीके भी बताए हैं। आइए जानते हैं-
-1761625987788.jpg)
डॉ. मनोज खनाल ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन), कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, स्मोकिंग करना, दवाओं का नियमित सेवन न करना, हार्मोनल बदलाव और दिल से जुड़ी बीमारियां जैसे एट्रियल फिब्रिलेशन के कारण महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा देखा गया है। अक्सर देखा गया है कि महिलाएं कम उम्र में भी स्ट्रोक का शिकार हो जाती हैं।
इसे भी पढ़ें: दिल के लिए सबसे सेफ है ये ब्लड ग्रुप, हार्ट अटैक का खतरा होता कम; क्या कहती है रिसर्च?
इसकी वजह है समय पर दवाएं न लेना, ब्लड प्रेशर का हाई रहना, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना। खासकर भारत जैसे विकसित देशों में महिलाओं में न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, जिनमें स्ट्रोक भी शामिल है, ज्यादा पाई जाती हैं।
अब आप सोच रही होंगी कि इससे बचाव के तरीके क्या हैं? इस पर डॉ. मनोज बताते हैं कि महिलाओं को स्ट्रोक से बचाने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए, जिन्हें वे ABCS कहते हैं-
एस्पिरिन का सेवन खून में थक्के बनने से रोकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। कई महिलाओं में ये दवा बहुत असरदार साबित होती है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने वाली दवाएं स्ट्रोक से बचाव करने में मदद करती हैं। अगर ब्लड प्रेशर मेंटेन रहेगा तो दिमाग की नसों पर भी दबाव नहीं पड़ेगा।

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं खून की नसों में प्लाक बनने से रोकती हैं, जिससे ब्लड फ्लो नॉर्मल रहता है और इससे स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
स्मोकिंग छोड़ना स्ट्रोक से बचाव करने का सबसे आसान और असरदार तरीका है। दरअसल, जब आप स्मोक करती हैं तो इससे खून गाढ़ा हो जाता है। इस कारण थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है, जो स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
लाइफस्टाइल में कुछ छोटे-छोटे बदलाव भी बहुत फायदेमंद होते हैं। हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम और वजन मेंटेन रखकर स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। मोटापा कम होने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल दोनों ही कंट्रोल रहते हैं।
डॉ. खनाल बताते हैं कि स्ट्रोक का इलाज पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए लगभग बराबर होता है, लेकिन महिलाओं में दवाओं को नियमित रूप से न लेने की आदत ज्यादा देखी गई है। इसलिए महिलाओं को अपनी दवाएं समय पर लेनी चाहिए और लाइफस्टाइल में सुधार करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: अचानक बेहोशी या ब्लैकआउट को न करें नजरअंदाज, हो सकता है ब्रेन हैमरेज का संकेत
अगर आप भी इस बीमारी से बचना चाहती हैं तो आपको अभी ही अपनी लाइफस्टाइल में सुधार कर लेना चाहिए। साथ ही अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- Freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।