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क्‍या आपके बच्‍चे को भी आता है ज्‍यादा पसीना? द‍िल की बीमारी का हो सकता है संकेत; न करें इग्‍नोर

अक्सर माता-पिता बच्चों को ज्‍यादा पसीना आने की समस्या को हल्के में ले लेते हैं, खासकर जब मौसम गर्म हो। लेकिन अगर आपका बच्चा ठंड में, या खेलते या सोते समय भी सामान्य से ज्‍यादा पसीना बहाता है, तो ये केवल गर्मी का संकेत नहीं हो सकता है। ये दिल की बीमारी का शुरुआती संकेत भी हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
Editorial
Updated:- 2025-10-28, 13:39 IST

सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में अगर आपका शिशु बिना गर्मी के भी पसीना बहा रहा है, तो इसे नॉर्मल न समझें। अक्सर माता-पिता मान लेते हैं कि बच्चों में पसीना आना नॉर्मल है, लेकिन अगर ये बिना किसी वजह के या दूध पीते, सोते समय ज्‍यादा हो रहा है, तो ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताब‍िक, ऐसे लक्षण दिल की बीमारी यानी कॉनजेनिटल हार्ट डिजीज (जन्मजात हृदय रोग) से जुड़े हो सकते हैं।

डॉक्‍टर सुम‍ित चक्रवर्ती (एसोसिएट डायरेक्टर, पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी और हेड NICU, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद) बताते हैं क‍ि अगर बच्चा नॉर्मल टेंपरेचर में भी बहुत पसीना बहा रहा है, दूध पीते वक्त थक जाता है या सांस फूलने लगती है, तो ये द‍िल का सही तरीके से काम न करने का संकेत हो सकता है। ऐसे में दिल सही तरीके से ब्‍लड पंप नहीं कर पाता है।

शरीर में हो जाती है ऑक्‍सीजन की कमी

इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। शरीर इसे पूरा करने के लिए ज्‍यादा मेहनत करता है और नतीजतन बच्चे को ज्‍यादा पसीना आने लगता है। उन्‍होंने बताया क‍ि जब बच्चे के दिल और सांस लेने की प्रक्रिया को बनाए रखने में शरीर की ज्‍यादा एनर्जी खर्च होती है, तो बच्चा खाना खाते या रोते समय जल्दी थक जाता है और नॉर्मल से ज्‍यादा पसीना बहाने लगता है।

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excessive sweating in babies (1)

इन लक्षणों पर दें ध्‍यान

  • बच्चे का चेहरा या होंठ नीला पड़ जाना
  • दूध पीते वक्त सांस फूलना या बार-बार रुकना
  • वजन न बढ़ना
  • विकास में देरी होना
  • लगातार थकान
  • ज्‍यादा नींद आना
  • ठंडे मौसम में भी ज्‍यादा पसीना आना

कब करें डॉक्टर से संपर्क

डॉ. चक्रवर्ती ने बताया क‍ि माता-पिता को ये नहीं मान लेना चाहिए कि बच्चे को सिर्फ गर्मी की वजह से ही पसीना आता है। अगर ये बार-बार हो रहा है या बाकी लक्षणों के साथ दिख रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चे का इकोकार्डियोग्राफी और ईसीजी कराना बहुत जरूरी है। इससे बीमारी तुरंत पहचान में आ जाएगी। समय रहते जांच करवाने से इलाज आसान और सफल हो सकता है।

क्या है इलाज

डॉक्‍टर ने बताया क‍ि कॉनजेनिटल हार्ट डिजीज का इलाज उसकी गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करता है। कई मामलों में दवाओं से सुधार आ जाता है, जबकि कुछ कंडीशंस में सर्जरी की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा शिशुओं में Patent Ductus Arteriosus (PDA) से भी इलाज क‍िया जा सकता है।

डॉक्टर की सलाह

डॉ. चक्रवर्ती ने बताया क‍ि हर बच्चा अलग होता है, लेकिन अगर शिशु का पसीना असामान्य रूप से ज्‍यादा हो रहा है, तो इसे हल्के में न लें। नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से आप बच्चे के दिल की सुरक्षा कर सकती हैं।

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बच्चों में ज्‍यादा पसीना सिर्फ मौसम या कपड़ों की वजह से नहीं होता। कई बार यह शरीर में किसी गंभीर समस्या, खासकर द‍िल की बीमारी का भी संकेत हो सकता है। इसलिए अगर आपका बच्चा ठंडे मौसम में भी ज्‍यादा पसीना बहा रहा है, तो तुरंत डॉक्‍टर से सलाह लें और समय रहते जांच करवाएं।

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Image Credit- Freepik

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