मेनोपॉज में हडि्डयां रहेंगी दुरुस्‍त अगर रखेंगी इन बातों का ध्यान

मेनोपॉज के दौरान और बाद में हडि्डयां कमजोर होने लगती है। अगर आपको उन्‍हें दुरुस्‍त रखना है तो इस आर्टिकल में एक्‍सपर्ट के दिए उपायों के अपनाएं। 

Pooja Sinha
Menopause  and  Bone  Health main

मेनोपॉज के बाद, महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल में बहुत कम हो जाता है। एस्ट्रोजन हार्मोन एक प्राकृतिक और हड्डी की ताकत के रक्षक के रूप में काम करता है। यह कैल्सीटोनिन के उत्पादन को बढ़ाकर और पैराथायराइड हार्मोन के प्रति बोन मास की सेंसिटिविटी को कम करके आस्टियोजेनेसिस को मेंटेन करने में हेल्‍प करता है। यह आंतों से कैल्शियम के अवशोषण में भी हेल्‍प करता है और किडनी के माध्यम से कैल्शियम का उत्सर्जन कम करता है। इसलिए मेनोपॉज के बाद, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना 4 गुना अधिक होती है।

मेनोपॉज और जोड़ों का दर्द

मेनोपॉज जोड़ों के दर्द का कारण बनता है जो घुटनों, कंधों, गर्दन, कोहनी और पीठ को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करता है। ऐसा होने पर महिलाओं को आमतौर पर जोड़ों में सूजन, अकड़न और मूवमेंट में कठिनाई की शिकायत होती है। मेनोपॉज के दौरान जोड़ों का दर्द आमतौर पर सुबह के समय ज्‍यादा परेशान करता है और दिन की एक्टिविटी के दौरान धीरे-धीरे कम हो जाता है। बाद में, ऑस्टियोपोरोसिस भी जोड़ों की विकृति विशेष रूप से घुटने के जोड़ों और रीढ़ की हड्डी में पैदा कर सकता है।

मेनोपॉज के दौरान फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस

ऑस्टियोपोरोसिस न केवल हड्डियों को कमजोर करता है, बल्कि अक्‍सर फ्रैक्चर और चोटों का भी कारण बनता है। यह समस्‍या किसी भी लक्षण या दर्द को प्रदर्शित  किए बिना बोन मास और हड्डी की स्‍ट्रेंथ को नुकसान पहुंचा सकती है। ज्यादातर मामलों में ऑस्टियोपोरोसिस का निदान गिर जाने या फिर ट्रॉमा की वजह से होता है। रीढ़ की हड्डी, हिप के जोड़ और कलाई जैसे हिस्‍सों में ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर बहुत आम हैं। कभी-कभी फ्रैक्चर में ह्यूमरस या रिब्‍स भी शामिल होते हैं। मेनोपॉज के दौरान होने लगती हैं त्वचा से जुड़ी ये समस्याएं

इसलिए पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज पीरियड के दौरान रेगुलर चेकअप की सलाह दी जाती है। इससे समय से पहले ऑस्टियोपोरोसिस के निदान और उपचार में मदद मिलेगी, क्योंकि इससे कभी ठीक न होने वाला डैमेज हो सकता है।

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में जोड़ों के दर्द, फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस के कारण

हड्डियां लिविंग टिश्‍यु से बनी होती हैं, और हड्डी के कठोर बाहरी भाग में स्पंज की तरह की हड्डी होती है, जिसमें छोटे छिद्र होते हैं। जब हड्डी का घनत्व कमजोर हो जाता है, तो हड्डी के स्पंज जैसे हिस्से में छेद बड़े हो जाते हैं और इनकी संख्या बढ़ने लगती है। इससे हड्डी अंदर से कमजोर हो जाती है, जो हड्डी का वास्तविक हिस्सा है और जो शरीर को कठोरता और ताकत देता है। उम्र के साथ, हड्डी के निर्माण की मात्रा हड्डी टूटने की मात्रा से कम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप बोन मास (घनत्व) का नुकसान होता है। जब बोन मास में यह नुकसान एक निश्चित बिंदु से ज्‍यादा होता है, तो किसी का भी हड्डी स्वास्थ्य नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है।

मेनोपॉज के दौरान हड्डी स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली समस्याओं से कैसे निपटा जा सकता है?

हड्डी के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली समस्याओं को कम करने के लिए कई तरीकों को अपनाया जा सकता है।

विटामिन डी सप्‍लीमेंट- विटामिन डी आपकी हड्डियों को हेल्‍दी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर शरीर को यह विटामिन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है, तो हड्डियां भी कैल्शियम को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाती हैं। सूरज के संपर्क में आना विटामिन डी पाने का एक नेचुरल तरीका है, लेकिन दूध, अनाज और मछलियों जैसे सालमन और मैकेरल की मदद से विटामिन डी की प्रचुर मात्रा मिलती है। डॉक्टर इसकी कमी को पूरा करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाओं विटामिन डी D3- 1000IU/प्रतिदिन का सुझाव भी दे सकते हैं। 

 

 

कैल्शियम सप्‍लीमेंट - कैल्शियम न केवल मजबूत हड्डियों के निर्माण में मदद करता है, बल्कि उन्हें हेल्‍दी रखने में भी मदद करता है। अगर शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की आपूर्ति से वंचित किया जाता है, तो हड्डियों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। केल, ब्रोकोली, और डेयरी प्रोडक्‍ट जैसे फूड्स में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। डॉक्टर ओवर-द-काउंटर दवाओं 1000 mg कैल्शियम/प्रतिदिन का सुझाव दे सकते हैं। 

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फिजिकल एक्‍सरसाइज - मेनोपॉज के बाद अपनी हड्डियों को एक्टिव और फ्लेक्सिबल रखना पहले से कहीं ज्‍यादा जरूरी हो जाता है। इसलिए फिजिकल एक्‍सरसाइज विशेष रूप से वेट ट्रेनिंग को अपनेे रूटीन में शामिल करना चाहिए। 

 

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी - कुछ मामलों में, डॉक्टर आपको हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का विकल्प चुनने के लिए कह सकते हैं। यह इस समस्‍या को बिगड़ने से बचाने के लिए शरीर में हार्मोन के लेवल को विनियमित करने में हेल्‍प करता है।

डॉक्‍टर राखी आर साहू [M.D. D.G.O, FCPS, Diploma in Endoscopy (Germany) Consultant Gynecologist and Obstetrician at Dr. L.H.Hiranandani Hospital, Powai, Mumbai] को एक्‍सपर्ट सलाह के लिए विशेष रूप से धन्‍यवाद। 

Reference: 

https://www.healthline.com/health/menopause/osteoporosis#treatment

https://www.webmd.com/menopause/guide/osteoporosis-menopause#2

https://www.healthline.com/health/menopause/pain#outlook

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