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    आज से ही लें अपनी हड्डियों की protection और care की शपथ

    कमजोर हड्डियों की समस्‍या से आप हेल्‍दी डाइट, रेगुलर एक्‍सरसाइज और early diagnosis से आसानी से निपट सकती हैं, आइए आज से ही अपनी bones से करें प्‍यार। 
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    Updated at - 2017-10-23,11:04 IST
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    Image Courtesy: Shutterstock.comosteoporosis in woman main

    World Osteoporosis Day हर साल 20 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस साल की थीम ‘Love your Bones’ है। ऑस्टियोपोरोसिस अर्थात हड्डियों का कमजोर होना ऐसी समस्या है, जिसका उम्रदराज लोगों को अधिक सामना करना पड़ता है खासतौर से महिलाओं को। 50 साल की उम्र के बाद हर तीन में एक महिला को यह समस्या होती है। ये समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है।

    ऑस्टियोपोरोसिस एक नॉर्मल डिर्स्‍आडर है जो जोड़ों की सूजन के कारण होती है। यह एक कमजोर पड़ने वाली मस्क्यूकोस्केलेटल स्थिति है, जो दर्द से जुड़ी होती है और इसे joint disease, शारीरिक विकलांगता, रीढ़ की हड्डी के विकार और ट्रॉमा जैसी प्रॉब्‍लम्‍स रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। शुरुआती निदान अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि समस्या के बिगड़ने से पहले लोग जल्द से जल्द इसका इलाज करा सकें। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस का प्रसार 0.3 और 1 प्रतिशत के बीच होता है, और महिलाओं और विकसित देशों में यह बहुत ही आम है। 60 साल की उम्र के बाद पुरुषों में 9.6 प्रतिशत और महिलाओं में 18 प्रतिशत लक्षण-संबंधी ऑस्टियो-अर्थराइटिस है। लेकिन आजकल कम उम्र की महिलाओं अर्थात्, 20-40 वर्ष में भी यह समस्‍या देखने को मिलती है।

    फोर्टिस बोन और जॉइट इंस्टिट्यूट के चेयरमैन Padmashree Dr. Ashok Rajgopal के अनुसार, ''पुरुषों की तुलना में बोन टिश्‍यु कम होने के कारण महिलाओं में अर्थराइटिस होने का जोखिम बहुत अधिक होता है। साथ ही पतली और छोटी बॉडी फ्रेम वाली महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ बॉडी मास कम होने लगता है। इसके अलावा ओस्टियोपोरोसिस पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है, इसलिए genetics इसमें एक मजबूत भूमिका निभाती है।'' Dr. Ashok Rajgopal हमें हड्डियों को स्‍वस्‍थ रखने के उपायों के बारे में कुछ जानकारी दे रहे हैं।

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    osteoporosis in woman inside

    Image Courtesy: Shutterstock.com

    ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण

    • जोड़ों के आसपास के हिस्‍सों में सूजन
    • शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द
    • जोड़ों में कट-कट की आवाज
    • जोड़ों में stiffness

    हेल्‍दी बोन्‍स के लिए टिप्‍स

    डाइट:  डाइट कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर होनी चाहिए। 20 से 50 वर्ष की उम्र के बीच के adults को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम और 600 यूनिट विटामिन डी लेना चाहिए। हरी पत्‍तेदार सब्जियों और मछली कैल्शियम के अच्‍छे स्रोत हैं। Fortified milk और सनलाइट विटामिन डी के अच्‍छे स्रोत हैं।
    फिजीकल एक्टिविटी: Weight bearing एक्‍सरसाइज जैसे वॉंकिंग, रनिंग, और वेट ट्रेनिंग से बोन्‍स को हेल्‍दी बनाने में मदद मिलती है।
    हार्मोन: हार्मोन संबंधी गड़बड़ी bone health को प्रभावित करती है। Excess थाइरॉयड और एस्ट्रोजन की कमी (menopause के बाद) कमजोर हड्डियों को जन्म दे सकती है।
    मेडिसिन: स्टेरॉयड, कैंसर की मेडिसिन, एंटी-डिस्टैंटर्स, anti-seizure दवाएं और प्रोटॉन पंप हड्डियों को कमजोर करते हैं।
    धूम्रपान और शराब: धूम्रपान और शराब तेजी से अस्थि घनत्‍व को कम करती हे। इसलिए स्‍मोकिंग को पूरी तरह से रोका और शराब का सेवन हफ्ते में 2 ड्रिंक्‍स तक सीमित कर देना चाहिए।

    ऑस्टियोपोरोसिस के पेन को manage करने के टिप्‍स

    • मेडिटेशन और relaxation techniques मानसिक रूप से दर्द को कंट्रोल करने में हेल्‍प करते हैं।
    • मसाज और एक्‍यूपंक्‍चर जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
    • कुछ फूड्स जैसे फ्राई और processed meat सूजन को बढ़ते हैं इसलिए इन फूड्स से दूरी बनाकर रखें।
    • एरोबिक्स, वॉकिंग और फिजियोथेरेपी हड्डियों को मजबूत बनाने और दर्द को कम करने में हेल्‍प करती है।
    • पर्याप्‍त नींद दर्द को कम करने में मदद करता है।
    • पुराने दर्द को कम करने के लिए तनाव को दूर करना जरूरी है।
    • आप चाहे तो दर्द को कम करने के लिए डॉक्‍टर से पूछ कर पेनकिलर ले सकती हैं।

    हड्डियों पर मानवीय शरीर को ढा़चा टिका होता हैं, वे अंगों की रक्षा करती हैं, मसल्‍स को स्थिर रखती है जिससे चलने-फिरने में मदद मिलती हैं। हड्डियां कैल्शियम के भंडारण को भी काम करती है। किसी भी जीवित अंग की तरह हड्डियां निरंतर बदलती रहती हैं। नई हड्डियां पुरानी हड्डियों की जगह लेती है जो टूटकर अलग होती जाती है। 30 वर्ष की उम्र तक आप अपने बोन मास के हाई लेवर पर होती हैं। इसलिए हेल्‍दी डाइट, रेगलुर एक्‍सरसाइज और अच्‍छी लाइफस्‍टाइल से आपको अपनी हड्डियों की केयर करनी शुरू कर देने की सलाह दी जाती है।

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