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कहीं आप भी तो नहीं अर्थराइटिस के इन लक्षणों को कर रहीं इग्नोर? जान लें किन महिलाओं में है इसका सबसे बड़ा रिस्क

World Arthritis Day 2025: अर्थराइट‍िस एक ऐसी समस्‍या है जो किसी भी उम्र में और क‍िसी को भी अपनी चपेट में सकता है। ये जोड़ों से जुड़ी एक समस्या है। इस कारण जोडों और हड्डियों में दर्द बना रहता है। ये समस्या आमतौर पर महिलाओं में ज्‍यादा देखने को म‍िलती है। ऐसे में इनके लक्षणाें को शुरुआत में ही पहचानना जरूरी है। इससे आपका सही समय पर इलाज हो सकेगा।
Editorial
Updated:- 2025-10-10, 09:59 IST

अर्थराइटिस एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जो केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रही। हाल के वर्षों में विशेषज्ञों ने ये चेतावनी दी है कि अब ये समस्या महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। अगर शुरुआत के लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो आगे चलकर आपको गंभीर रूप से परेशान होना पड़ सकता है। इसी बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक करने के ल‍िए हर साल 12 अक्‍टूबर को World Arthritis Day मनाया जाता है।

मह‍िलाओं में इस बीमारी के बारे में जानने के ल‍िए हमने डॉ. देवेंद्र बैरवा (कंसल्‍टेंट रुमेटोलॉजी, एश‍ियन हॉस्‍प‍िटल) से व‍िस्‍तार से जानकारी हास‍िल की। उन्‍होंने बताया क‍ि अर्थराइटिस की शुरुआती पहचान करना बेहद जरूरी है। अक्सर महिलाएं सुबह उठते समय जो जोड़ों में दर्द और अकड़न महसूस करती हैं, उसे हल्का समझ कर नजरअंदाज कर देती हैं। धीरे-धीरे ये दर्द बढ़ता है और खासकर हाथों, घुटनों और कूल्हों के जोड़ों में बुरा असर डालता है।

मह‍िलाओं में अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण

गठिया होने पर शुरुआती लक्षण नजर आते हैं, जिनकी पहचान कर समय रहते इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

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कौन-सी महिलाओं को सबसे ज्‍यादा खतरा?

डाॅक्‍टर ने बताया क‍ि 40 साल से ऊपर की महिलाओं (खासकर मेनोपॉज के बाद) में अर्थराइटिस का सबसे ज्‍यादा खतरा होता है। हार्मोनल बदलाव, विशेषकर एस्ट्रोजन का लेवल कम होना, महिलाओं में जोड़ों की हड्डियों और टि‍शूज को कमजोर कर देता है। इसके कारण मेनोपॉज के बाद महिलाओं में अर्थराइटिस के मामले तेजी से बढ़ते हैं। इसके अलावा मोटापा, अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल, लंबे समय तक बैठे रहने की आदत और परिवार में अर्थराइटिस का इतिहास भी इसके खतरे को बढ़ा देते हैं।

कैसे करें बचाव?

  • शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • हेल्‍दी डाइट लें।
  • वजन कंट्रोल रखें।

arthritis in women

डॉक्‍टर ने कहा क‍ि जरूरी दवाओं का समय पर सेवन करने से भी अर्थराइटिस को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा, फिजिकल थेरेपी और हल्के योगासन भी जोड़ों में लचीलापन और ताकत बनाए रखने में मदद करते हैं। उनका कहना है क‍ि महिलाओं को अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए और जोड़ों में किसी भी तरह की अकड़न या दर्द महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। देर होने पर ने केवल दर्द बढ़ता है बल्कि इलाज भी मुश्किल हो सकता है।

अर्थराइटिस केवल एक उम्रदराज समस्या नहीं रही है। सही समय पर पहचान, एक्‍सपर्ट की सलाह और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल अपनाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। महिलाओं के लिए ये और भी जरूरी है कि वे अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें और समय रहते जांच कराएं।

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अगर आपको भी ऐसे कुछ लक्षण नजर आते हैं, तो डॉक्‍टर से जरूर म‍िलें। इससे आपको सही समय पर इलाज म‍िल सकेगा। साथ ही अगर आपको ये लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।

Image Credit- Freepik/AI-Generated

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