किनारे से फटते हैं होंठ तो हो सकता है इस बीमारी का संकेत, ऐसे करें इलाज

अगर आपके होंठ भी किनारे से बार-बार फटते हैं और इस हिस्‍से में दर्द भी सताता है, तो आपको तुरंत सावधान होने की जरूरत है। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इस आर्टिकल में इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय डॉक्‍टर से जानें।  
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एक्‍सपर्ट का कहना है, ''एंगुलर चेइलिटिस से परेशान महिलाओं में 25 प्रतिशत तक आयरन या विटामिन-बी की कमी होती है। विटामिन-बी में विशेषकर बी12, फोलेट, राइबोफ्लेविन शामिल होता है। साथ ही, मिनरल्‍स की कमी जैसे जिंक और प्रोटीन की कमी भी पाई जाती है।''

एंगुलर चेइलिटिस क्या है?

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एंगुलर चेइलिटिस त्वचा की आम समस्‍या है, जिससे होंठों के कोनो पर असर होता है और समस्‍या के गंभीर होने पर इसमें दर्द और घाव होने लगते हैं। अक्सर लोग कोल्ड सोर को एंगुलर चेइलिटिस मानते हैं। लेकिन, हम आपको बता दें कि कोल्ड सोर की तरह एंगुलर चेइलिटिस संक्रामक नहीं होता है। यह समस्‍या आमतौर पर मलहम, दवा या डाइट में बदलाव के साथ दूर हो जाती है।

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एंगुलर चेइलिटिस किसे हो सकता है?

एंगुलर चेइलिटिस की समस्‍या बढ़ती उम्र के लोगों और बहुत कम उम्र के बच्‍चों में बहुत आम है। बुजुर्ग लोगों में यह समस्‍या इसलिए होती है, क्‍योंकि वह डेन्चर पहनते हैं या उनके मुंह के कोनों की ढीली त्वचा हो जाती है, जो ड्राईनेस का कारण बनती है। अंगूठा चूसने और लार टपकने से शिशुओं के मुंह के कोने फट सकते हैं।

एंगुलर चेइलिटिस के लक्षण और कारण

लार मुंह के कोनों में जमा हो जाती है और ड्राईनेस का कारण बनती है। इस हिस्‍से में बहुत ज्‍यादा ड्राई त्वचा एंगुलर चेइलिटिस का कारण बन सकती है। कभी-कभी बैक्टीरिया या फंगस दरारों में आ जाते हैं, जिससे सूजन या इंफेक्‍शन हो सकता है।

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ड्राई और फटे होंठ के कोनों के कारण एंगुलर चेइलिटिस होने पर ये समस्‍याएं देखने को मिलती है-

  • एटॉपिक डर्मेटाइटिस या एक्जिमा
  • डेन्चर जो फिट नहीं होते हैं
  • नींद के दौरान लार आना
  • मुंह में फंगल या खमीर संक्रमण, जैसे थ्रश
  • त्वचा की एलर्जी
  • अंगूठा चूसना
  • फेस मास्क पहनना

एंगुलर चेइलिटिस के लिए जोखिम कारक क्या हैं?

हालांकि, यह समस्‍या किसी भी उम्र या लिंग के लोगों को हो सकती है। कुछ कारक जो आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं, उनमें शामिल हैं:

  • डायबिटीज या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी) जैसी क्रोनिक समस्‍याएं
  • डाउन सिंड्रोम, जो चेहरे पर ड्राईनेस या ढीली त्वचा का कारण बन सकता है
  • इम्‍यून सिस्‍टम डिसऑर्डर, जैसे एचआईवी
  • विटामिन बी, आयरन या प्रोटीन का लो लेवल
  • तेजी से वजन कम होना
  • उम्र बढ़ने के कारण त्वचा पर झुर्रियां पड़ना
  • स्‍मोकिंग
  • तनाव

इन मिनरल्‍स और विटामिन्‍स का सबसे अच्छा स्रोत क्या हैं?

  • विटामिन बी 12 - विटामिन बी 12 के सप्‍लीमेंट, मांसाहारी स्रोत जैसे मीट, समुद्री भोजन, गढ़वाले अनाज और मिल्‍क प्रोडक्‍ट्स।
  • फोलेट - फलियां, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, नट और बीज, खट्टे फल, गेहूं के बीज, ब्रोकली, एवोकाडो।
  • राइबोफ्लेविन - मिल्‍क और मिल्‍क प्रोडक्‍ट्स, अंडे, मीट।
  • आयरन - मांसाहारी स्रोत, गार्डन क्रेस सीड्स, टोफू, दाल, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट।
  • जिंक - मीट, फलियां, बीज, नट, पनीर, डार्क चॉकलेट।
  • प्रोटीन - डेयरी प्रोडक्‍ट्स, टोफू, सोयाबीन, दालें और फलियां।
अगर आप भी इस समस्‍या से परेशान हैं, तो यह जानकारी आपके काम आ सकती है।अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image credit: Shutterstock & Freepik
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