जब तक मैंने योग करना शुरू नहीं किया था, तब तक मैं पूरा दिन बहाना बनाती रहती थी कि अभी तो खाना खाया है, थोड़ी देर ही हुई है, अभी मैं योग कैसे कर सकती हूं, अभी तो मैंने जूस पिया है, अभी तो मैं सो कर उठी हूं, ऐसे बहुत सारे बहाने पूरा दिन बनाया करती थी। ऐसे में एक-एक करके दिन निकलते जा रहे थे, लेकिन मैं योग नहीं कर पा रही थी।
लेकिन, जब थोड़ी कोशिश करके मैंने योग के लिए समय निकाला और रोजाना योग करना शुरू किया, तब मुझे खुद के अंदर बहुत बदलाव महसूस हुआ। आज मैं रोज सिर्फ 10 मिनट 30 बार सूर्य नमस्कार करती हूं। आज मैं आपको बताऊंगी कि सूर्य नमस्कार करने से मुझमें क्या बदलाव दिखाई दिए। लेकिन सबसे पहले इस योगासन के बारे में थोड़ी सी जानकारी ले लेते हैं।
सूर्य नमस्कार' का शाब्दिक अर्थ सूर्य को नमस्कार करना है। यह योगासन शरीर को फिट और मन को शांत व हेल्दी रखने का बेस्ट तरीका है। सूर्य नमस्कार 12 शक्तिशाली योगासनों का कॉम्बिनेशन है, जो बेस्ट कार्डियो-वैस्कुलर एक्सरसाइज भी है।
सूर्य नमस्कार से बॉडी में दिखते हैं ये बदलाव
- रोजाना सूर्य नमस्कार करने से मेरा वजन 1 महीने में 2 किलो कम हुआ।
- पेट और कमर के आस-पास की चर्बी कम होने लगी।
- इसे करने से पूरा शरीर टोन होने लगा।
- चेहरे पर निखार आने लगा।
- ब्लड शुगर लेवल कम हुआ।
- शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर हुआ।
- हड्डियों में दर्द और अकड़न कम होने लगी। यह समस्या बढ़ती उम्र में मुझे सबसे ज्यादा परेशान कर रही थी।
- स्ट्रेस लेवल हुआ और रात में अच्छी नींद आने लगी।
- डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक हुआ और कब्ज की समस्या से छुटकारा मिला।
- लचीलेपन को बढ़ावा मिला।
- सूर्य नमस्कार स्कैल्प में ब्लड की आपूर्ति में सुधार करता है, जिससे बालों को पर्याप्त पोषण मिलता है। इसलिए सूर्य नमस्कार करने से मेरे बालों का झड़ना भी रुक गया।
- इम्यून सिस्टम अच्छा होने से बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम की समस्या मुझे परेशान नहीं करती है।
सूर्य नमस्कार के 12 आसन
- प्रणाम आसन
- हस्तउत्तानासन
- हस्तपाद आसन
- अश्व संचालन आसन
- दंडासन
- अष्टांग नमस्कार
- भुजंगासन
- पर्वतासन
- अश्वसंचालन आसन
- हस्तपाद आसन
- हस्तउत्थान आसन
- ताड़ासन
सूर्य नमस्कार की विधि
- दोनों पंजे एक साथ करके खड़े हो जाएं और पूरा शरीर का वजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें। सांस लेते हुए दोनों हाथ बगल से ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए हथेलियों को जोड़ते हुए प्रणाम मुद्रा में ले आएं।
- सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे ले जाएं।
- सांस छोड़ते हुए व रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए कमर से आगे झुकें। फिर दोनों हाथों को पंजो के समीप जमीन पर रखें।
- सांस लेते हुए दाहिना पैर पीछे ले जाएं।
- सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे ले जाएं और पूरे शरीर को सीधी रेखा में रखें।
- दोनों घुटने जमीन पर लाएं और सांस छोड़ें। कूल्हों को पीछे उपर की ओर उठाएं। पूरे शरीर को आगे की ओर खिसकाएं। चेस्ट और चिन को जमीन से छुएं।
- आगे की ओर आते हुए भुजंगासन में चेस्ट को उठाएं।
- सांस छोड़ते हुए कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को ऊपर उठाएं। फिर चेस्ट को नीचे झुकाकर उल्टे वी के आकार में आ जाएं।
- सांस लेते हुए दाहिना पैर दोनों हाथों के बीच ले जाएं। बाएं घुटने को जमीन पर रख सकते हैं।
- सांस छोड़ते हुए बाएं पैर को आगे लाएं। हथेलियों को जमीन पर ही रहने दें। अगर जरूरत हो तो घुटने मोड़ सकते हैं।
- सांस लेते हुए रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे ऊपर लाएं। हाथों को ऊपर और पीछे की ओर ले जाएं। हिप्स को आगे की तरफ धकेलें।
- सांस छोड़ते हुए पहले शरीर सीधा करें। फिर हाथों को नीचे लाएं। इस पोजीशन में रिलैक्स करें।
सावधानी
- सूर्य नमस्कार करने के तुरंत पहले और बाद में कुछ भी खाने से बचें।
- सूर्य नमस्कार करने से पहले पर्याप्त वार्म-अप करें।
सूर्य नमस्कार आप कभी भी कर सकते हैं, लेकिन सुबह इसका फायदा बहुत ज्यादा मिलता है और सूर्य की दिशा में खड़े होकर करने से फायदा ज्यादा होता है। आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।