
नए वर्ष की शुरुआत के साथ ही लोगों में यह जानने की जिज्ञासा देखी जाती है कि वर्ष भर में खगोलीय और धार्मिक दृष्टी से कौन सी महत्वपूर्ण घटनाएं घटेंगी। साल में पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के बारे में जानने की उत्सुक्ता भी लोगों में बहुत देखी जाती है। इसलिए हमने साल 2026 में पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के तिथि, समय और सूतक काल के बारे में छिंदवाड़ा, निवासी पंडित एवं ज्योतिषाचार्य सौरभ त्रिपाठी से बात की। वह कहते हैं, " जरूरी नहीं है कि हर सूर्य ग्रहण का असर भारत में देखा जाए। कई बार वैज्ञानिक कारणों से विश्व के किसी कोने में सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है और किसी में नहीं, मगर सूर्य को ग्रहण लगने का जो ज्योतिष महत्व है वह कम नहीं होता है।"
इस वर्ष कितनी बार सूर्य ग्रहण पड़ेंगे और भारत के संदर्भ में इनका क्या महत्व रहेगा? चलिए पंडित जी से जानते हैं।

वर्ष 2026 में पड़ने वाले सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2026 Date)
साल 2026 में 2 सूर्य ग्रहण पड़ेंगे। भारत में यह दोनों ही ग्रहण नजर नहीं आएंगे, मगर इन दोनों ही ग्रहण के अपने अलग ज्योतिष महत्व हैं और दोनों का ही असर मानव जीवन में अलग-अलग तरह से पड़ेगा।
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| तिथि | ग्रहण का प्रकार | सूतक काल | समय |
| 17 फरवरी | कंकणाकार सूर्य ग्रहण | सुबह 3 बजे से सूतक लग जाएगा | भारतीय समय के अनुसार 3 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगा और रात 5 बजकर 27 मिनट और 46 सेकेंड पर समाप्त होगा |
| 12 अगस्त | पूर्ण सूर्य ग्रहण | सुबह 9 बजे से सूतक लग जाएगा | रात 9 बजकर 4 मिनट और 48 सेकेंड पर शुरु होकर रात 10 बजकर 39 मिनट और 10 सेकेंड पर समाप्त होगा सुबह 9 बजे से सूतक लग जाएगा |
वर्ष 2026 में पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवीर, मंगलवार के दिन पड़ेगा। फाल्गुन कृष्ण अमावस्या के दिन लगने वाला यह ग्रहण, कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहलाएगा। इस ग्रहए को केवल दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अर्जेंटीना और अंटार्कटिका में देखा जा पाएगा। भारत में किसी भी चरण में यह सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा। चूंकि भारत में ग्रहण का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होगा, इसलिए इसका कोई वैज्ञानिक प्रभाव भी लोगों के जीवन में नहीं पड़ेगा। पंडिता सौरभ कहते हैं, " जब ग्रहण देश में नहीं पड़ता है, तो कई लोग सूतक काल नहीं मानते हैं और न ग्रहण के दौरान अपना जाएने वाले नियमों का पालन करते हैं। मगर सूर्य ग्रहण के पड़ने से लोगों की राशियों पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए भारत में ग्रहण दिखे अथवा न दिखे इसका धार्मिक महत्व कम नहीं होता है।"
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वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त को पड़ रहा है। श्रावण कृष्ण अमावस्या को लगने वाला यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण आर्कटिक क्षेत्र, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल और रूस के कुछ भागों में नजर आएगा। जब सूर्य में यह ग्रहण लगेगा तब भारत में रात होगी और यह ग्रहण नजर नहीं आएगी। इसलिए भारत में वैज्ञानिक रूप से इस ग्रहण को नहीं माना जाएगा, मगर इसका धार्मिक महत्व होगा। होने के कारण यह ग्रहण अदृश्य रहेगा। इसलिए यहाँ इसके प्रभाव को मान्य नहीं माना गया है।
वर्ष 2026 में लगने वाले दोनों सूर्य ग्रहण भारत में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देंगे, इसलिए इनका कोई वैज्ञानिक प्रभाव यहां नहीं माना जाएगा। फिर भी ज्योतिषीय दृष्टि से ग्रहणों का महत्व बना रहता है और माना जाता है कि इनका असर राशियों और मानव जीवन पर पड़ सकता है। ऐसे में धार्मिक मान्यताओं का पालन करना या न करना पूरी तरह व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करता है। कुल मिलाकर, साल 2026 के दोनों सूर्य ग्रहण खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, भले ही भारत में उनका प्रत्यक्ष दर्शन संभव नहीं होगा। यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें, इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी हरें।
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