प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को यूं तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन एक चीज जो उन्हें सबसे ज्यादा परेशान करती है, वह है मूड स्विंग्स। प्रेग्नेंसी की शुरूआत से लेकर अंत तक, महिलाओं को मूड स्विंग्स होते हैं, जिसमें कभी गुस्सा करना तो कभी रोना, तो कभी उदास हो जाना आदि शामिल है।
मूड स्विंग्स के कई कारण हो सकते हैं, जैसे थकान, शारीरिक व हार्मोनल बदलाव, मार्निंग सिकनेस आदि। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन इन मूड स्विंग्स के कारण गर्भवती महिला को खुद भी यह समझ नहीं आता है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है। ऐसे में मूड स्विंग्स को मैनेज करने के लिए कुछ योगासन किए जा सकते हैं, जिसके बारे में आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ डॉ. नेहा वशिष्ट कार्की बता रही हैं, जो वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट भी हैं-
अनुलोम विलोम प्राणायाम
गर्भावस्था में महिलाओं के मूड स्विंग्स के पीछे की एक मुख्य वजह हार्मोनल चेंज होते हैं। इस दौरान महिला के शरीर में बहुत तेजी से हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण उनका मूड लगातार बदलता रहता है। ऐसे में अनुलोम-विलोम प्राणायाम करनामहिला के लिए बेहद लाभकारी होता है। उन्हें कम से कम 10-15 मिनट प्राणायाम अवश्य करना चाहिए।
अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करें
- सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें।
- अब अपनी आंखें बंद कर लें और रीढ़ व गर्दन को सीधा रखें।
- अब अपनी दाहिने हाथ के अंगूठे को अपनी दाहिनी नाक पर रखें।
- दाहिनी नाक को अंगूठे की मदद से बंद करें और बाएं नाक से गहराई से सांस लें।
- इसके बाद, अनामिका उंगली से बाएं नाक को बंद करें।
- अब अंगूठा छोड़ें और दाहिनी नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- अब दूसरी तरफ से भी ऐसा ही करें। इस तरह, आपका एक क्रम पूरा हुआ।
ओम् का उच्चारण
ओम् का उच्चारण करने से मन शांत होता है। अगर इसका नियमित अभ्यास किया जाए तो यह आपके मूड स्विंग्स को काफी हद तक मैनेज करता है। आपको इसे दिन में कम से कम 9-10 बार अवश्य करना चाहिए।
ओम् का उच्चारण कैसे करें
- इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर आप पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें।
- अब अपनी आंखों को बंद करें और हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
- अब आप शांत चित्त से गहरी श्वास भरें और धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए ओम् का उच्चारण करें।
- इसी तरह, आप अपनी क्षमतानुसार ओम् का उच्चारण करें।
भ्रामरी प्राणायाम
गर्भावस्था में होने वाले मूड स्विंग्स को मैनेज करने के लिए भ्रामरी प्राणायाम करनाभी एक अच्छा विचार है। यह आपके सब्कान्शस माइंड को रिलैक्स करता है। साथ ही, हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाले मूड स्विंग्स को ठीक करता है।
भ्रामरी प्राणायाम कैसे करें
- सबसे पहले आप मैट पर सुखासन या पद्मासन की मुद्रा में बैठें।
- अब अपनी आंखें बंद करें। ध्यान दें कि इस दौरान अपनी पीठ एकदम सीधी हो।
- अब, अपनी तर्जनी को आपके माथे पर, मध्यमा उंगली आंखों और अंगूठे की मदद से कानों को बंद करें।
- अब गहरी श्वास लें और धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए मधुमक्खी की तरह मम्मम्मम की आवाज निकालें।
- ध्यान दें कि इस समय आपका मुंह खुला ना हो, ताकि ध्वनि की कंपन आपको अपने पूरे शरीर में महसूस हो।
- इस तरह आप इस प्राणायाम का अभ्यास कर सकती हैं।
तितली आसन या बद्धकोणासन
वहीं अगर आसनों की बात की जाए तो तितलीआसन या बद्धकोणासन मूड स्विंग्स के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसे करना बेहद ही आसान है।
तितली आसन या बद्धकोणासन कैसे करें
- इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर बैठ जाएं।
- अब अपने दोनों घुटने मोड़कर तलवों को एक दूसरे से मिलाएं।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों की मदद से पैर को पकड़ लें।
- अब आख बंदकर तितली की भांति अपने पैरों को हिलाएं।
- आप अपनी शक्ति अनुसार इस योगासन का अभ्यास कर सकती हैं।
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Image Credit- freepik
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