
क्या आपने कभी नोटिस किया है कि पीरियड्स शुरू होने से एक हफ्ता पहले आप पूरी तरह बदल जाती हैं? एक हफ्ते पहले आप एनर्जी से भरी होती हैं, चेहरे पर ग्लो होता है और अचानक अगले ही हफ्ते सूजन, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, थकान और चॉकलेट की जबरदस्त क्रेविंग आपको घेर लेती हैं। ऐसा लग सकता है जैसे आपका शरीर आपके खिलाफ हो गया है, लेकिन सच इसके विपरित है।
यह सिर्फ PMS (Premenstrual Syndrome) नहीं, बल्कि आपका शरीर पीरियड्स से पहले इमोशनल और हार्मोनल ट्रांसफॉर्मेशन से गुजर रहा होता है। आपका शरीर संकेत दे रहा है और इसे समझना बेहद जरूरी है। इन्हीं बदलावों के पीछे का वैज्ञानिक और पोषण से जुड़ा सच हमें बता रही हैं रचना पाराशर, डाइटिशियन व डायबिटीज एजुकेटर, पोषण पुष्पा डिजीज रिवर्सल क्लिनिक एवं न्यूट्रिशन एकेडमी, सर गंगाराम हॉस्पिटल।

| बदलाव | अंदरूनी कारण |
| मूड स्विंग्स | प्रोजेस्टेरोन कम होने से चिड़चिड़ापन, चिंता और इमोशनल लो महसूस होता है। छोटी बातें भी परेशान कर सकती हैं। |
| ज्यादा क्रेविंग | एस्ट्रोजन की कमी से सेरोटोनिन घटता है, जिससे दिमाग तुरंत कार्ब्स, चीनी और नमकीन खाने की मांग करता है। |
| थकान | शरीर पीरियड्स के लिए तैयारी में अधिक ऊर्जा खर्च करता है, इसलिए आराम की जरूरत बढ़ जाती है। |
| पेट में गड़बड़ी | प्रोस्टाग्लैंडिंस बढ़ने से कुछ महिलाओं को कब्ज और कुछ को लूज मोशन की समस्या होती है। |
| ब्लोटिंग | प्रोजेस्टेरोन में गिरावट से शरीर में पानी रुकने लगता है, जिससे पेट व शरीर में सूजन महसूस होती है। |
प्रोजेस्टेरोन का लेवल नीचे जाते ही ब्रेन के नर्व सिग्नलिंग पर असर पड़ता है। इससे चिड़चिड़ापन, चिंता, तनाव, उदासी और ओवररिएक्शन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। छोटी-सी बात भी बड़ी लगने लगती है और इमोशनली आप पहले से ज्यादा सेंसिटिव हो जाती हैं। इसे PMS का सबसे अहम कारण माना जाता है।

पीरियड्स से कुछ दिन पहले शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन तेजी से गिरता है, जिससे शरीर पानी को बाहर निकालने के बजाय इसे होल्ड करने लगता है। इसका असर सीधे पेट, कमर और चेहरे पर पड़ता है। पेट भरा-भरा लगता है, कपड़े टाइट महसूस होते हैं और शरीर भारी लगने लगता है। कुछ महिलाओं में ब्लोटिंग, गैस और पाचन गड़बड़ी के साथ भी होती है।
पीरियड शुरू होने से पहले आपका शरीर गर्भावस्था को ध्यान में रखते हुए बहुत सारी आंतरिक तैयारी करता है। इस प्रोसेस में शरीर ऊर्जा ज्यादा खर्च करता है, जिससे ऐसा महसूस होता है कि एनर्जी खत्म हो गई हो। इससे आपको बहुत जल्दी नींद आने लगती है, ध्यान नहीं लगता और शरीर काम की बजाय आराम मांगता है।
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पीरियड से पहले प्रोस्टाग्लैंडिंस नाम के केमिकल्स बढ़ जाते हैं। ये गर्भाशय को तैयार करने का काम करते हैं, लेकिन इसका असर आंतों पर भी पड़ता है। कई महिलाओं में यह कब्ज का कारण बनता है, जबकि कुछ में लूज मोशन, पेट दर्द या बार-बार यूरिन जाने की समस्या शुरू हो जाती है। इस समय गैस और ऐंठन जैसी समस्याएं भी आम हो जाती हैं।
पीरियड्स से पहले एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है, जिससे सेरोटोनिन यानी आपका 'हैप्पी हार्मोन' भी कम होने लगता है। जैसे ही दिमाग में सेरोटोनिन कम होता है, आपका शरीर तुरंत कार्ब्स, मीठा, चॉकलेट या नमकीन खाने की मांग करने लगता है ताकि दिमाग को तुरंत ऊर्जा मिल सके। इसलिए, इस समय फूड क्रेविंग्स काबू में नहीं रहती हैं और बार-बार भूख लगती है।

याद रखें कि आपका शरीर खराब नहीं हुआ है, वह बस आपसे बात कर रहा है। आपको बस सुनना सीखना है। हर जिंदगी के वेलनेस सेक्शन में हम इसी तरह अपने आर्टिकल्स के जरिए स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में आप तक सही जानकारी पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे।
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