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Which type of yoga is best for menopause

मेनोपॉज के लक्षणों को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं ये 2 योगासन, रोजाना 10 मिनट करें

मेनोपॉज के दौरान, महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इसके लक्षणों को कम करने के लिए, सही डाइट और योगासन जरूरी हैं। एक्सपर्ट के बताए ये 2 योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-09-03, 17:48 IST

एक उम्र के बाद सभी महिलाएं मेनोपॉज से गुजरती हैं। यह वो वक्त होता है, जब महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज के वक्त और इससे पहले यानी पेरिमेनोपॉज के समय, महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। आमतौर पर महिलाओं में, 45 से 50 साल की उम्र में मेनोपॉज होता है। इस समय पर शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का बनना कम हो जाता है और इसका असर शरीर पर होता है। अनियमित पीरियड्स, हॉट फ्लैशेज, रात में पसीना आना, मूड स्विंग्स, डिप्रेशन, थकान और सिरदर्द, मेनोपॉज के लक्षण हो सकते हैं। मेनोपॉज के दौरान, महिलाओं के शरीर की गंध भी बदल जाती है। इसके लक्षणों को कम करने के लिए, सही डाइट और योगासन जरूरी हैं। एक्सपर्ट के बताए ये 2 योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। इस बारे में योगा एक्सपर्ट नताशा कपूर जानकारी दे रही हैं। वह सर्टिफाइड योगा टीचर हैं।

मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद करेगा ताड़ासन

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  • इसे करने के लिए, सबसे पहले सीधा खड़ी हो जाएं।
  • पैरों को थोड़ा सा खोल लें।
  • अब हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे से जोड़ें।
  • ऐसा करते हुए इन्हें सिर के ऊपर ले जाएं।
  • हाथों की उंगलियों और शरीर को ऊपर की तरफ खीचें।
  • अब एड़ी को ऊपर करें।
  • पंजों के बल पर खड़ी हो जाएं।
  • खिंचाव के साथ सांस अंदर लें।
  • थोड़ी देर इस पोजिशन को होल्ड करें।
  • अब सांस छोड़ते हुए नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं।
  • इससे डाइजेशन में सुधार होता है।
  • पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
  • शरीर में ब्लड फ्लो अच्छा बना रहता है।
  • इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं और मेनोपॉज के लक्षण कम होते हैं।

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मेनोपॉज के वक्त महिलाएं जरूर करें सुखासन

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  • इसे करने के लिए सबसे पहले एक साफ, शांत और हवादार जगह पर योगा मैट बिछाएं।
  • आप इसे घर के अंदर भी कर सकती हैं।
  • अगर आपको जमीन पर बैठने में दिक्कत हो, तो इसे बेड पर भी किया जा सकता है।
  • इसे करने के लिए सबसे पहले पैरों को आगे की तरफ करके बैठ जाएं।
  • अब बाएं पैर को मोड़ें और दाहिनी जांघ के नीचे दबाएं।
  • दाएं पैर को मोड़ें और बांई जांघ के नीचे दबाएं।
  • कमर, सिर, कंधे और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
  • खुद को रिलैक्स करने की कोशिश करें।
  • धीरे-धीरे सांस लें।
  • हथेलियों को जांघों पर रखें।
  • कुछ देर इसी पोजिशन में रहें।
  • इसे करने से जोड़ो का दर्द और थकान दूर होती है।
  • यह आसन तनाव को कम करने में कारगर है। 

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 मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए, महिलाओं को इन योगासनों को रूटीन का हिस्सा बनाना चाहिए। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

 

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