मेनोपॉज का असर, महिलाओं पर फिजिकली और इमोशनली दोनों तरह से होता है। हर महिला एक उम्र के बाद मेनोपॉज से गुजरती है, जब उसे पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। किसी भी महिला को अपनी लाइफ में कई पड़ावों से होकर गुजरना पड़ता है। मेनोपॉज उन्हीं में से एक है। जब किसी महिला को 1 साल तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो इसे मेनोपॉज कहा जाता है। वहीं, मेनोपॉज शुरू होने से पहले के समय को पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। इस समय पर पीरियड्स रुक-रुक कर आते हैं। इसके और भी कई संकेत होते हैं। आमतौर पर 40-50 साल की उम्र में महिलाओं को मेनोपॉज होता है। इस दौरान, शरीर में होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस का असर, महिलाओं के वजन पर भी होता है। मेनोपॉज किस तरह महिलाओं के वजन पर असर डालता है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर अदिति बेदी दे रही हैं। वह, कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट और आब्स्टिट्रिशन हैं।
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मेनोपॉज के दौरान, महिलाओं के लिए अपनी फिटनेस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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