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    मेनोपॉज के लक्षणों को मैनेज करने के लिए हर महिला को पता होनी चाहिए ये बातें

    मेनोपॉज के बारे में हर महिला को कुछ बातों की जानकारी होनी चाहिए। ताकि मेनोपॉज के लक्षणों को आसानी से मैनेज किया जा सकें। 
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    Updated at - 2020-05-18,15:51 IST
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    मेनोपॉज एक महिला के मासिक धर्म चक्र और पीरियड्स का प्राकृतिक ठहराव या रोक है। यह प्रजनन क्षमता के अंत का संकेत देता है, जब महिला स्वाभाविक रूप से गर्भवती होने में सक्षम नहीं होती है। मेनोपॉज के नैदानिक निदान को एमेनोरिया के 1 वर्ष बाद रेट्रोस्पेक्टिव तरीके से किया जाता है, जिसमें पीरियड्स बंद हो जाते है। 

    यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है जिसके कारण प्रजनन हार्मोन में गिरावट आती है और आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच होता है। भारत में मेनोपॉज की औसत आयु लगभग 48-49 वर्ष है। ओवरी एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन बंद कर देती हैं और फिर हर महीने कोई भी अंडा रिलीज नहीं करती हैं, जिसके बाद पीरियड्स नहीं होते हैं।

    मेनोपॉज के शुरुआती लक्षणों को मेनोपॉज ट्रांजिशन या पेरिमेनोपॉज़ कहा जाता है और ये कई वर्षों तक चलता है। मेनोपॉज ट्रांजिशन के दौरान, शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन, ओवरी द्वारा बनाए गए ये दो हार्मोन बहुत अलग हो जाते हैं। हड्डियां कम घनी हो जाती हैं, जिससे महिलाएं फ्रैक्चर की चपेट में आसानी से आ जाती हैं। इस अवधि के दौरान, शरीर भी अलग तरह की एनर्जी का उपयोग करना शुरू कर देता है, फैट कोशिकाएं बदल जाती हैं, और महिलाओं का वजन अधिक आसानी से बढ़ जाता हैं।

    एक बार मेनोपॉज तक पहुंचने के बाद, अगर जरूरी हो तो महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड को रोक सकती हैं, क्‍योंकि प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं होता है। लेकिन अभी भी सुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए कंडोम का उपयोग करके सेक्‍शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचा जा सकता है।

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    मेनोपॉज के लक्षण

    मेनोपॉज के निकट आने के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है- 

    • पीरियड्स के सामान्य पैटर्न में बदलाव: इसमें असामान्य रूप से हल्के या हैवी पीरियड्स शुरू हो सकते है और पीरियड्स की आवृत्ति भी प्रभावित हो सकती है। 
    • हॉट फ्लैशेस, जिसमें अचानक से गर्मी महसूस होने लगती हैं, आमतौर पर चेहरे, गर्दन और चेस्‍ट पर, इसमें त्वचा लाल और पसीने से तर हो जाती हैं। 
    • रात में पसीना आना, जो हॉट फ्लैशेस होते हैं और रात में होते हैं 
    • सेक्स के दौरान वेजाइना में ड्राईनेस और परेशानी 
    • नींद में गड़बड़ी 
    • मूड स्विंग और चिंता की भावना 
    • सिर दर्द 
    • सेक्स ड्राइव या कामेच्छा में कमी 
    • याददाश्त और एकाग्रता में समस्या 
    • धड़कन, दिल की धड़कन पर अचानक अधिक ध्यान जाना 
    • जोड़ों में अकड़न और दर्द 
    • मसल्‍स मास कम होना 
    • यूरिनरी ट्रैक्‍ट इंफेक्‍शन होना (UTI)

    अगर आमतौर पर मेनोपॉज के संक्रमण से जुड़े एक या कई लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपका डॉक्टर आपकी चिकित्सा स्थिति और परिवार के इतिहास की जांच करेगा। डॉक्टर एक कूप-उत्तेजक हार्मोन (एफएसएच) या (एएमएच) एंटी-मुलरियन हार्मोन परीक्षण कर सकते हैं।

    मेनोपॉज के बाद, महिलाएं पोस्‍ट मेनोपॉज के चरण में प्रवेश करती हैं, जिसमें हड्डियों के घनत्व में कमी के कारण महिलाएं हृदय रोगों और ऑस्टियोपोरोसिस की चपेट में आ जाती हैं।

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    मेनोपॉज के लक्षणों के लिए उपचार

    आपका डॉक्टर कुछ उपचारों को अपनाने के लिए कह सकता है और दिन-प्रतिदिन के जीवन में हस्तक्षेप करने वाले गंभीर मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव का सुझाव दे सकता है। इसमें शामिल है:

    • डॉक्टर आपको जीवन शैली में बदलाव का सुझाव दे सकते हैं जिसमें डाइट, एक्‍सरसाइज, कैफीन और अल्‍कोहल का सेवन कम करना, मसालेदार भोजन का सेवन कम करना और स्‍मोकिंग से परहेज करना शामिल है। कंफर्टेबल कपड़े पहनने के लिए भी कहा जा सकता है क्योंकि यह हॉट फ्लैशेस को मैनेज करने के लिए जरूरी है। इसके साथ ही ज्‍यादा‍ लिक्विड लेने के लिए भी कहा जा सकता है। 
    • मेनोपॉजल हार्मोन थेरेपी (MHT): इसमें गोलियां, स्किन पैच, जैल शामिल हैं इसका इस्‍तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसका उपयोग चिकित्सकीय देखरेख में ही किया जाना चाहिए। ये आमतौर पर कम समय और कम संभव खुराक में दिए जाते हैं। कभी-कभी, एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन दोनों को इस चिकित्सा के एक भाग के रूप में दिया जाता है।
    • कॉग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी (CBT): एक प्रकार की टॉकिंग थेरेपी जो मूड को ठीक और चिंता को कम करने में मदद करती है।
    • वेजाइना ड्राइनेस के लिए वेजाइनल एस्ट्रोजेन क्रीम, लुब्रिकेंट या मॉइश्‍चराइजर का इस्‍तेमाल करें। 
    • हेल्‍दी, फिट और मजबूत रहने के लिए हेल्‍दी और बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्‍सरसाइज करें।
    • सप्‍लीमेंट लेने के लिए भी कहा जा सकता है। कैल्शियम का सेवन प्रतिदिन 1.5 ग्राम होना चाहिए और इसमें आहार कैल्शियम शामिल होना चाहिए। विटामिन डी का सेवन प्रतिदिन 800-1000 आईयू होना चाहिए। कुछ मामलों में, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स सप्‍लीमेेंट लेने के लिए भी कहा जा सकता है।
    • मेडिटेशन, योग और प्राणायाम जैसी तनाव को मैनेज करने वाली तकनीक अपनाने की कोशिश करें।

    निष्कर्ष

    मेनोपॉज एक महिला के जीवन में एक अलग चरण लाता है, जिसमें पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो जाते है। आमतौर पर मेनोपॉज के लिए जिम्मेदार लक्षण बढ़ती उम्र की महिलाओं में आम होते हैं और जीवन की इस अवधि में, हेल्‍दी और एक्टिव रहनेे, बैलेंस डाइट को बनाए रखना और मेनोपॉज के लक्षणों को मैनेज करना जरूरी होता है ताकि आपका रोजमर्रा का काम और एक्टिविटी में कोई बाधा न आए।

    डॉक्‍टर पराग बिन्नीवाले (M.D.) को उनकी एक्‍सपर्ट सलाह के लिए विशेष धन्‍यवाद। 

    References

    https://www.nhs.uk/conditions/menopause/

    https://www.nia.nih.gov/health/what-menopause

    http://www.menopause.org/

    Disclaimer

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