मेनोपॉज में शरीर की गंध क्यों बदल जाती है?

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि कुछ खास कारणों से इस समय पर, महिलाओं के शरीर की गंध भी बदल जाती है।

 
How does the body change during menopause

एक उम्र के बाद, हर महिला, मेनोपॉज से गुजरती है। करीब 45 से 55 साल की उम्र में, महिलाओं को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं और इसे मेनोपॉज कहा जाता है। जिस तरह, पीरियड्स शुरू होते वक्त, महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं। उसी तरह, पीरियड्स बंद होने पर भी, महिलाओं को कई हार्मोनल बदलावों से गुजरना पड़ता है। इन बदलावों के कारण, मूड स्विंग्स, एंग्जायटी, स्किन का रूखा होना, वेजाइनल ड्राइनेस, वजन में बदलाव, जोड़ों का दर्द, बालों का झड़ना और हॉट फ्लैशेज जैसे लक्षण नजर आते हैं। मेनोपॉज के दौरान, नजर आने वाले, इन लक्षणों के बारे में ज्यादातर महिलाओं को जानकारी होती है। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि मेनोपॉज में, महिलाओं के शरीर की गंध भी बदल जाती है। इसके पीछे क्या कारण है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी, डॉक्टर जूही जैन, डायरेक्टर, स्त्री और प्रसूति विभाग, बर्थराइट बाइ रेनबो हॉस्पिटल्स, मालवीय नगर, दे रही हैं।

मेनोपॉज में क्यों बदल जाती है शरीर की गंध? (Why Body Odor Changes During Menopause)

menopause symptoms

  • मेनोपॉज में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इसकी वजह से कई लक्षण नजर आने लगते हैं।
  • हार्मोनल में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर, शरीर का गंध पर भी होता है।
  • मेनोपॉज में शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम होता है। इसकी वजह से, बॉडी ऑडर में बदलाव आता है।
  • एस्ट्रोजन, शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, जब इसका लेवल कम होता है, तो हॉट फ्लैशेज और रात में अधिक पसीना आने, जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
  • त्वचा पर बैक्टीरिया बढ़ने से, पसीना अधिक आता है और इसके कारण, शरीर की गंध बदलने लगती है।
  • हार्मोन के उतार-चढ़ाव पसीने की संरचना को बदल सकते हैं। जब एस्ट्रोजेन की तुलना में टेस्टोस्टेरोन में शरीर में टेस्टेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा बढ़ती है, तो पसीने में तेज गंध आ सकती है।

menopause symptoms and body odour

  • हमारी स्किन, कई तरह के बैक्टीरिया के संपर्क में आती है। इनमें से कुछ बैक्टीरिया, पसीने को तोड़ने और शरीर में दुर्गंध पैदा करने के लिए, जिम्मेदार होते हैं।
  • मेनोपॉज के दौरान, इस बैलेंस पर असर पड़ता है और दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को पनपने का मौका मिलता है।
  • मेनोपॉज का असर, महिलाओं के फिजिकली ही नहीं, इमोशनली भी होता है। इसकी वजह से, एंग्जायटी और स्ट्रेस बढ़ने लगता है। इसके कारण भी बॉडी की गंध बदलने लगती है।
  • शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ने पर, पसीना अधिक आता है और इससे स्किन पर बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं।
  • तेल और मसाले से भरपूर खाना, कैफीन और एल्कोहल भी पसीने में आने वाली गंध के लिए, जिम्मेदार हो सकते हैं।

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इन कारणों से मेनोपॉज में महिलाओं के शरीर की गंध बदल जाती है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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