क्या आपको भी बारिश के मौसम में पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, ब्लोटिंग या अपच सताती हैं? इस मौसम में नमी और वायु में बदलाव के कारण डाइजेस्टिव सिस्टम अक्सर कमजोर हो जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आपकी रसोई में ही एक ऐसा जादुई मसाला मौजूद है, जो इन सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है। जी हां, हम सौंफ की बात कर रहे हैं।
आयुर्वेद में सौंफ को मधुरिका कहा जाता है, जिसका स्वाद कड़वा, तीखा और मीठा माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, यह सबसे अच्छी वातहर जड़ी बूटी है, जो गैस, ब्लोटिंग और डाइजेशन से जुड़ी अन्य समस्याओं को ठीक करने में काफी असरदार है। इसके बीज, तेल और जड़ें विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में इस्तेमाल होती हैं। आइए सौंफ के 5 जरूरी फायदों के बारे में जानते हैं, जिन्हें आप अपनी डेली डाइट में शामिल कर सकती हैं। ये जानकारी आयुर्वेदिक डॉक्टर Dr.Aiswarya Santhosh ने इंस्टा से शेयर की है।
सौंफ के 5 जादुई फायदे | Ayurvedic Benefits of Fennel Seeds
- सुगंधित (एरोमेटिक)- सौंफ की एक खास मीठी सुगंध होती है। इस सुगंध के कारण, इसका उपयोग अक्सर अन्य आयुर्वेदिक दवाओं में स्वाद और महक बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के बाद मुह की दुर्गंध को भी दूर करती है।
- दीपन (पाचन शक्ति को बढ़ाए)- सौंफ हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद होती है, खासकर पक्वाशय (बड़ी आंत) और अमाशय (पेट) के लिए। यह पाचन की धीमी अग्नि (digestive fire) को बढ़ाती है, जिससे खाना आसानी से पचता है।
- पाचन (Metabolism को बेहतर बनाए)- सौंफ के बीज पाचन के लिए जरूरी एंजाइमों के स्राव को बढ़ाते हैं। यह डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए फायदेमंद होते है। यह अमाशय में पाचक अग्नि को बैलेंस करती है, जो अच्छे डाइजेशन के लिए बेहद जरूरी है।
- वातनुलोमन (Vata दोष को बैलेंस करे)- सौंफ शरीर में बढ़े हुए वात दोष को शांत करती है और वात दोष का सही बैलेंस बनाए रखती है। यह अपान वायु के लेवल को सही बनाए रखती है, जिससे गैस और ब्लोटिंग की समस्या से राहत मिलती है।
- दाहप्रशमन (जलन को कम करे)- यह फायदेमंद जड़ी-बूटी शरीर में होने वाली जलन को कम करने में काफी असरदार है। इसे खाने से ज्यादा प्यास लगने की समस्या भी दूर होती है।
सौंफ का इस्तेमाल कैसे करें?
हम सभी की रसोई में सौंफ मौजूद होती है। आप इसे कई तरीकों से इस्तेमाल कर सकती हैं-
- खाने के बाद: खाने के बाद ऐसे ही कच्ची सौंफ या भुनी हुई सौंफ खाएं।
- सौंफ का पानी: आप सौंफ का पानी बनाकर भी पी सकती हैं। यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को शांत रखता है।
बारिश में क्यों बढ़ती हैं डाइजेशन प्रॉब्लम्स?
- Humidity और तापमान में उतार-चढ़ाव से डाइजेस्टिव सिस्टम सुस्त हो जाता है।
- शरीर की अग्नि (digestive fire) कमजोर हो जाती है।
- इससे गैस, अपच, सूजन और भारीपन की समस्याएं आम हो जाती हैं।

बारिश में अगर पेट बार-बार खराब हो रहा है, तो दवा से पहले रसोई की इस औषधि यानी सौंफ को आजमाएं। यह एक आयुर्वेदिक, नेचुरल और 100 प्रतिशत सुरक्षित समाधान है, जो डाजेशन और शरीर को अंदर से मजबूत करता है।
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Image Credit: Shutterstock & Freepik
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