थायराइड की समस्या आजकल काफी आम हो गई है। इससे हर समय थकान, सुस्ती और तनाव महसूस होता है, वजन बढ़ने लगता है और बाल झड़ने लगते हैं। साथ ही, कब्ज की समस्या सताती है और पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। इसके अलावा, कुछ महिलाओं की त्वचा ड्राई हो जाती है।
इस समस्या से परेशान, खासकर हाइपोथायराइड या हाशिमोटो रोग से परेशान महिलाओं को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। कुछ ऐसे फूड्स हैं, जो आमतौर पर सेहतमंद माने जाते हैं, लेकिन थायराइड के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इन फूड्स में गोइट्रोजेन नामक तत्व होता है, जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन में रुकावट डालता है। इससे थायराइड ग्लैंड का साइज बढ़ सकता है, जिसे गॉयटर कहते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कौन से 5 फूड्स हैं, जिनसे थायराइड के मरीजों को दूरी बना लेनी चाहिए। इनके बारे में हमें डॉक्टर दीक्षा भावसार दे रही हैं। डॉक्टर दीक्षा, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स ब्रांड द कदंब ट्री की फाउंडर और BAMS (Bachelor of Ayurveda Medicine) हैं।
मूंगफली और पीनट बटर
यूं तो मूंगफली और पीनट बटर को हेल्दी फूड माना जाता है। लेकिन, इसमें गोइट्रोजेन मौजूद होता है, जो हाइपोथायराइडिज्म को और खराब कर सकता है। इसलिए, जिन महिलाओं को यह समस्या है, उन्हें ये दोनों चीजें खाने से बचना चाहिए।
सोया से बने फूड्स
सोया से बने फूड्स जैसे कि टोफू, सोया मिल्क आदि भी थायराइड हेल्थ के लिए अच्छे नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शरीर में थायराइड की दवाओं के सही अवशोषण को रोक सकते हैं। इनमें मौजूद गोइट्रोजेन थायराइड ग्लैंड में जलन पैदा कर सकता है। इसलिए, सोया प्रोडक्ट्स से पूरी तरह बचना ही अच्छा है।
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बादाम
बादाम में सेलेनियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं, जो थायराइड के लिए अच्छे हैं। लेकिन, बादाम भी गोइट्रोजेनिक फूड है। अगर आप इसे ज्यादा मात्रा में खाती हैं, तो यह थायराइड ग्लैंड को बड़ा कर सकता है, जिससे आयोडीन को सोखने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए, दिन में 3-5 से ज्यादा बादाम नहीं खाने चाहिए। साथ ही, आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि बादाम को भिगोकर या भूनकर ही खाएं।
रागी
रागी आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर अनाज है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने, एनीमिया को ठीक करने और डाइजेशन को ठीक करने में मदद करता है। साथ ही, रागी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और हार्ट हेल्थ को सही रखने में मदद करता है। लेकिन, यह भी एक गोइट्रोजेनिक फूडस है। इसलिए, थायराइड के मरीजों को इसे महीने में सिर्फ 2-3 बार ही खाना चाहिए और वह भी अच्छी तरह भिगोने और पकाने के बाद।
गेहूं
गेहूं में ग्लूटेन होता है। यह भी गोइट्रोजेनिक फूड है। ऑटोइम्यून हाइपोथायराइडिज्म से परेशान महिलाओं को गेहूं का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। एक्सपर्ट का कहना है, जो महिलाएं ग्लूटेन-फ्री डाइट लेती हैं, उनके ब्लड में ऐसे एंटीबॉडीज की मात्रा कम होती है, जो थायराइड ग्लैंड पर हमला करती हैं।
थायराइड के लिए फायदेमंद फूड्स
- धनिया
- नारियल
- ब्राजील नट्स
- सूरजमुखी के बीज
- कद्दू के बीज
- मूंग दाल
अगर आप थायराइड को नेचुरल तरीकों से ठीक करना चाहती हैं, तो लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं और डॉक्टर की सलाह से सही डाइट चुनें।
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