क्या आप एंडोमेट्रियोसिस से परेशान हैं?
क्या आपके पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग और ऐंठन होती है?
क्या इस दौरान आंतों में दर्द भी सताता है?
यह आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर में सूजन आने लगती है और एस्ट्रोजन पर बुरा असर होता है। क्या आप जानती हैं कि गलत खान-पान से इसके लक्षण और भी खराब हो सकते हैं। लेकिन, महिलाओं के लिए अच्छी खबर यह है कि कुछ खास तरह की डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप इसके लक्षणों को नेचुरली कंट्रोल कर सकती हैं। ये 7 आसान तरीके आपके शरीर को अंदर से ठीक करने में भी मदद करेंगे। इनके बारे में हमें डाइटिशियन मनप्रीत बता रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है।
एंडोमेट्रियोसिस को नेचुरली कंट्रोल करने के 7 तरीके
- सुबह की शुरुआत अलसी और गर्म पानी से करें- अलसी के बीजों में लिग्नान नामक तत्व होते हैं। ये शरीर से एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे हार्मोनल बैलेंस सही तरीके से होता है और पीरियड्स के दौरा ज्यादा ब्लीडिंग नहीं होती है।
- रोजाना पकी हुई हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं- पालक, मेथी और चौलाई जैसी हरी सब्जियां आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर होती हैं। ये पोषक तत्व ऐंठन को कम करते हैं, शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं और सूजन को कम करती हैं, जो एंडोमेट्रियोसिस का एक मुख्य कारण है।
- दिन में ब्राजील नट्स या सूरजमुखी के बीज खाएं- ये दोनों तरह के बीज सेलेनियम और विटामिन-ई से भरपूर होते हैं, जो पेल्विक टिशू को ठीक करने और हार्मोन को बैलेंस रखने में मदद करते हैं। साथ ही, ये सेल्स को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं।
- खाने के बाद या ऐंठन के दौरान अदरक और तुलसी की चाय पिएं- अदरक और तुलसी का कॉम्बिनेशन एक नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी है। इसकी गर्म तासीर दर्द को शांत करती है, मसल्स को रिलैक्स करती है और पीरियड्स के दौरान आंतों की बेचैनी को कम करती है।
- हफ्ते में 3 बार ब्रोकली या पत्ता गोभी खाएं- ये क्रुसिफेरस सब्जियां लिवर के डिटॉक्स रास्ते को एक्टिव करती हैं, जिससे शरीर एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन को असरदार तरीके से बाहर निकाल पाता है। यह हार्मोनल बैलेंस के लिए बेहद जरूरी है।
- डेयरी और गेहूं से बचें- कुछ महिलाओं में डेयरी प्रोडक्ट्स और गेहूं सूजन को बढ़ा सकते हैं, जिससे एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण और भी खराब हो सकते हैं। अगर आपको लगता है कि इन्हें खाने से आपकी समस्याएं बढ़ गई हैं, तो इनसे दूरी बनाकर देखें।
- खाने के बाद जीरा, सौंफ और अजवाइन का पानी पिएं- इस ट्रेडिशनल काढ़े को पीने से डाइजेशन अच्छा होता है, पेल्विक हिस्से में गैस और सूजन कम होती है और पेट की बेचैनी से राहत मिलती है। यह पेट को शांत रखता है और वात दोष को बैलेंस करता है।
इन आसान और नेचुरल तरीकों को अपनाकर आप भी एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को अचछी तरह से मैनेज कर सकती हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock & Freepik
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