इन फूड्स से मिलेगा एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों से छुटकारा

एंडोमेट्रियोसिस से रिप्रोडक्टिव एज की महिलाएं परेशान रहती हैं। इसमें एंडोमेट्रियम टिश्‍यू यूट्रस के बाहर बढ़ने लगते हैं। इसे मैनेज करने के लिए अपनी डाइट में कुछ फूड्स को शामिल कर सकती हैं।  

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एंडोमेट्रियोसिस, यूट्रस में होने वाली आम समस्या है, जिससे कई महिलाएं प्रभावित होती हैं। रिप्रोडक्टिव सिस्‍टम से जुड़ी इस समस्‍या में एंडोमेट्रियल टिश्यूज यूट्रस के बाहर बढ़ने लगते हैं। ये पेल्विक में मौजूद ओवरीज, फैलोपियन ट्यूब और टिश्‍यू लाइनिंग में जाते हैं।एंडोमेट्रियोसिस से महिलाओं को तेज दर्द (खासकर पीरियड्स के दौरान) का अनुभव होता है। इसके अलावा, कंसीव करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण हर महिला में अलग-अलग होते हैं। लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में पीरियड्स के दौरान तेज दर्द, पेट या पेल्विक में दर्द, इनफर्टिलिटी, हैवी ब्‍लीडिंग, यूरिन या मल त्याग में परेशानी आदि शामिल हैं। हालांकि, आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि कुछ फूड्स एंडोमेट्रियोसिस को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं। इसकी जानकारी नूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने शेयर की हैं।

एक्‍सपर्ट का कहना है, ''एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्‍या रिप्रोडक्टिव एज (जब महिलाएं प्रेग्‍नेंट हो सकती हैं) की महिलाओं को परेशान करती है। इसमें एंडोमेट्रियम टिश्‍यू यूट्रस के बाहर बढ़ने लगते हैं। इसके अलावा, इस समस्‍या के होने पर एस्ट्रोजन लेवल बढ़ने लगता है। एस्ट्रोजेन लेवल के हाई लेवल से टिश्‍यू बढ़ते हैं और सूजन की समस्‍या होती है। इससे दर्द महसूस होता है।''

हल्‍दी

आपकी किचन में मौजूद हल्‍दी से हमें स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े कई फायदे मिलते हैं। हल्‍दी में एक्टिव तत्‍व करक्‍यूमिन होता है। यह एस्ट्राडियोल उत्पादन को कम करके एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को कंट्रोल करता है। साथ ही, करक्यूमिन यूट्रस की लाइनिंग के टिश्‍यू माइग्रेशन को रोकता है।

व्हीटग्रास

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व्हीटग्रास ऐसी हरी पत्तेदार सब्जियों में से एक है, जिसमें अल्‍कलाइन की मात्रा ज्‍यादा होती है। क्लोरोफिल से भरपूर होने के कारण यह एस्ट्रोजेन के उत्पादन को बढ़ाती है और सूजन कम करती है।

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मोरिंगा

मोरिंगा को हेल्‍थ के लिए सुपरफूड माना जाता है। रोजाना इसे डाइट में शामिल करके आप हेल्‍थ से जुड़े कई फायदे पा सकते हैं। इसके अलावा, मोरिंगा महिलाओं की समस्‍या एंडोमेट्रियम के लक्षणों को मैनेज करने में मदद करता है। मोरिंगा IGF-1 एण्ड्रोजन रिसेप्टर्स को कम करता है। इससे एंडोमेट्रियम की मोटाई कम होती है।

शतावरी

शतावरी महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हार्मोन के लिए बेस्‍ट जड़ी-बूटी है। यह उनकी सेक्‍सुअल समस्याओं को भी ठीक करने में मदद करती है। इसके अलावा, यह मैक्रोफेज की फागोसाइटिक गतिविधि (फागोसाइट्स एक प्रकार की व्‍हाइट ब्‍लड सेल्‍स हैं, जो शरीर की बैक्टीरिया से रक्षा करते हैं) को बढ़ाती है, जो एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को कम करता है।

अश्वगंधा

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एंडोमेट्रोसिस में कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है, जिससे महिलाओं को तनाव महसूस होता है। ऐसे में अश्वगंधा आपकी मदद कर सकता है। यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो आपकी स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी कई समस्‍याओं को दूर करने के साथ-साथ तनाव और चिंता से भी छुटकारा दिलाती है।

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आप भी इन फूड्स की मदद से एंडोमेट्रोसिस को मैनेज कर सकती हैं। आपको भी हेल्‍थ से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Freepik.com
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