भोजन और मनुष्य का गहरा नाता है। भोजन सिर्फ पेट भरने या सिर्फ शारीरिक पोषण संबंधी जरूरतों को ही पूरा करने का एक साधन मात्र नहीं है, बल्कि इसका हमारे मन और मस्तिष्क से भी गहरा संबंध है। आपने शायद कभी नोटिस किया हो कि खाना खाने के बाद भी अक्सर हमें कुछ मीठा खाने, चॉकलेट या आईसक्रीम खाने की क्रेविंग बहुत तेज होती है और जब तक हम उस चीज को खा नहीं लेते तो मन को सुकून नहीं मिलता।
हालांकि कभी-कभी दिल की सुनने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन अगर आपको बार-बार अनहेल्दी फूड की क्रेविंग होती है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। बार-बार इस तरह का आहार सेहत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं माना जाता। अनहेल्दी फूड कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं अपने साथ लेकर आता है। इतना ही नहीं, कुछ महिलाएं तो भोजन पर इमोशनली डिपेंड भी हो जाती हैं। ऐसे में उदास या परेशान होने पर उन्हें बहुत तेज फूड क्रेविंग होती है। लेकिन आप इस अनहेल्दी फूड क्रेविंग को खुद से दूर करना चाहती हैं तो इन टिप्स की मदद ले सकती हैं-
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बचें अत्यधिक भूख से
यह सच है कि फूड क्रेविंग होने के लिए भूखा होना जरूरी नहीं है, लेकिन भूख वास्तव में आपकी इन्द्रियों पर हावी हो सकती है। इस अवस्था में बहुत तेज फूड क्रेविंग होती है और व्यक्ति कुछ भी बिना सोचे-समझे खा लेता है। इतना ही नहीं, तेज भूख लगने की स्थिति में व्यक्ति आवश्यकता से अधिक खाता है। इसलिए फूड क्रेविंग को हैंडल करने का एक आसान तरीका यह है कि आप समय से भोजन करें। कभी भी अपना मील स्किप ना करें। साथ ही अपनी टेबल व किचन में हेल्दी स्नैक्स रखें। हल्की भूख लगने पर उन्हें खाएं।
किचन का ख्याल
आप अपनी किचन में क्या स्टोर करती हैं, यह भी आपकी फूड क्रेविंग को प्रभावित करता है। मसलन, अगर आप अपनी किचन में बहुत अधिक जंक फूड व चीनी आदि रखती हैं तो फिर आपको ऐसा अहसास होता है कि वह आपको बुला रहा है और आप किचन में आते-जाते उन्हें खा लेती हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी किचन से ऐसी चीजों को दूर रखें और इनके स्थान पर हेल्दी फल और सब्जियों को जगह दें।
करें माइंडफुल ईटिंग
आज के समय में ऐसे बेहद कम लोग हैं, जो माइंडफुल ईटिंग करते हों। माइंडफुल ईटिंग का मतलब है प्रॉपर ईटिंग हैबिट्स का अभ्यास करना व भूख और क्रेविंग के बीच अंतर करना। अपने मील को हमेशा पहले से ही प्लॉन करें, साथ ही स्मार्ट ईटिंग करें। मसलन, अगर आपको चॉकलेट की क्रेविंग हो रही हैं तो आप डार्क चॉकलेट का सेवन करें, इस तरह आप कम चीनी का सेवन करेंगी। इसी तरह एक नॉर्मल च्वूइंग गम की जगह शुगरलेस च्वूइंग गम चबाएं और मीठी कैंडी के बजाय स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी या चेरी आदि का सेवन करें।
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चीट डे
हम सभी के भीतर कुछ मीठा या हैवी फूड खाने की इच्छा कभी ना कभी होती है, लेकिन एक ही तरह का डाइट प्लॉन फॉलो करते हुए वह इच्छा कहीं भीतर दब जाती है। कई बार तो व्यक्ति अपने रोजमर्रा के खाने से परेशान होकर ज्यादातर बाहर ही खाने लग जाता है। ऐसे में फूड क्रेविंग को कंट्रोल करने के लिए सप्ताह में एक बार चीट डे जरूर रखें। इस दौरान आप अपनी पसंद का आहार खा सकते हैं। चीट डे होने का एक लाभ यह होता है कि सप्ताह के अन्य छह दिन आपके मन को पता होता है कि आप छुट्टी के दिन खुद को सेलिब्रेट करेंगी, जिसके कारण बाकी छह दिन आपको बहुत अधिक फूड क्रेविंग नहीं होती और अगर होती भी है तो उसे नियंत्रित करना आसान होता है।
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