मांसपेशियों में दर्द, थकान महसूस होना, कमजोरी, आदि जैसे लक्षण बताते हैं कि आपके शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी है। सही समय पर इसका सामाधन नहीं ढूढ़ने पर हमारा शरीर कमजोर और बेजान होता चला जाता है। वहीं इनमें से कई लक्षण बढ़ती उम्र के कारण होते हैं और कुछ पोषक तत्वों की कमी की वजह से होते हैं। आज हम बात करेंगे उन पोषक तत्वों की, जो हमारी सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। डाइट से मिलने वाले इन पोषक तत्वों से शरीर में एनर्जी बनी रहती है।
कैल्शियम हड्डियों और दांतों को हेल्दी रखने के लिए जाना जाता है, लेकिन यह हृदय, मांसपेशियों, और नर्वस सिस्टम के लिए भी आवश्यक है। कैल्शियम की कमी से थकान, मांसपेशियों में दर्द, उंगलियों में झुनझुनी, अनियंत्रित ब्लड प्रेशर की समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं। ऐसे में कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए जरूरी है पर्याप्त मात्रा में आहार का सेवन किया जाए। बादाम, ब्रोकली, अनानास, सीताफल आदि कैल्शियम के मुख्य स्त्रोत हैं।
हड्डियों की सेहत के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है। विटामिन डी की कमी से थकान, मांसपेशियों में दर्द, हड्डियों में दर्द आदि जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। विटामिन डी हड्डियों को सॉफ्ट बनाती है, इससे वजन बढ़ने पर यह हेल्दी तरीके से काम कर पाते हैं। विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए टूना, अंडे या मशरूम जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन हर हफ्ते में कम से कम दो बार करना चाहिए।
पोटेशियम किडनी, दिल और अन्य ऑर्गन को सही तरीके से काम करने में मदद करता है। दस्त या उल्टी, अत्यधिक पसीना, या एंटीबायोटिक दवाओं के परिणामस्वरूप पोटेशियम की कमी हो सकती है। पोटेशियम की कमी से वजन घटना, मांसपेशियों में कमजोरी, कब्ज, पेट में दर्द आदि समस्या हो सकती है। केला, साबुत अनाज, नारियल पानी, पालक, और बीन्स आदि पोटेशियम के समृद्ध स्त्रोत हैं, जिसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
आपके शरीर में आयरन हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन बनाने में मदद करता है, जो शरीर के टिश्यू तक ऑक्सीजन पहुंचाने में सहायता करता है। आपके टिश्यू औऱ मांसपेशियों को प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है, इसलिए आयरन युक्त डाइट का सेवन करना आवश्यक है। शरीर में आयरन की कमी होने से एनीमिया से पीड़ित होने की संभावना रहती है। पालक, चिकन, किशमिश, और शतावरी आदि आयरन के मुख्य स्त्रोत हैं।
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विटामिन बी 12 डीएनए के उत्पादन में मदद करती है, रेड ब्लड सेल को बनाती है और मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर बनाने में भी मदद करती है। विटामिन बी 12 की कमी से डिप्रेशन, लो एनर्जी, सिरदर्द, अनिद्रा जैसी समस्याएं होने की संभावना रहती है। कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो विटामिन बी 12 के मुख्य स्त्रोत हैं, जिसमें मांस, मछली, दूध और पनीर आदि शामिल हैं। सैल्मन और अंडे में विटामिन बी 12 अधिक होता है।
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फोलेट पानी में घुलनशील बी विटामिन है जो कुछ खाद्य पदार्थों में मौजूद है। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलेट बेहद आवश्यक पोषक तत्व होता है, यह बच्चे के जन्म के दौरान होने वाले रिस्क को कम करने में मदद करता है। फोलेट की कमी से सफेद बाल, थकान महसूस होना, मुंह में छाले आदि समस्याएं शुरू हो जाती हैं। बता दें कि हरी पत्तेदार सब्जियों में सबसे अधिक फोलेट पाया जाता है, जिसमें काले, रोमन लेटिस, पालक, शलगम की पत्तियां आदि शामिल हैं।
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