herzindagi
betel leaf remedy for cough cold and throat infection

AQI लेवल बढ़ने से गले में जलन से परेशान हैं तो ये देसी पत्ता करेगा तुरंत मदद, आज ही आजमाएं

इलाज हमेशा दवा की बोतल से नहीं होता। कभी-कभी पीढ़ियों से आपकी मदद करने वाला मामूली पत्ता भी समस्‍या को दूर कर सकता है। प्रदूषण से होने वाली गले की जलन और खांसी में तुरंत राहत पाने के लिए आज ही पान के पत्ते का यह देसी नुस्खा आजमाएं।
Editorial
Updated:- 2025-11-21, 14:53 IST

जब दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण (AQI) का लेवल तेजी से बढ़ता है, तब सबसे पहला असर गले, सांसों और फेफड़ों पर महसूस होता है। हवा में मौजूद धूल, धुआं और हानिकारक कण गले में जलन, खराश, सूखापन और खांसी को बढ़ा देते हैं। ऐसे समय में, आयुर्वेद का गहरा ज्ञान हमें याद दिलाता है कि हर समस्‍या का इलाज दवाओं से नहीं, कई बार प्रकृति में मौजूद चीजों से मिलता है।

हमारे पूर्वजों ने जिन पत्तियों पर भरोसा किया, उनमें पान का पत्ता (Betel Leaf) सबसे खास है। इसका इस्‍तेमाल सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि हीलिंग और ऊर्जा संतुलन के लिए भी किया जाता रहा है।

पान का पत्ता: गले को आराम देने वाली पुरानी और भरोसेमंद दवा

आयुर्वेद के अनुसार, पान के पत्ते में उष्ण वीर्य यानी शरीर को गर्माहट देने वाली प्राकृतिक ऊर्जा होती है। जब ठंड, प्रदूषण या मौसम में बदलाव से कफ बढ़ता है, तब यह कफ शरीर में भारीपन, गले में जलन, खांसी और बंद नाक जैसी समस्याएं लाता है। इन सभी परेशानियों को पान का पत्ता बिना किसी कफ सिरप या दवा के आसान और प्राकृतिक तरीके से शांत करता है। 

betel leave for throat infection

The Diet Therapy की डाइटीशियन श्वेता जे. पंचाल कहती हैं कि अगर इस मौसम में आप पान के पत्ते का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, तो आप एक बेहद आसान, सुरक्षित और असरदार घरेलू उपाय से वंचित हो रही हैं।

गले में जलन का देसी इलाज

इस विधि से गले की जलन, खराश, सूखापन, खांसी और कफ में जल्दी आराम मिलता है।

पान के पत्ते का काढ़ा कैसे बनाएं?

  • पान के 1-2 पत्ते पानी में डालें।
  • इसमें तुलसी के 3-4 पत्ते और 2-3 काली मिर्च डालकर उबालें।
  • इसे कुछ मिनट उबालकर छान लें।
  • गर्म-गर्म पिएं।

सिर्फ 7–10 दिनों तक इसे पीने से ही आप महसूस करेंगी कि गले की जलन कम हो रही है, खांसी शांत हो रही है, कफ पिघलकर निकलने लगा है और गला हल्का और आरामदायक लग रहा है। यह एक ऐसा उपाय है, जिसे हर उम्र का व्यक्ति अपना सकता है।

betel leave kadha for cough

आयुर्वेद में पान के पत्ते का अनोखा महत्व

पान का पत्ता लगभग 2 हजार साल पुरानी उपचार परंपरा का हिस्सा है। आयुर्वेद में इसे कई तरीकों से इस्‍तेमाल किया जाता है-

  • हल्का गर्म करके लेने से सांस खुलती है।
  • पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से खराश कम होती है।
  • शहद के साथ लेने से गले को शांत करता है।
  • स्टीम में डालकर लेने से कंजेशन तुरंत कम होता है।

इसे जरूर पढ़ें: खांसी और बलगम ने कर दिया है परेशान? इस देसी नुस्खे से मिल सकता है आराम

यह एक पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा प्राकृतिक इलाज है, जिसने अनगिनत परिवारों को राहत दी है, क्योंकि असली इलाज वही है, जो दिल और शरीर दोनों को सुकून दे, जिसमें न साइड इफेक्‍ट्स हों, न निर्भरता और कभी-कभी, यह सुकून किसी दवाई की बोतल से नहीं, एक आम हरा-भरा पत्ता लेकर आता है, जिसने सदियों से लोगों का दर्द कम किया है।

इसे जरूर पढ़ें: बलगम से परेशान हैं? ये 1 'जादुई' नुस्खा अपनाएं, बिना दवा सारा जिद्दी कफ निकलेगा बाहर

जी हां, पान के पत्ते का छोटा सा उपाय आपको बड़ी राहत देता है। हरजिंदगी के वेलनेस सेक्शन में हम इसी तरह अपने आर्टिकल्स के जरिए स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में आप तक सही जानकारी पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Shutterstock 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।