क्या आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं?
क्या आप बाल बहुत ज्यादा झड़ते हैं?
साथ ही थकान भी बहुत ज्यादा रहती है?
तो आप अपने शरीर में विटामिन-D लेवल की जांच कराएं।
जी हां, अनेक रोगों जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मल्टीपल स्केलेरोसिस, हार्ट डिजीज, कैंसर आदि की रोकथाम और चिकित्सा के लिए भी विटामिन-D की महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर शरीर में विटामिन-D की कमी होती है तब जोड़ों और मसल्स में दर्द, बालो का झड़ना, थकान, हड्डियों की कमजोरी, ऑस्टिओपोरोसिस आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
यह सारी चीजें इसलिए होती हैं क्योंकि विटामिन-D शरीर के ठीक से काम करने के लिए आवश्यक मात्रा में नहीं होता है। ऐसे में जल्द ही आप सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन कभी-कभी लोग सप्लीमेंट लेने के बाद भी शिकायत करते हैं कि विटामिन-D का लेवल नहीं सुधरता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? तो हम आपको बता दें कि हमेशा धूप लेने से विटामिन-D नहीं बढ़ता है बल्कि यह त्वचा की बुद्धिमत्ता के बारे में है। क्या आपकी त्वचा में सूर्य के प्रकाश को ठीक से अवशोषित करने की क्षमता है? इस बारे में जानना बेहद जरूरी होता है।
आज हम आपको 2 ऐसे आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बता रहे हैं जो आपको शरीर में कम हो रहे विटामिन-D के लेवल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके बारे में हमें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट जीतूंचदन जी विस्तार से बता रही हैं। आइए जानें-
आयुर्वेदिक उपाय नंबर 1- अभ्यंग
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ट्रांसडर्मल हीलिंग, यह त्वचा को सॉफ्ट और अधिक कुशल और दृढ़ बनाती है। यह त्वचा की बुद्धिमत्ता को पुनः प्राप्त करने जैसा है। जब त्वचा विषाक्त पदार्थों से रहित होती है, तब विटामिन-D का एक्टिव रूप त्वचा की फैटी फॉस्फोलिपिड परत में प्रवेश करता है जो विटामिन-D रिसेप्टर्स के साथ बांधता है।
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इस प्रकार यह हमारे शरीर के समग्र कामकाज के लिए ठीक से उपयोग किया जा सकता है। यदि त्वचा का स्वास्थ्य खराब है, तो उचित अवशोषण नहीं होगा।
तो कम विटामिन डी की स्थिति में इस आयुर्वेदिक तरीके को आजमाएं।
आयुर्वेदिक उपाय नंबर 2- गाय का घी
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विटामिन-D एक सनशाइन विटामिन है। इसके मुख्य स्रोत धूप और डाइट हैं। गाय का घी एक ऐसा सुपर फूड है जो दोनों स्रोतों का समर्थन करता है।
ऊपर वाले उपाय में हमने त्वचा की बुद्धि के बारे में बात की जो विटामिन-D के रूपांतरण में मदद करती है। जब यूवी किरणें त्वचा में प्रवेश करती हैं तब यह 7-डीहाइड्रोकोलेस्ट्रोल को प्रीविटामिन-D3 में बदल देती है, फिर शरीर के तापमान से विटामिन-D3 में परिवर्तित हो जाता है।
इससे हम जानते हैं कि प्रीविटामिन में बदलने के लिए त्वचा को कोलेस्ट्रॉल बेस की आवश्यकता होती है। यह गुणवत्ता फैट घी द्वारा आसानी से प्रदान की जा सकती है। इस प्रकार घी सूर्य के प्रकाश के स्रोत का समर्थन करता है।
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दूसरा, घी स्वयं विटामिन-Dका एक बहुत ही अच्छा फूड स्रोत है। घी में विटामिन-D का विशिष्ट रूप से अवशोषित करने योग्य रूप होता है।
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इसलिए अगर आपमें विटामिन-D की कमी है तो इस सुपर फूड से परहेज न करें।
आप भी इन 2 आयुर्वेदिक उपायों की मदद से अपने शरीर में विटामिन-D के लेवल को बढ़ा सकती हैं। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। स्वास्थ्य सलाह से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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