क्या आप तले-भुने, मसालेदार, मीट, मछली और अंडे खाने की शौकीन हैं? ये चीजें भले ही स्वादिष्ट लगती हों, लेकिन आपकी आर्टरीज को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
अगर आप कोलेस्ट्रॉल या दिल की शुरुआती समस्याओं से परेशान हैं, तो एक पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा आपकी मदद कर सकता है। जी हां, हम अर्जुन की छाल के बारे में बात कर रहे हैं। यह कोई जादू नहीं है, बल्कि सदियो से आजमाया हुआ नेचुरल उपाय है, जिसे सही तरीके से इस्तेमाल करने पर कई फायदे मिल सकते हैं। इनके बारे में हमें ग्लोबल होलिस्टिक हेल्थ गुरु और स्पिरिचुअल लाइफ कोच, डॉक्टर मिकी मेहता बता रहे हैं।
अर्जुन की छाल का नुस्खा दिल को कैसे सेहतमंद रखता है?
अर्जुन की छाल एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसे दिल से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसे एक हर्बल चाय की तरह उबालकर पीने से कई तरह से फायदा होता है।
- बैड कोलेस्ट्रॉल होता है कम- अर्जुन की छाल गंदे कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम कर सकती है, जो दिल की बीमारियों का मुख्य कारण है।
- बढ़ता है गुड कोलेस्ट्रॉल- यह जड़ी-बूटी सिर्फ बैड कोलेस्ट्रॉल को ही कम नहीं करती है, बल्कि गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) को भी बढ़ाती है, जो दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- आर्टरीज को करती है साफ- यह आर्टरीज में जमा गंदे कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करती है, जिससे आर्टरीज में ब्लॉकेज का खतरा कम होता है।
- दिल को सुरक्षित रखे- इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स दिल को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं, जो हार्ट सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है।
अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाएं?
अर्जुन की छाल का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। आप इसे एक काढ़े की तरह बना सकती हैं।
- अर्जुन की पेड़ की सूखी छाल के कुछ छोटे-छोटे टुकड़े लें। यह आपको किसी भी आयुर्वेदिक दुकान या ऑनलाइन आसानी से मिल जाएगा।
- एक बर्तन में पानी लें और उसमें अर्जुन की छाल के टुकड़े डालकर अच्छी तरह उबालें।
- जब पानी उबलकर थोड़ा कम हो जाए, तब इसे छान लें।
- इस हल्के गर्म काढ़े को एक हर्बल चाय की तरह धीरे-धीरे पिएं।
आप चाहें तो इसमें थोड़ा शहद या गुड़ भी मिला सकती हैं, लेकिन बिना मीठा मिलाए पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।
यह नुस्खा भले ही फायदेमंद हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप तली-भुनी चीजें बेफिक्र होकर खा सकती हैं। अपनी सेहत का ध्यान रखना सबसे जरूरी है और इसके लिए सही डाइट अपनाना।
अर्जुन की छाल का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से बात करें। अगर आपको पहले से ही दिल की कोई बीमारी है या आप कोई दवा ले रही हैं, तो सलाह लेना बेहद जरूरी हो जाता है। यह आयुर्वेदिक उपाय आपकी दवाओं का विकल्प नहीं है, बल्कि एक सहायक उपचार हो सकता है। याद रखें, दिल एक नाजुक अंग है और इसे आप नेचर की थोड़ी मदद से सावधानी से संभाल सकती हैं।
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Image Credit: Shutterstock
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