Ganesh Chaturthi Bhog: भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 27 अगस्त को मनाया जाता है। इस खास मौके पर लोग गणपति बप्पा को बड़े धूमधाम से अपने घर लेकर आते हैं। साथ ही पूरे विधि-विधान से इनकी स्थापना करते हैं। बप्पा के स्वागत के लिए लोग घर से लेकर मंदिर को फूल, चुनरी और लाइट्स से सजाते हैं। साथ ही उनके प्रिय चीजों,फल और मिठाई का भोग लगाया जाता है। अगर आप भी अपने घर पर गणपति जी को लेकर आ रहे हैं, तो उन्हें मोदक के अलावा और अन्य चीजे अर्पित कर सकते हैं। इस लेख में आज हम आपको 5ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप भोग में शामिल कर सकती हैं।
रसकदम
वैसे तो यह बंगाल की फेमस मिठाई है, लेकिन अगर आप चाहें इसका भोग भगवान गणेश को चढ़ाया जा सकता है। इसमें रसगुल्ला जैसी छोटी सी बॉली होती है, जो खोया या मावा की एक परत में ढकी होती है। इसकी ऊपरी सतह को खसखस से कोट किया जाता है। यही कारण है कि इसे खोयाकदम भी कहा जाता है।
कुछ लोग इसे तरह-तरह के फ्लेवर के साथ बनाते हैं। यह मिठाई त्योहारों पर खासतौर से बनाई जाती है। हालांकि, यह मिठाई पश्चिम बंगाल के साथ ही ईस्ट-इंडियन स्टेट्स और बांग्लादेश में भी काफी लोकप्रिय है।
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मोदक
मोदक भगवान गणेश का सबसे पसंदीदा भोग में से एक माना जाता है। इसे चावल के आटे, नारियल, गुड़ और घी से बनाया जाता है। आप स्टीम्ड या फ्राइड मोदक बना सकते हैं। मोदक के अंदर मीठा भराव ताज़ा कसा हुआ नारियल और गुड़ से बना होता है।
वैसे तो मोदक बनाने का सबका अपना अलग तरीका होता है। मगर इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मोदक मुलायम हों, क्योंकि इससे बनाया ही मुलायम होने की वजह से था। ऐसा कहा जाता है कि जब गणेश जी के दांत टूट गए थे, तब उनके लिए मोदक बनवाए गए थे। मोदक मुलायम होते हैं, इसलिए इन्हें चबाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
लड्डू
गणेश जी को बेसन के लड्डू, तिल के लड्डू, बूंदी के लड्डू या मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाया जाता है। लड्डू को गणेश जी के विशेष प्रसाद के रूप में माना जाता है। आप भी पूजा करते वक्त भोग लगा सकते हैं। हालांकि, लड्डू कई तरह से तैयार किए जा सकते हैं, लेकिन सिंपल लड्डू को आटे, घी और चीनी से बनाया जाता है।
इसके अलावा, आप बेसन, सूजी, नारियल या गोंद के भी लड्डू तैयार कर सकते हैं। इनका स्वाद मीठा और स्वादिष्ट होता है, और ये सभी उम्र के लोगों में बहुत पसंद किए जाते हैं। अगर आप चाहें लड्डू त्योहार, प्रसाद और खास मौके पर तैयार कर सकते हैं।
पानी और नारियल
इसे जलार्पण या जल-भोग भी कहा जाता है। पानी का भोग भगवान को समर्पित करते समय यह माना जाता है कि भक्त अपनी शुद्ध भावनाएं और श्रद्धा अर्पित कर रहा है। पूजा के अंत में यह पानी भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
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वहीं, नारियल को शुभ और पवित्र माना जाता है। इसे भगवान को अर्पित करने से समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। पूजा के दौरान नारियल को तोड़ा जाता है और फिर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
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