हलीम बिरयानी का नाम सुनते ही हैदराबाद का नाम आता है क्योंकि यहां की फेमस डिश हलीम और बिरयानी है। यही वजह है कि हैदराबादी अक्सर कहते है कि ..यार हैदराबाद आ तुझे हलीम-बिरयानी खिलाऊंगा। खुशबूदार मसालों से तैयार किए गए ये व्यंजन हर किसी की भूख बढ़ाने के लिए काफी हैं। हालांकि, हलीम जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही इसे बनाना मुश्किल है।
खुशबूदार मसालों से तैयार किए गए ये व्यंजन हर किसी की भूख बढ़ाने के लिए काफी हैं। प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत हलीम को माना जाता है। रमजान या ईद के खास मौके पर मटन बनाया जाता है। यह खाने में बेहद टेस्टी और पौष्टिक होता है। रमजान के महीने में तो हलीम हर जगह बिकना शुरू हो जाता है।
कई घरों पर हलीम बनता भी है, मगर हर कोई हलीम सही तरह से नहीं बना पाता और अगर बना भी लेता है तो कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है। अक्सर हलीम सख्त हो जाता है। इसके कारण खाने का मजा किरकिरा होता है। इसलिए हलीम को बनाते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
आज हम आपके लिए ऐसे टिप्स लेकर आए हैं, जो यकीनन आपके बेहद काम आएंगी। क्या आप जानना चाहते हैं परफेक्ट हलीम बनाने के लिए क्या करना चाहिए, तो इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें।
हलीम को ज्यादा पकाएं
अक्सर लोग हलीम को ज्यादा नहीं पकाते हैं और फिर घोट देते हैं। मगर ऐसा करने से न सिर्फ मेहनत लगती है, बल्कि खाने में मजा भी नहीं आ पाता। इसलिए, बेहतर होगा कि आप हलीम को अच्छी तरह से पका लें और फिर मटन या मीट में डालें।
इसके लिए सबसे पहले हलीम को अच्छी तरह से धोकर पानी में भिगोकर रख दें। (क्या है हलीम) फिर कुकर में पानी, हल्दी और नमक डालकर हलीम को पकने के लिए छोड़ दें। लगभग 4 सीटी लगाएं और फिर इस्तेमाल करें।
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फ्रेश मटन करें इस्तेमाल
हलीम को सूप की तरह खाया जाता है। ऐसे में इसमें तमाम चीजें फ्रेश इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे, तो इसमें बदबू आने लगती है जो खाते वक्त महसूस भी होती है। खासकर मटन खाते वक्त, इसलिए बेहतर होगा कि जब भी आप मटन को खरीदें तो पक्का कर लें कि यह ताजा हो।
साथ ही, मटन के सही टुकड़े भी जरूरी होते हैं। इससे पकाने में आसानी होती है। जब भी आप दुकान से मटन कटवाएं तो सामने का पैर, कंधे, पिछले पैर, पसलियों, गर्दन और कंधे के हिस्से पर खास ध्यान दें, क्योंकि यहां का मांस ज्यादा स्वादिष्ट होता है।
मटन की मैरिनेशन है जरूरी
मटन को चिकन की तरह ही मैरिनेट करना जरूरी होता है, लेकिन हम यह बात भूल जाते हैं कि दोनों को मैरिनेट करने का तरीकाऔर पकाने के समय में काफी अंतर होता है। चिकन को 3-4 घंटे तक मैरिनेट किया जाता है, क्योंकि यह सॉलिड फाइबर होता है।
मटन को कम से कम 8 घंटे तक मैरिनेट किया जाना चाहिए। हालांकि, अगर आप चाहती हैं कि मटन परफेक्ट बने तो इसके लिए इसे रात भर रेफ्रिजरेटर में रख दें। ऐसा करने से मटन परफेक्ट मैरिनेट होगा।
दाल का करें इस्तेमाल
बहुत कम लोग हलीम बनाते वक्त दालों का इस्तेमाल करते हैं। अगर देखा जाए तो हलीम बनाते वक्त दालों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। हालांकि, कई लोग धुली हुई दालों का इस्तेमालकरते हैं, लेकिन बेहतर होगा कि आप छिलके वाली दालों का इस्तेमाल करें।
इस बात का ध्यान रखें कि हलीम और दाल को एक साथ बिल्कुल भी न पकाएं। ऐसा करने से दाल बिल्कुल पक जाएगी और हलीम कच्चा रह जाएगा। बेहतर होगा कि आप दोनों चीजों को अलग-अलग पकाएं।
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कितनी आंच पर पकाएं?
हलीम को पकाने का एक तरीका होता है। जैसे दाल को पकाते समय गैस की फ्लेम का खास ध्यान रखना चाहिए। वहीं, मटन को तेज आंच और लंबे समय तक नहीं पकाना चाहिए। इससे मटन हार्ड हो जाता है, जिसके कारण खाने में परेशानी आती है। इसलिए कम आंच पर ही मटन को पकाएं। इससे मटन जूसी हो जाता है। कम आंच पर पकाने से फ्लेवर भी अच्छा आता है।
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