एम्नियोसेंटेसिस एक ऐसा टेस्ट है जिसमें यूट्रस में एम्नियोटिक द्रव शामिल होता है। चूंकि फीटस एम्नियोटिक द्रव में होता है इसलिए फीटस के कुछ सेल्स एम्नियोटिक द्रव के साथ मिश्रित होते हैं। यह जांच डाउन सिंड्रोम, थैलेसीमिया, सिकल सेल डिजीज और अन्य बीमारियों जैसे जेनेटिक दोषों और असामान्यताओं के विश्लेषण के लिए किया जाता है। इन सेल्स की जांच से फीटस के स्वास्थ्य के बारे में कुछ आवश्यक और उपयोगी जानकारी मिलती है।
यह कैसे निर्धारित होता है कि महिला इसके हाई जोखिम में है?
बहुत सारे ऐसे कारण हैं जो जेनेटिक दोषों के साथ पैदा होने के लिए फीटस को अधिक सेंसिटिव बना सकते हैं। अगर पहले से टेस्ट नहीं किया गया हो तो यह माता-पिता के लिए चिंता और अप्रत्याशित एंग्जायटी का कारण बन सकता है। नीचे कुछ कारण दिए गए हैं जो जेनेटिक कंडीशन के जोखिम को बढ़ाते हैं:
- अगर महिला की उम्र 35 से अधिक हो।
- अगर फैमिली में जेनेटिक कंडीशन्स जैसे थैलेसीमिया, सिकल सेल रोग की हिस्ट्री हो
- अगर एक अल्ट्रासाउंड टेस्ट से कुछ असामान्यताओं का पता चला हो जो फीटस के क्रोमोसोमल संबंधी विसंगतियां से जुड़े हो।
- अगर पहले महिला का मेजर जेनेटिक दोष वाला बच्चा हुआ हो।
एम्नियोसेंटेसिस की प्रक्रिया क्या है?
टेस्ट प्रेग्नेंसी के सेकंड ट्राइमेस्टर के दौरान किया जाता है, आपकी प्रेग्नेंसी के 16 वें से 24 वें हफ्ते के बीच। यह प्रक्रिया आपके डॉक्टर के क्लिनिक में होती है। अल्ट्रासाउंड की मदद से डॉक्टर एम्नियोटिक द्रव तक पहुंचने के लिए आपके पेट में एक पतला इंजेक्शन डालते हैं। द्रव का एक अंश बाहर निकाला जाता है और फिर आगे के टेस्ट के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है। एम्नियोसेंटेसिस सुरक्षित है और शायद ही कभी इसकी दर्दनाक प्रक्रिया होने की खबरें आई हैं।
एम्नियोसेंटेसिस से संबंधित जटिलताओं के 1000 मामलों में 1 से 3 हैं। आप पहले से तय कर सकती हैं कि आप किस जेनेटिक कंडीशन का टेस्ट करवाना चाहती हैं।
रिजल्ट मिलने के बाद क्या होता है?
अगर रिजल्ट में आपके बच्चे को जेनेटिक कंडीशन के साथ पैदा होने का खतरा होता है, तो ऐसे स्टेप्स हैं जिन्हें आप और अधिक कंफर्म रिजल्ट पाने के लिए आगे टेस्ट का विकल्प चुन सकती हैं। अगर आप प्रेग्नेंसी को समाप्त करने का निर्णय लेती हैं तो डॉक्टर से परामर्श कर सकती हैं।
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अपने अजन्मे बच्चे की चिंताजनक स्थिति माता-पिता के लिए निरंतर चिंता का कारण बनती है। ये टेस्ट इन चिंताओं को कुछ हद तक कम करने में मदद करते हैं।
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फीटल मेडिसिन में कंसल्टेंट और हाई- रिस्क ऑब्स्टेट्रिक्स केयर डॉक्टर प्रशांत आचार्य, (एमडी एफआईसीओजी) को एक्सपर्ट सलाह के लिए विशेष धन्यवाद। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।