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शादी में मामा को क्यों दिया जाता है भात का न्योता? जानें इसके पीछे की परंपरा

शादी से पहले एक रस्म जरूर निभाई जाती है, जिसे भात बोलते हैं। यह मम्मी अपने मायके के लोगों को शादी में न्योता देने के लिए निभाती हैं। आइए इसके पीछे की इस खास परंपरा को जानते हैं। साथ ही इसे कैसे किया जाता है। इसके बारे में भी विस्तार से पढ़ते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-11-04, 20:31 IST

शादी का सीजन चल रहा है। ऐसे में कई सारे लोगों के घरों में शादी की तैयारियां भी चल रही होंगे। वहीं कुछ के घर में सिर्फ शादी के कार्ड ही प्रिंट हुए होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि शादी से कुछ समय पहले कुछ खास रिश्तेदारों को न्योता देने के लिए एक रस्म होती है, जिसे भात कहते हैं। इस भात की रस्म को मम्मी के मायके में जाकर करनी होती है। यह एक तरह का न्योता होता है, जो मामा को शादी के लिए दिया जाता है। इस रस्म को उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भात कहते हैं। इसमें मामा को शादी का कार्ड देकर न्योता दिया जाता है।

शादी में मामा को क्यों दिया जाता है भात का न्योता?

भारतीय शादियों में हर रस्म और रीति-रिवाज का अपना खास महत्व होता है। इन्हीं में से एक है भात का न्योता। जिसे खासतौर पर मामा को दिया जाता है। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसके पीछे गहरा भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं आखिर क्यों मामा को भात का न्योता दिया जाता है और इसका असली अर्थ क्या है।

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भात का न्योता क्या होता है?

  • भात का न्योता एक पारंपरिक आमंत्रण है जो शादी से पहले दिया जाता है। इस रस्म के तहत मामा को अपनी भांजी या भांजे की शादी में आने और उपहार देने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया जाता है।
  • भात शब्द का अर्थ होता है चावल या अन्न, और यह समृद्धि, शुभता और जीवन निर्वाह का प्रतीक माना जाता है।

मामा को ही क्यों दिया जाता है न्योता?

  • भारतीय परंपरा में मामा का स्थान विशेष माना गया है। वह न केवल परिवार का सदस्य होता है, बल्कि मां का प्रतिनिधि भी माना जाता है।
  • मामा का कर्तव्य होता है कि वह अपनी भांजी या भांजे की शादी में समर्थन, सहयोग और आशीर्वाद दे।
  • पुराने समय में मामा ही अपनी बहन के बच्चों के लिए पहली शादी का खर्च या गिफ्ट देने की जिम्मेदारी निभाते थे। इसीलिए मामा को भात का न्योता देना सम्मान और अभिव्यक्ति माना जाता है।

भात की रस्म कैसे की जाती है?

इस रस्म में शादी से कुछ दिन पहले लड़की या लड़के के घर से एक थाल सजाकर मामा के घर भेजा जाता है। इस थाल में शामिल होते हैं...

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मामा इस निमंत्रण को स्वीकार कर शादी में शामिल होने का वचन देते हैं और शादी के दिन भात लेकर अपनी बहन के घर आते हैं।

शादी में मामा को भात का न्योता देना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि प्यार, सम्मान और रिश्तों की गहराई का प्रतीक है। यह रस्म हमें याद दिलाती है कि भारतीय परिवारों में हर रिश्ते की अपनी जगह और अहमियत होती है। मामा का भात केवल उपहार नहीं, बल्कि उनके स्नेह और आशीर्वाद देते हैं।

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Image Credit- Freepik/ Gemini

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