बचपन से हम सुनते आए हैं कि पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक जैसा नहीं होना चाहिए। इसलिए, शादी के समय दोनों का ब्लड ग्रुप चेक कराया जाता है। अगर दोनों का ब्लड ग्रुप एक जैसा होता है, तो डॉक्टर से सलाह ली जाती है कि क्या शादी करनी चाहिए या नहीं। ऐसा इसलिए, क्योंकि माना जाता है कि एक जैसा ब्लड ग्रुप होने से कंसीव करने में दिक्कत आती है, बेबी में अब्नोर्मलिटी हो सकती है और बार-बार मिसकैरेज होता है। इस बात में कितनी सच्चाई है? आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे। इस बारे में हमें नवी मुंबई के मेडिकवर हॉस्पिटल की कंसल्टेंट फिजिशियन और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ अहमद खान बता रही हैं।
एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट का कहना है, ''अगर पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप एक जैसा होता है, तो इसका उनके स्वास्थ्य पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। इसका मतलब है कि उन्हें अपने माता-पिता से ब्लड ग्रुप विरासत में मिला है। एक जैसा ब्लड ग्रुप होने का एक फायदा यह भी है कि वह एक-दूसरे को ब्लड डोनेट कर सकते हैं।''
पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप होने से क्या होता है?
डॉ अहमद खान का यह भी कहना है, ''कुछ मामलों में, यदि महिलाओं का ब्लड ग्रुप आरएच नेगेटिव और पति का आरएच-पॉजिटिव (उदाहरण के लिए A+ और A-।) होता है, तो प्रेग्नेंसी के समय कुछ समस्याएं हो सकती हैं। यदि बच्चे को पिता के आरएच-पॉजिटिव फैक्टर मिलते हैं, तो आरएच इनकम्पेटिबिलिटी नाम की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, अगर पहली प्रेग्नेंसी में शिशु का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव होता है, तो डिलीवरी के समय उसके ब्लड सेल्स मां के ब्लड स्ट्रीम में जाते हैं। मां का इम्यून सिस्टम बच्चे के ब्लड के खिलाफ कुछ एंटीबॉडीज बनाता है, जिससे फीटल अब्नोर्मलिटी और प्रेग्नेंसी के दौरान मिसकैरेज जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।''
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कपल का ब्लड ग्रुप एक होने पर करें यह उपाय
इन जटिलताओं को कंट्रोल करने के लिए आरएच इम्यून ग्लोब्युलिन इंजेक्शन जैसे मेडिकल प्रोसेस लेने चाहिए। इससे ‘आरएच’ पॉ़जिटिव ब्लड सेल्स और एंटीबॉडीज को बेअसर किया जाता है। साथ ही, प्रेग्नेंसी के दौरान कराए जाने वाले ब्लड टेस्ट में एंटीबॉडी लेवल टेस्ट किया जाता है। प्रेग्नेंसी में यह इंजेक्शन लेना जरूरी होता है।
यह बात सभी कपल को मालूम होनी चाहिए कि इन जटिलताओं को मैनेज किया जा सकता है और एक जैसे ब्लड ग्रुप वाले कपल हेल्दी बच्चे को जन्म दे सकते हैं। इसके अलावा, जो कपल माता-पिता बनना चाहते हैं, उन्हें एक दूसरे के ब्लड ग्रुप के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। पार्टनरएचआईवी पॉजिटिवया अन्य यौन रोगों से संक्रमित तो नहीं है, यह पता लगाने के लिए शादी से पहले ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। इस बात की जानकारी से कपल इन गंभीर बीमारियों के संपर्क में आने से बच जाते हैं।
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