पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक ऐसी कंडीशन है जो महिलाओं में हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है। यह हार्मोनल डिसऑर्डर आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में होता है और एक महिला की ओवरीज की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। पीसीओएस/पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में सामान्य से अधिक मात्रा में मेल हार्मोन उत्पन्न होते हैं। इस कारण उनकी मेंस्ट्रुअल साइकिल अनियमित रहती है और उन्हें प्रेग्नेंट होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अनियमित मेंस्ट्रुएशन का मतलब है कि ओवरीज नियमित रूप से ओवुलेट नहीं कर रही हैं। इस कंडीशन से पीड़ित महिलाओं को असामान्य से हैवी पीरियड्स का अनुभव होता हैं, उनके पीरियड्स साइकिल में 35 दिनों से अधिक का अंतराल और सालभर में नौ पीरियड्स से कम हो सकते हैं।
पीसीओएस/पीसीओडी चेहरे और शरीर पर बालों के बहुत ज्यादा ग्रोथ का कारण भी बनता है और इससे गंजापन भी हो सकता है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं और डायबिटीज जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इस हार्मोनल असंतुलन का इलाज डायबिटीज की दवाओं और बर्थ कंट्रोल पिल्स के उपयोग से किया जाता है।
पीसीओएस/पीसीओडी के लक्षण
पीसीओएस/पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में देखे जाने वाले कुछ सबसे सामान्य लक्षण हैं:
- वजन बढ़ना, खासकर कमर के आसपास
- वजन कम करने में कठिनाई
- शरीर के विभिन्न भागों में बालों का ज्यादा उगना, बालों का पतला होना या स्कैल्प से बालों का झड़ना
- चेहरे, चेस्ट और पीठ के ऊपरी हिस्से पर मुंहासे होना
- ऑयली त्वचा
- मूड स्विंग्स
- थकान
- चेहरे की त्वचा पर काले धब्बे
- पेल्विक एरिया में दर्द
- इनफर्टिलिटी या गर्भधारण में परेशानी
- डिप्रेशन
- पॉलीसिस्टिक ओवरीज - इस कंडीशन में ओवरीज बढ़ी हो जाती हैं और एग्स के आसपास कई द्रव से भरे थैली होती हैं।
- मेंस्ट्रुअल साइकिल का अनियमित, असामान्य या लंबे समय तक रहना।
पीसीओएस/पीसीओडी का डायग्नोसिस
पीसीओएस भारत में 5 मिलियन महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक सामान्य मेडिकल कंडीशन है। इस कंडीशन का डायग्नोसिस करने के लिए नीचे दिए गए लक्षणों में से दो या अधिक प्रमाण पर्याप्त हैं
- फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन, एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन, सेक्स हार्मोन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन, ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन, एंटी-मुलेरियन हार्मोन आदि जैसे कुछ निश्चित हार्मोन का हाई स्तर।
- अनियमित और असामान्य पीरियड्स
- 12 सिस्ट या अधिक की मौजूदगी। सिस्ट का पता सोनोग्राफी की सहायता से लगाया जाता है क्योंकि यह ओवरीज की आंतरिक संरचना का बढ़ा हुआ दृश्य प्रदान करता है जिससे किसी भी असामान्य वृद्धि (सिस्ट) की उपस्थिति का पता लगाना आसान हो जाता है।
यदि आप मेंस्ट्रुअल साइकिल में होती परेशानी, गर्भधारण में असमर्थता, एण्ड्रोजन के स्तर में विस्तार या ऊपर बताए गए लक्षणों में से किसी भी परेशानी का सामना कर रहे हैं तो कृपया एक ट्रेन्ड मेडिकल प्रोफेशनल से परामर्श करें। डॉक्टर ब्लड टेस्ट्स कराने का सुझाव देगा और आपके शरीर और ओवरीज की शारीरिक जांच करेगा। हालांकि, पीसीओएस/पीसीओडी का पता लगाने के लिए खास टेस्ट्स की सलाह देने से पहले डॉक्टर थायरॉइड की संभावना को खारिज करेंगे।
डॉक्टर आमतौर पर आपके स्वास्थ्य इतिहास के विवरण के साथ शुरू करेंगे, जिसमें आपके परिवार में पीसीओएस का कोई इतिहास, वजन परिवर्तन पैटर्न और मेंस्ट्रुअल साइकिल चार्ट शामिल हैं। एडवांस और अधिक निश्चित डायग्नोसिस के लिए, डॉक्टर निम्नलिखित सुझाव दे सकते हैं:
- शारीरिक जांच: ब्लड प्रेशर, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), कमर के साइज को नापना, साथ ही चेहरे, सीने और पीठ पर जरूरत से ज्यादा बाल, मुंहासे और स्किन डिसकलरेशन की जांच करना। ये सभी लक्षण पीसीओएस के सामान्य संकेत हैं और इसलिए डॉक्टर इनमें से किसी भी संकेत के लिए आपके शरीर की पूरी तरह से जांच करेंगे। डॉक्टर आपकी प्रेग्नेंसी के इतिहास को जानना चाहेंगे और यह भी कि क्या आपकी मां या परिवार की अन्य महिलाएं पीसीओएस से पीड़ित हैं।
- पेल्विक जांच: किसी भी तरह के मासेज की ग्रोथ और अन्य असमानताओं के निरीक्षण के लिए पेल्विस की जांच की जाती है। एक नियमित जांच की तरह डॉक्टर सर्विक्स, वेजाइना, फैलोपियन ट्यूब, यूट्रस, रेक्टम और ओवरीज सहित शरीर के हिस्से का निरीक्षण करेगा। किसी भी असामान्य खोज के बाद इन्वेसिव टेस्ट्स और प्रक्रियाओं के दौर की आवश्यकता हो सकती है।
- पेल्विक अल्ट्रासाउंड ओवरीज में सिस्ट की जांच करता है और एंडोमेट्रियम (यूट्रस की लाइननिंग) का निरीक्षण करता है। इसे सोनोग्राम भी कहा जाता है, जब आप लेटे होते हैं तो डॉक्टर आपकी वेजाइना में अल्ट्रासाउंड डिवाइस रखते हैं तब ये टेस्ट आपकी ओवरीज की एक इमेज बनाता है। डॉक्टर इसके बाद यूट्रस वॉल की लाइनिंग का स्क्रीन पर निरिक्षण कर ओवरीज की जांच करेंगे कि कहीं उनमें कोई सिस्ट तो नहीं है। असामान्य मेंस्ट्रुअल साइकिल के मामले में लाइनिंग सामान्य से अधिक मोटी दिखाई देगी।
- ब्लड टेस्ट्स: एंड्रोजन हार्मोन के स्तर की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट किए जाते हैं। डॉक्टर हार्मोन संबंधी अन्य समस्याओं जैसे थायरॉयड के लिए भी जांच करेंगे। कोलेस्ट्रॉल के स्तर और डायबिटीज जांचने के लिए भी टेस्ट किए जा सकते हैं। एकत्रित किए गए ब्लड सैंपल्स की जांच विभिन्न हार्मोंनों जैसे- फॉलिकल-स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन, एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन, सेक्स हार्मोन बाइंडिंग ग्लोबयुलिन, ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन, एंटी-मुलेरियन हार्मोन आदि के स्तर का पता लगाने के लिए की जाती है।
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पीसीओएस/पीसीओडी का इलाज
इस सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है, लेकिन हालत को मैनेज करने के बेहतर तरीके हैं। इसके लिए जरूरी दवाओं के साथ जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है। पीसीओएस का इलाज इनफर्टिलिटी, हिर्सुटिज़्म, मुंहासे या मोटापे जैसी व्यक्तिगत चिंताओं पर केंद्रित होता है, जिसमें शामिल हो सकते हैं:)
- हार्मोनल बर्थ कंट्रोल या कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स या इंट्रा यूटेराइन डिवाइस (IUD)
- बर्थ कंट्रोल पिल्स का कॉम्बिनेशन
- पिल्स की जगह स्किन पैच या वेजाइनल रिंग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- एंटी-एंड्रोजन दवाएं
पीसीओएस महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक सामान्य हार्मोनल कंडीशन है। बीमारी की पहचान होने पर जीवनशैली में बदलाव, सही दवाओं और ट्रीटमेंट के साथ इसे आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
एक्सपर्ट सलाह के लिए डॉक्टर राखी सिंह (एमबीबीएस, डीजीओ, डीआरएम, डीपीई, एफआईसीओजी, एफआईएओजी, सीनियर कंसल्टेंट और IVF स्पेशलिस्ट) को विशेष धन्यवाद।
Reference:
https://www.healthline.com/health/polycystic-ovary-disease#what-is-pcos
https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/pcos/symptoms-causes/syc-20353439
https://www.webmd.com/women/what-is-pcos#1
https://www.webmd.com/women/ss/slideshow-pcos-overview
https://www.womenshealth.gov/a-z-topics/polycystic-ovary-syndrome
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